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कोरबा में स्मार्ट मीटर का विरोध, गरीब बोले पहले सेठों के घर लगवाओ - Protest against smart meter

Protest against smart meter कोरबा में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरु हो चुका है.लेकिन स्मार्ट मीटर को लेकर गरीब जनता विरोध दर्ज करा रही है. स्थानीय लोगों की माने तो इससे उन्हें किसी तरह का कोई फायदा नहीं होगा.Demand from government to install old meter

Protest against smart meter
कोरबा में स्मार्ट मीटर का विरोध (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 6, 2024, 7:43 PM IST

कोरबा : मोबाइल रिचार्ज की तरह अब बिजली मीटर को प्रीपेड रिचार्ज करना पड़ेगा. कोरबा जिले के शहरी क्षेत्र में इसकी शुरुआत हो चुकी है. पहले चरण में एक लाख से अधिक लोगों के घर में स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं. फिलहाल शहर के झुग्गी झोपड़ी वाले इलाकों में इसे लगाया जा रहा है. स्मार्ट मीटर लगने से खासतौर पर झुग्गी झोपड़ी और बस्ती के लोगों में आक्रोश हैं. उनका कहना है कि ये योजना गरीबों के लिए घातक है. आधी रात अगर बिजली कट गई और अकाउंट में पैसे नहीं हुए, तब तो सारी रात बिना बिजली के ही बितानी पड़ेगी.




पहले चरण में इतने लोगों का घर स्मार्ट मीटर: पहले चरण में 1 लाख 25 हजार उपभोक्ताओं के मकानों में स्मार्ट मीटर लगेंगे. कोरबा के तुलसीनगर जोन से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की शुरुआत हुई है. जोन अंतर्गत आने वाले कोहडिया, ढोढ़ीपारा, कृष्णा नगर और गायत्री नगर के मकानों में नए मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है. अब तक 1 हजार से अधिक मकानों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जा चुका है. हालांकि अभी नए मीटर में रिचार्ज की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी. फिलहाल पहले की तरह ही रीडिंग करके बिल भेजा जाएगा. अधिकांश क्षेत्र में नए मीटर लगने के बाद रिचार्ज सिस्टम लागू किया जाएगा.

कोरबा में स्मार्ट मीटर का विरोध (ETV Bharat Chhattisgarh)
2 साल के भीतर सभी उपभोक्ताओं के घर में स्मार्ट मीटर : वितरण विभाग के अधिकारियों के अनुसार स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली ठेका कंपनी को जिले के शहरी क्षेत्र में 1 लाख 25 हजार और ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 1 लाख नए मीटर लगाना है. इसके लिए कंपनी को 2 साल का समय मिला है. ठेका कंपनी निर्धारित समय से पहले ही कार्य पूरा करने की कोशिश में लगी है. कंपनी को पूर्व में कई राज्यों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का अनुभव है. स्मार्ट मीटर लगने के बाद ईटीवी भारत के टीम ढोढीपारा बस्ती में पहुंची. यहां की निवासी अनीता साहू ने बताया कि स्मार्ट मीटर कोई फायदा नहीं है. अब तक तो हम महीने भर का बिल एक साथ चुकता करते थे. लेकिन हम मिडिल क्लास लोग हैं. हमेशा हमारे पास पैसे नहीं होते.

''अकाउंट में पैसे नहीं हुए तो रिचार्ज कहां से करेंगे. दूसरी तरफ रिचार्ज खत्म हुआ तो आधी रात को बिजली कट जाएगी. मध्यम वर्ग के लोगों के लिए योजना बेहद घातक है.'' अनीता साहू, रहवासी


आम जनता विरोध में उतरी : वहीं मजदूरी का काम करने वाले रमेश कुमार का कहना है कि स्मार्ट मीटर हमारे घर में लगा दिया गया है. जिससे हमें काफी परेशानी हो रही है. हर दो-तीन साल में बिजली विभाग वाले मीटर बदल देते हैं. जिसके बाद प्रीपेड करने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचेगा. वहीं गृहणी कावेरी बाई के मुताबिक उन्हें स्मार्ट मीटर बिल्कुल नहीं चाहिए. स्थानीय मंत्री लखन लाल देवांगन से डिमांड है कि वह तत्काल इस मीटर को उखाड़ कर ले जाने का इंतजाम करें और पुराना वाला मीटर ही लगा रहने दें.

विरोध के बाद भी काम जारी : लोग भले ही इसका विरोध कर रहे हो. लेकिन बिजली विभाग ने पुराने मीटर को उखाड़कर लोगों के घरों में नए मीटर लगा दिए हैं. आने वाले कुछ ही दिनों में उन्हें बिजली को भी प्रीपेड रिचार्ज करना होगा. इसके बाद ही आम लोग बिजली का उपयोग कर सकेंगे. बिजली विभाग की माने तो इससे लोड का सही आकलन होगा. बिजली की चोरी रुकेगी और नई टेक्नोलॉजी से कई फायदे होंगे.


चोरी रुकेगी, नई टेक्नोलॉजी का फायदा : इस संबंध में विद्युत वितरण विभाग के अधीक्षण अभियंता पीएल सिदार का कहना है स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू कर दिया गया है. ट्रांसफार्मर में कम्युनिकेशन डिवाइस भी लगाया गया है. इससे हमें यह पता चलेगा कि किसी उपभोक्ता ने कितनी बिजली का उपयोग किया है.

''किसी ट्रांसफार्मर का लोड कितना है और कितने बिजली की खपत हुई, कितने बिजली की चोरी हुई. सब कुछ विभाग के निगरानी में रहेगा. निश्चित तौर पर यह नई टेक्नोलॉजी है. जिसका फायदा उपभोक्ता और विभाग दोनों को मिलेगा.''- पीएल सिदार, अधीक्षण अभियंता, सीएसपीडीसीएल

आपको बता दें कि बिजली कंपनी कोशिश बिजली चोरी रोकने साथ-साथ लोगों तक सुविधा पहुंचाना है.लेकिन समस्या ये है कि इसकी शुरुआत उन जगहों से की गई है जो रोज कमाते खाते हैं.ऐसे में उन्हें अब घर में रोशनी के लिए पहले ही रिचार्ज कराना होगा.यदि कोई इससे चूक जाता है तो उसके घर में बिजली रानी नहीं आएगी.फिलहाल इंतजाम पहले की ही तरह है .लेकिन मीटर का काम पूरा होने के बाद रिचार्ज सिस्टम लागू होगा.

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पहले चरण में इतने लोगों का घर स्मार्ट मीटर: पहले चरण में 1 लाख 25 हजार उपभोक्ताओं के मकानों में स्मार्ट मीटर लगेंगे. कोरबा के तुलसीनगर जोन से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की शुरुआत हुई है. जोन अंतर्गत आने वाले कोहडिया, ढोढ़ीपारा, कृष्णा नगर और गायत्री नगर के मकानों में नए मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है. अब तक 1 हजार से अधिक मकानों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जा चुका है. हालांकि अभी नए मीटर में रिचार्ज की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी. फिलहाल पहले की तरह ही रीडिंग करके बिल भेजा जाएगा. अधिकांश क्षेत्र में नए मीटर लगने के बाद रिचार्ज सिस्टम लागू किया जाएगा.

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2 साल के भीतर सभी उपभोक्ताओं के घर में स्मार्ट मीटर : वितरण विभाग के अधिकारियों के अनुसार स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली ठेका कंपनी को जिले के शहरी क्षेत्र में 1 लाख 25 हजार और ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 1 लाख नए मीटर लगाना है. इसके लिए कंपनी को 2 साल का समय मिला है. ठेका कंपनी निर्धारित समय से पहले ही कार्य पूरा करने की कोशिश में लगी है. कंपनी को पूर्व में कई राज्यों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का अनुभव है. स्मार्ट मीटर लगने के बाद ईटीवी भारत के टीम ढोढीपारा बस्ती में पहुंची. यहां की निवासी अनीता साहू ने बताया कि स्मार्ट मीटर कोई फायदा नहीं है. अब तक तो हम महीने भर का बिल एक साथ चुकता करते थे. लेकिन हम मिडिल क्लास लोग हैं. हमेशा हमारे पास पैसे नहीं होते.

''अकाउंट में पैसे नहीं हुए तो रिचार्ज कहां से करेंगे. दूसरी तरफ रिचार्ज खत्म हुआ तो आधी रात को बिजली कट जाएगी. मध्यम वर्ग के लोगों के लिए योजना बेहद घातक है.'' अनीता साहू, रहवासी


आम जनता विरोध में उतरी : वहीं मजदूरी का काम करने वाले रमेश कुमार का कहना है कि स्मार्ट मीटर हमारे घर में लगा दिया गया है. जिससे हमें काफी परेशानी हो रही है. हर दो-तीन साल में बिजली विभाग वाले मीटर बदल देते हैं. जिसके बाद प्रीपेड करने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचेगा. वहीं गृहणी कावेरी बाई के मुताबिक उन्हें स्मार्ट मीटर बिल्कुल नहीं चाहिए. स्थानीय मंत्री लखन लाल देवांगन से डिमांड है कि वह तत्काल इस मीटर को उखाड़ कर ले जाने का इंतजाम करें और पुराना वाला मीटर ही लगा रहने दें.

विरोध के बाद भी काम जारी : लोग भले ही इसका विरोध कर रहे हो. लेकिन बिजली विभाग ने पुराने मीटर को उखाड़कर लोगों के घरों में नए मीटर लगा दिए हैं. आने वाले कुछ ही दिनों में उन्हें बिजली को भी प्रीपेड रिचार्ज करना होगा. इसके बाद ही आम लोग बिजली का उपयोग कर सकेंगे. बिजली विभाग की माने तो इससे लोड का सही आकलन होगा. बिजली की चोरी रुकेगी और नई टेक्नोलॉजी से कई फायदे होंगे.


चोरी रुकेगी, नई टेक्नोलॉजी का फायदा : इस संबंध में विद्युत वितरण विभाग के अधीक्षण अभियंता पीएल सिदार का कहना है स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू कर दिया गया है. ट्रांसफार्मर में कम्युनिकेशन डिवाइस भी लगाया गया है. इससे हमें यह पता चलेगा कि किसी उपभोक्ता ने कितनी बिजली का उपयोग किया है.

''किसी ट्रांसफार्मर का लोड कितना है और कितने बिजली की खपत हुई, कितने बिजली की चोरी हुई. सब कुछ विभाग के निगरानी में रहेगा. निश्चित तौर पर यह नई टेक्नोलॉजी है. जिसका फायदा उपभोक्ता और विभाग दोनों को मिलेगा.''- पीएल सिदार, अधीक्षण अभियंता, सीएसपीडीसीएल

आपको बता दें कि बिजली कंपनी कोशिश बिजली चोरी रोकने साथ-साथ लोगों तक सुविधा पहुंचाना है.लेकिन समस्या ये है कि इसकी शुरुआत उन जगहों से की गई है जो रोज कमाते खाते हैं.ऐसे में उन्हें अब घर में रोशनी के लिए पहले ही रिचार्ज कराना होगा.यदि कोई इससे चूक जाता है तो उसके घर में बिजली रानी नहीं आएगी.फिलहाल इंतजाम पहले की ही तरह है .लेकिन मीटर का काम पूरा होने के बाद रिचार्ज सिस्टम लागू होगा.

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