रांची: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के 100 वें स्थापना दिवस पर आज रांची स्थित झारखंड प्रदेश राज्य कार्यालय में सीपीआई की 'भारतीय राजनीति में भूमिका और संघर्ष के इतिहास पर परिचर्चा' का आयोजन किया गया.
इस परिचर्चा में पार्टी के राज्य सचिव महेंद्र पाठक ने कहा कि 'हमारी पार्टी के लिए आज का दिन खुशियों भरा है क्योंकि आज हम अपनी पार्टी का 100 वां स्थापना दिवस मना रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज ही के दिन 26 दिसंबर 1925 को कानपुर में हमारी पार्टी "भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी" की स्थापना हुई थी. तब देश गुलाम था और अंग्रेजों द्वारा मजदूर और किसानों का लगातार हो रहे दमन के खिलाफ पार्टी संघर्ष कर रही थी. विकट परिस्थितियों में भी हमारी पार्टी के साथी कभी हार नहीं मानी और लगातार दबे कुचले, शोषितों की आवाज उठाती रही. सीपीआई लगातार अंग्रेजों से मजदूर और किसानों के हितों की रक्षा के लिए लोहा लेते रहे आजादी के बाद आज देश भर में जो उद्योगों का जाल बिछा है. यह मूल रूप से कम्युनिस्टों की ही देन है. महेंद्र पाठक ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारी पार्टी जब भी सत्ता में रही है, केंद्रीय जांच एजेंसियां से बेदाग रही है.'
पार्टी के शहीदों को पुष्पांजलि
सीपीआई स्थापना के 100 वर्ष पूरा होने पर पार्टी की ओर से झंडोतोलन से शुरुआत के बाद पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के द्वारा बारी-बारी से शहीद बेदी पर पुष्पांजलि अर्पित की गई. इसके बाद कार्यालय के सभागार में पार्टी के 100 वें स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी की "राजनीतिक भूमिका और संघर्ष के इतिहास पर परिचर्चा" का आयोजन किया गया. इस परिचर्चा में पार्टी पदाधिकारी एवं गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही.
पार्टी अपने 100 वर्षों की उपलब्धियों और कमियों का मूल्यांकन करेगी-सीपीआई
वहीं, पार्टी की आगे के कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए राज्य सचिव महेंद्र पाठक ने बताया कि आगामी 2025 का साल पार्टी के 100 साल पूरे होने के मूल्यांकन का वर्ष होगा. 2025 के जुलाई माह में तीन दिवसीय 24, 25 और 26 जुलाई को राजधानी रांची में सम्मेलन किया जाएगा. इसके बाद सितंबर महीने में चंडीगढ़ में पूरे राष्ट्रीय सम्मेलन का मूल्यांकन सम्मेलन देश स्तर पर होगा.
पार्टी के प्रदेश कार्यालय सचिव और मीडिया प्रभारी अजय सिंह ने कहा कि 100 वर्ष के इतिहास में आज हम गर्व से कह सकते हैं कि हमारा इतिहास संघर्ष का इतिहास है और हमारे एक भी नेता पर भ्रष्टाचार का आरोप तक नहीं है, यही हमारी राजनीतिक पूंजी है.