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प्रोफेसर ने बुना ठगी का मायाजाल, 370 निवेशकों से ऐंठे करोड़ों, दूसरों को कंगाल बनाकर खुद हुआ मालामाल - fraudster Prashant Das

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 13, 2024, 1:57 PM IST

Professor fraudster Prashant Das रायपुर के निवेशकों को करोड़ों का चूना लगाकर खुद मालामाल होने वाला प्रोफेसर आखिरकार पुलिस के चंगुल में फंस गया. आरोपी ने 12 साल पहले रायपुर में सेमिनार आयोजित करके ठगी की थी.Raipur Chitfund fraud Case

Raipur Chitfund fraud Case
प्रोफेसर ठग प्रशांत दास (ETV Bharat Chhattisgarh)

रायपुर : रायपुर के सिविल लाइन थाना अंतर्गत पुलिस ने चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर प्रशांत कुमार दास को शुक्रवार को ओड़िशा से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी पर करोड़ों रुपए की ठगी करने का आरोप है. डायरेक्टर प्रशांत कुमार दास सी शोर ग्रुप चिटफंड कंपनी का डायरेक्टर था. करोड़ों की ठगी करने वाला चिटफंड कंपनी का डायरेक्टर प्रशांत कुमार दास पहले ओड़िशा के एक कॉलेज में अर्थशास्त्र का प्रोफेसर था. कई जगहों पर सेमिनार आयोजित करके लोगों को अपने झांसे में लेकर स्कीम के बदले पैसा वसूलता था. ठगी के बाद आरोपी 12 सालों से फरार था. जिसकी गिरफ्तारी अब हुई है. सिविल लाइन पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ धारा 420 409 120 भी सहित अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई की है.


शहर एडिशनल एसएसपी लखन पटले ने बताया कि सी शोर ग्रुप आफ कंपनी के निवेशकों और एजेंटों ने साल 2013 में राजधानी के सिविल लाइन थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि सी शोर ग्रुप आफ सिक्योरिटी लिमिटेड भुवनेश्वर और कटक में स्थित है. डायरेक्टर प्रशांत कुमार दास अध्यक्ष एलएलएन सतपथी और ब्रांच मैनेजर दिलीप मोहंती ने रायपुर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में 2007 में किराए का मकान लिया था.

fraudster Prashant Das
370 निवेशकों से ऐंठे करोड़ों (ETV Bharat Chhattisgarh)

'' मार्च 2007 में सिमरन होटल और अन्य स्थानों पर सेमिनार आयोजित करके एजेंट को जमा राशि में 1 वर्ष में 12% और 6 वर्ष में 24% का प्रॉफिट, आकर्षक कमीशन और विदेश घूमाने का प्रलोभन दिया गया था. लगभग 370 निवेशक और एजेंट से 4 करोड़ रुपए जमा कर लिए गए. इसके बाद में 2012 में कंपनी बंद करके आरोपी रायपुर से फरार हो गया."- लखन पटले,एसएसपी

आरोपी के खिलाफ पहले के भी मामलों में होगी कार्रवाई : पकड़े गए आरोपी के खिलाफ पहले से पांच मामले दर्ज हैं, जिसकी जांच पुलिस कर रही है. आरोपी की संपत्ति लगभग 1200 करोड़ रुपए की है. आरोपी प्रोफेसर ओड़िसा के जेल में पांच साल की सजा भी काट चुका है. आरोपी की कंपनी के नाम पर अलग-अलग जगहों पर लगभग 400 एकड़ क्षेत्र में भूमि, फैक्ट्री , मकान के साथ ही वाहन, सोना चांदी मिले हैं.जिसे क्राइम ब्रांच ओड़िसा और प्रवर्तन निदेशालय ने जब्त कर कार्रवाई की है.आरोपी के खिलाफ सीबीआई भी जांच कर रही है.


कौन है आरोपी और कैसे की ठगी : पुलिस की पूछताछ में आरोपी प्रशांत कुमार दास ने बताया कि वो पहले ओड़िशा के अंगुल के एक कॉलेज में इकोनॉमिक्स का प्रोफेसर था. उसके बाद एसबीआई लाइफ प्राइवेट एजेंसी में काम किया. फिर ओड़िशा में सिशोर ग्रुप के नाम से अलग-अलग प्रकार की एजेंसी संचालित करने लगा. कंपनी को आगे बढ़ाने और अधिक फायदा कमाने के उद्देश्य से प्रिफेनशियल शेयर स्कीम लाया. इसके तहत ग्राहकों को शेयर देकर मालिक बनाया जाता था. आरोपी ने कई स्थानों पर सेमिनार आयोजित करके अलग-अलग लोगों को अपने झांसे में लेकर शेयर देकर ग्राहक बनाकर पैसा वसूला. रायपुर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में आरोपी ने कार्गो कुरियर के नाम से दफ्तर खोल रखा था.

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रायपुर : रायपुर के सिविल लाइन थाना अंतर्गत पुलिस ने चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर प्रशांत कुमार दास को शुक्रवार को ओड़िशा से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी पर करोड़ों रुपए की ठगी करने का आरोप है. डायरेक्टर प्रशांत कुमार दास सी शोर ग्रुप चिटफंड कंपनी का डायरेक्टर था. करोड़ों की ठगी करने वाला चिटफंड कंपनी का डायरेक्टर प्रशांत कुमार दास पहले ओड़िशा के एक कॉलेज में अर्थशास्त्र का प्रोफेसर था. कई जगहों पर सेमिनार आयोजित करके लोगों को अपने झांसे में लेकर स्कीम के बदले पैसा वसूलता था. ठगी के बाद आरोपी 12 सालों से फरार था. जिसकी गिरफ्तारी अब हुई है. सिविल लाइन पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ धारा 420 409 120 भी सहित अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई की है.


शहर एडिशनल एसएसपी लखन पटले ने बताया कि सी शोर ग्रुप आफ कंपनी के निवेशकों और एजेंटों ने साल 2013 में राजधानी के सिविल लाइन थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि सी शोर ग्रुप आफ सिक्योरिटी लिमिटेड भुवनेश्वर और कटक में स्थित है. डायरेक्टर प्रशांत कुमार दास अध्यक्ष एलएलएन सतपथी और ब्रांच मैनेजर दिलीप मोहंती ने रायपुर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में 2007 में किराए का मकान लिया था.

fraudster Prashant Das
370 निवेशकों से ऐंठे करोड़ों (ETV Bharat Chhattisgarh)

'' मार्च 2007 में सिमरन होटल और अन्य स्थानों पर सेमिनार आयोजित करके एजेंट को जमा राशि में 1 वर्ष में 12% और 6 वर्ष में 24% का प्रॉफिट, आकर्षक कमीशन और विदेश घूमाने का प्रलोभन दिया गया था. लगभग 370 निवेशक और एजेंट से 4 करोड़ रुपए जमा कर लिए गए. इसके बाद में 2012 में कंपनी बंद करके आरोपी रायपुर से फरार हो गया."- लखन पटले,एसएसपी

आरोपी के खिलाफ पहले के भी मामलों में होगी कार्रवाई : पकड़े गए आरोपी के खिलाफ पहले से पांच मामले दर्ज हैं, जिसकी जांच पुलिस कर रही है. आरोपी की संपत्ति लगभग 1200 करोड़ रुपए की है. आरोपी प्रोफेसर ओड़िसा के जेल में पांच साल की सजा भी काट चुका है. आरोपी की कंपनी के नाम पर अलग-अलग जगहों पर लगभग 400 एकड़ क्षेत्र में भूमि, फैक्ट्री , मकान के साथ ही वाहन, सोना चांदी मिले हैं.जिसे क्राइम ब्रांच ओड़िसा और प्रवर्तन निदेशालय ने जब्त कर कार्रवाई की है.आरोपी के खिलाफ सीबीआई भी जांच कर रही है.


कौन है आरोपी और कैसे की ठगी : पुलिस की पूछताछ में आरोपी प्रशांत कुमार दास ने बताया कि वो पहले ओड़िशा के अंगुल के एक कॉलेज में इकोनॉमिक्स का प्रोफेसर था. उसके बाद एसबीआई लाइफ प्राइवेट एजेंसी में काम किया. फिर ओड़िशा में सिशोर ग्रुप के नाम से अलग-अलग प्रकार की एजेंसी संचालित करने लगा. कंपनी को आगे बढ़ाने और अधिक फायदा कमाने के उद्देश्य से प्रिफेनशियल शेयर स्कीम लाया. इसके तहत ग्राहकों को शेयर देकर मालिक बनाया जाता था. आरोपी ने कई स्थानों पर सेमिनार आयोजित करके अलग-अलग लोगों को अपने झांसे में लेकर शेयर देकर ग्राहक बनाकर पैसा वसूला. रायपुर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में आरोपी ने कार्गो कुरियर के नाम से दफ्तर खोल रखा था.

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