कोटा : शंभूपुरा में नए प्रस्तावित एयरपोर्ट की जगह पर बूंदी के राव रहे सूरजमल हाड़ा की छतरी को कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी (KDA) के अधिकारियों ने ध्वस्त कर दिया था. इस मामले को लेकर लगातार विवाद चल रहा है. इस मुद्दे को लेकर क्षत्रिय समाज के कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ दिया है. इसकी मुहिम ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाड़ा और अन्य राजपूत नेताओं ने संभाली हुई है.
सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे अभियान में इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के राजपूत नेताओं को भी निशाने पर लिया गया है. इसमें डिप्टी सीएम दीया कुमारी, मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सांसद राव राजेंद्र सिंह, महिमा सिंह मेवाड़, नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़, चंद्रभान सिंह आक्या और विधायक बाबू सिंह राठौड़ पर हमला बोला जा रहा है. सोशल मीडिया पर लोगों को कहना है कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के अलावा किसी भी भारतीय जनता पार्टी के राजपूत नेता ने मुद्दे को नहीं उठाया है. इसके साथ ही बाड़मेर की शिव विधानसभा सीट से एमएलए रविंद्र सिंह भाटी ने भी इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाया है.
धोखे पर धोखा #सरकार 2 दिन से अखबारों के माध्यम से यह भ्रम फैला रही है की छतरी को दूसरे स्थान पर बनाने की सहमति बन गई है और इसमें #कोटा और #बूंदी राज परिवार की सहमति भी है जबकि कोटा और बूंदी राज परिवार ने छतरी को दूसरे स्थान पर बनाने का विरोध किया है #बदला_लेकर_ही_रहूंगा_अपमान_का pic.twitter.com/NhKkq5uFF5
— Devendra Rathore (@devisingh795351) September 26, 2024
एकमात्र भाजपा नेता गजेन्द्र सिंह जी शेखावत ने मूखर विरोध किया हैं इनके अलावा किसी नेता ने महाराव सूरजमल जी हाडा छतरी प्रकरण को लेकर अपनी जबान नहीं खोली हैं क्या समझा जाये..?@gssjodhpur #बदला_लेकर_ही_रहूंगा_अपमान_का pic.twitter.com/8sgijjpUsM
— ओंकार सिंह सिंधल पांचौटा (@OnkarSinghRat92) September 26, 2024
पूर्व सांसद इज्यराज सिंह का मैसेज : पूर्व सांसद और पूर्व महाराव कोटा इज्यराज सिंह ने भी इस पूरे मामले पर आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि कुछ रिपोर्ट में यह गलत तथ्य दिया गया है कि उन्होंने बूंदी के राव सूरजमल की छतरी को दूसरी जगह निर्माण के लिए सहमति दे दी है. उनका कहना है कि उन्होंने कोई सहमति कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी के अधिकारियों को नहीं दी है. यह पूरी तरह से तथ्यहीन बात फैलाई जा रही है, जबकि उन्होंने केवल यह सहमति दी है कि छतरी के दोबारा निर्माण के लिए बनाई गई कमेटी में शामिल हुए हैं. इसी तरह से बूंदी के राजपरिवार के वंशवर्धन सिंह ने भी इसी तरह की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए साझा की है. उनका कहना है कि बतौर संरक्षक शामिल होने के लिए उनसे बात की थी, जिस पर ही उन्होंने सहमति दी है. छतरी की दूसरी जगह पर निर्माण की सहमति नहीं दी है.