मोतिहारी: बिहार में दो चरणों की वोटिंग हो चुकी है.पश्चिमी चंपारण लोकसभा क्षेत्र में छठे चरण में चुनाव होना है. ऐसे में अब आम जनता अपने नेताओं से हिसाब किताब मांग रही है. दरअसल, संजय जायसवाल आज नोनियाडीह पंचायत में जनसंपर्क अभियान में वोट मांगने पहुंचे थे. इस दौरान ग्रामीणों ने बीजेपी सांसद को बदहाल सड़क को लेकर घेर लिया और उनपर सवालों की झड़ी लगाते हुए जमकर खरी खोटी सुनाई. उन्हों भारी विरोध का सामना करना पड़ा.
मोतिहारी में संजय जायसवाल का विरोध: पश्चिमी चंपारण लोकसभा क्षेत्र के निवर्तमान सांसद व भाजपा प्रत्याशी संजय जायसवाल अपने समर्थकों के साथ रक्सौल विधानसभा क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान में निकले थे. जनसंपर्क के क्रम में संजय जायसवाल रक्सौल अंचल के नोनियाडीह गांव पहुंचे. जहां ग्रामीणों में गांव में प्रवेश करने के दौरान ग्रामीणों ने रोक लिया और उनका विरोध करना शुरू कर दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि सांसद संजय जायसवाल केवल चुनाव के समय गांव में आते हैं.
'चुनाव जीतने के बाद गांव नहीं आये': ग्रामीणों का आरोप है कि चुनाव जितने के बाद कभी गांव नहीं आए. गांव की सड़क चलने लायक नहीं है और गांव विकास से कोसों दूर है. ग्रामीणों की भीड़ धीरे-धीरे बढ़ने लगी और संजय जायसवाल समेत उनके साथ आए समर्थकों के साथ ग्रामीणों की बहस शुरू हो गई. खैर बाद में ग्रामीण शांत हुए।संजय जायसवाल ने संबंधित अधिकारियों से बात की और सड़क पर ईंट का राबिस गिराकर पानी छिड़काव करने के लिए कहा. फिर ग्रामीण शांत हुए और उनसे चुनाव को लेकर बात की.
सांसद ने फोन नहीं किया रिसिव: ग्रामीणों से घिरे निवर्तमान सांसद व भाजपा प्रत्याशी संजय जायसवाल ने जब रक्सौल जिला इकाई के अध्यक्ष अशोक पांडेय के मोबाइल पर फोन किया तो उनलोगों ने फोन नहीं उठाया. वहीं रक्सौल के भाजपा मीडिया प्रभारी राजकिशोर भगत ने बताया कि, ''नोनियाडीह गांव में तालाब था. जो बिक गया है और उसमें मिट्टी भरने के लिए ट्रैक्टर का उपयोग हुआ है. जिस कारण सड़क क्षतिग्रस्त हो गया है और मिट्टी भराई के कारण धूल से लोग परेशान हैं.''
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