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उत्तराखंड में ग्रामीण अर्थतंत्र होगा मजबूत, 100 दिन में ग्रामीण स्तर पर होगा बहुउद्देशीय समितियों का गठन - UK STATE CO OPERATIVE FEDERATION

उत्तराखंड में ग्रामीण स्तर पर 100 दिन में बहुउद्देशीय समितियों का गठन किया जाएगा. ये जानकारी सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने दी है.

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उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ सभागार में एक कार्यक्रम का आयोजन (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 12 hours ago

देहरादून: केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज दिल्ली में 10,000 बहुउद्देशीय पैक्स और डेयरी समेत मत्स्य सहकारी समितियों का उद्घाटन किया है. इसी बीच उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ सभागार में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत समेत तमाम अधिकारी वर्चुअली जुड़े. दरअसल सहकारिता विभाग, ग्रामीण क्षेत्रों में खाद-बीज, दवा और वित्तीय सेवाओं समेत सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने पर जोर दे रहा है, जिसके लिए प्रदेश भर में 10,000 बहुउद्देशीय पैक्स का गठन किया गया है.

सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद देशभर में तेजी से बहुउद्देशीय पैक्स का गठन किया जा रहा है. केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह का लक्ष्य है कि 5 साल के अंतराल में 2 लाख समितियों का गठन किया जाना है, जिसके तहत 100 दिन के भीतर ही 10 हजार बहुउद्देशीय समितियां गठित कर ली गई हैं, जिसमें उत्तराखंड में 125 समितियां नई गठित की जा चुकी हैं.

Uk State Co operative Federation
बहुउद्देशीय पैक्स का उद्घाटन (photo-ETV Bharat)

धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड सरकार का लक्ष्य है कि अगले 100 दिन के भीतर ही ग्राम स्तर पर बहुउद्देशीय समितियों का गठन कर लिया जाए. ये समितियां किसानों और ग्रामीणों को सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएंगी. वर्तमान में पैक्स के जरिए 24 तरह की सुविधाएं लोगों को दी जा रही हैं.

जिसमें रेल, बस, हवाई टिकट, बिजली बिल और जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र समेत तमाम सुविधाएं अब ग्रामीण स्तर पर किसानों को मिल रही हैं. साथ ही अब गांव के नाम पर ही सघन सहकारी समिति का नाम रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग का उद्देश्य है कि 10 किलोमीटर के क्षेत्र में ही एक समिति और जिन गांवों में जनसंख्या कम है. वहां पर दो गांवों पर एक समितियां गठित की जाए. उत्तराखंड में एक लाख नए सदस्य सहकारी समितियां में बनाए गए हैं. उत्तराखंड में 60 फीसदी बहुउद्देशीय सहकारी समितियां प्रॉफिट की स्थिति में हैं और देशभर में उत्तराखंड कोऑपरेटिव बैंक काफी बेहतर स्थिति में हैं. उत्तराखंड में किसानों को पारदर्शी तरीके से बिना ब्याज के लोन दिया जा रहा है.

वहीं, सहकारिता सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर करने और सामाजिक जीवन में जनतांत्रिक मूल्यों, मान्यताओं एवं परंपराओं को विकसित करने में सहकारिता एक सशक्त और सर्वोत्तम जरिया है. सहकारिता से समृद्धि के सपने को साकार करने और देश में सहकारिता आंदोलन को सुदृढ़ कर समाज के अंतिम व्यक्ति तक इसकी पहुंच बनाने के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय स्थापित किया गया था. ऐसे में अब विभाग की ओर से कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसके चलते पैक्स के साथ पैक्स से जुड़े सहकारी सदस्यों की भी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है. उन्होंने कहा कि 100 दिन के भीतर ही ग्रामीण स्तर पर बहुउद्देशीय समितियां नवगठित कर ली जाएगी.

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सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद देशभर में तेजी से बहुउद्देशीय पैक्स का गठन किया जा रहा है. केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह का लक्ष्य है कि 5 साल के अंतराल में 2 लाख समितियों का गठन किया जाना है, जिसके तहत 100 दिन के भीतर ही 10 हजार बहुउद्देशीय समितियां गठित कर ली गई हैं, जिसमें उत्तराखंड में 125 समितियां नई गठित की जा चुकी हैं.

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बहुउद्देशीय पैक्स का उद्घाटन (photo-ETV Bharat)

धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड सरकार का लक्ष्य है कि अगले 100 दिन के भीतर ही ग्राम स्तर पर बहुउद्देशीय समितियों का गठन कर लिया जाए. ये समितियां किसानों और ग्रामीणों को सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएंगी. वर्तमान में पैक्स के जरिए 24 तरह की सुविधाएं लोगों को दी जा रही हैं.

जिसमें रेल, बस, हवाई टिकट, बिजली बिल और जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र समेत तमाम सुविधाएं अब ग्रामीण स्तर पर किसानों को मिल रही हैं. साथ ही अब गांव के नाम पर ही सघन सहकारी समिति का नाम रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग का उद्देश्य है कि 10 किलोमीटर के क्षेत्र में ही एक समिति और जिन गांवों में जनसंख्या कम है. वहां पर दो गांवों पर एक समितियां गठित की जाए. उत्तराखंड में एक लाख नए सदस्य सहकारी समितियां में बनाए गए हैं. उत्तराखंड में 60 फीसदी बहुउद्देशीय सहकारी समितियां प्रॉफिट की स्थिति में हैं और देशभर में उत्तराखंड कोऑपरेटिव बैंक काफी बेहतर स्थिति में हैं. उत्तराखंड में किसानों को पारदर्शी तरीके से बिना ब्याज के लोन दिया जा रहा है.

वहीं, सहकारिता सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर करने और सामाजिक जीवन में जनतांत्रिक मूल्यों, मान्यताओं एवं परंपराओं को विकसित करने में सहकारिता एक सशक्त और सर्वोत्तम जरिया है. सहकारिता से समृद्धि के सपने को साकार करने और देश में सहकारिता आंदोलन को सुदृढ़ कर समाज के अंतिम व्यक्ति तक इसकी पहुंच बनाने के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय स्थापित किया गया था. ऐसे में अब विभाग की ओर से कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसके चलते पैक्स के साथ पैक्स से जुड़े सहकारी सदस्यों की भी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है. उन्होंने कहा कि 100 दिन के भीतर ही ग्रामीण स्तर पर बहुउद्देशीय समितियां नवगठित कर ली जाएगी.

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