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राव सूरजमल की छतरी तोड़ने का मामला, सोशल मीडिया पर बीजेपी के राजपूत नेता निशाने पर - Soorajamal haada ki chhatari

बूंदी के राव रहे सूरजमल हाड़ा की छतरी को ध्वस्त करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. क्षत्रिय समाज के लोगों में इसको लेकर रोष देखा जा रहा है. लोगों ने सोशल मीडिया पर बीजेपी के राजपूत नेताओं के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है.

सूरजमल हाड़ा की छतरी तोड़ने का मामला
सूरजमल हाड़ा की छतरी तोड़ने का मामला (ETV Bharat Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 27, 2024, 9:37 AM IST

Updated : Sep 27, 2024, 10:47 AM IST

कोटा : शंभूपुरा में नए प्रस्तावित एयरपोर्ट की जगह पर बूंदी के राव रहे सूरजमल हाड़ा की छतरी को कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी (KDA) के अधिकारियों ने ध्वस्त कर दिया था. इस मामले को लेकर लगातार विवाद चल रहा है. इस मुद्दे को लेकर क्षत्रिय समाज के कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ दिया है. इसकी मुहिम ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाड़ा और अन्य राजपूत नेताओं ने संभाली हुई है.

सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे अभियान में इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के राजपूत नेताओं को भी निशाने पर लिया गया है. इसमें डिप्टी सीएम दीया कुमारी, मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सांसद राव राजेंद्र सिंह, महिमा सिंह मेवाड़, नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़, चंद्रभान सिंह आक्या और विधायक बाबू सिंह राठौड़ पर हमला बोला जा रहा है. सोशल मीडिया पर लोगों को कहना है कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के अलावा किसी भी भारतीय जनता पार्टी के राजपूत नेता ने मुद्दे को नहीं उठाया है. इसके साथ ही बाड़मेर की शिव विधानसभा सीट से एमएलए रविंद्र सिंह भाटी ने भी इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाया है.

इसे भी पढ़ें- एयरपोर्ट निर्माण के लिए राव सूरजमल हाड़ा की 600 साल पुरानी छतरी को किया ध्वस्त, विरोध के बाद KDA के 3 कार्मिक निलंबित - Protest against KDA

पूर्व सांसद इज्यराज सिंह का मैसेज : पूर्व सांसद और पूर्व महाराव कोटा इज्यराज सिंह ने भी इस पूरे मामले पर आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि कुछ रिपोर्ट में यह गलत तथ्य दिया गया है कि उन्होंने बूंदी के राव सूरजमल की छतरी को दूसरी जगह निर्माण के लिए सहमति दे दी है. उनका कहना है कि उन्होंने कोई सहमति कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी के अधिकारियों को नहीं दी है. यह पूरी तरह से तथ्यहीन बात फैलाई जा रही है, जबकि उन्होंने केवल यह सहमति दी है कि छतरी के दोबारा निर्माण के लिए बनाई गई कमेटी में शामिल हुए हैं. इसी तरह से बूंदी के राजपरिवार के वंशवर्धन सिंह ने भी इसी तरह की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए साझा की है. उनका कहना है कि बतौर संरक्षक शामिल होने के लिए उनसे बात की थी, जिस पर ही उन्होंने सहमति दी है. छतरी की दूसरी जगह पर निर्माण की सहमति नहीं दी है.

कोटा : शंभूपुरा में नए प्रस्तावित एयरपोर्ट की जगह पर बूंदी के राव रहे सूरजमल हाड़ा की छतरी को कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी (KDA) के अधिकारियों ने ध्वस्त कर दिया था. इस मामले को लेकर लगातार विवाद चल रहा है. इस मुद्दे को लेकर क्षत्रिय समाज के कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ दिया है. इसकी मुहिम ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाड़ा और अन्य राजपूत नेताओं ने संभाली हुई है.

सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे अभियान में इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के राजपूत नेताओं को भी निशाने पर लिया गया है. इसमें डिप्टी सीएम दीया कुमारी, मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सांसद राव राजेंद्र सिंह, महिमा सिंह मेवाड़, नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़, चंद्रभान सिंह आक्या और विधायक बाबू सिंह राठौड़ पर हमला बोला जा रहा है. सोशल मीडिया पर लोगों को कहना है कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के अलावा किसी भी भारतीय जनता पार्टी के राजपूत नेता ने मुद्दे को नहीं उठाया है. इसके साथ ही बाड़मेर की शिव विधानसभा सीट से एमएलए रविंद्र सिंह भाटी ने भी इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाया है.

इसे भी पढ़ें- एयरपोर्ट निर्माण के लिए राव सूरजमल हाड़ा की 600 साल पुरानी छतरी को किया ध्वस्त, विरोध के बाद KDA के 3 कार्मिक निलंबित - Protest against KDA

पूर्व सांसद इज्यराज सिंह का मैसेज : पूर्व सांसद और पूर्व महाराव कोटा इज्यराज सिंह ने भी इस पूरे मामले पर आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि कुछ रिपोर्ट में यह गलत तथ्य दिया गया है कि उन्होंने बूंदी के राव सूरजमल की छतरी को दूसरी जगह निर्माण के लिए सहमति दे दी है. उनका कहना है कि उन्होंने कोई सहमति कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी के अधिकारियों को नहीं दी है. यह पूरी तरह से तथ्यहीन बात फैलाई जा रही है, जबकि उन्होंने केवल यह सहमति दी है कि छतरी के दोबारा निर्माण के लिए बनाई गई कमेटी में शामिल हुए हैं. इसी तरह से बूंदी के राजपरिवार के वंशवर्धन सिंह ने भी इसी तरह की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए साझा की है. उनका कहना है कि बतौर संरक्षक शामिल होने के लिए उनसे बात की थी, जिस पर ही उन्होंने सहमति दी है. छतरी की दूसरी जगह पर निर्माण की सहमति नहीं दी है.

Last Updated : Sep 27, 2024, 10:47 AM IST
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