नई दिल्ली : भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष संजय सिंह ने मंगलवार को हुई बैठक में कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन (सीजीएफ) की सीईओ कैटी सैडलेयर से आधिकारिक तौर पर सीजीएफ 2026 में कुश्ती को शामिल करने का अनुरोध किया है.
संजय सिंह ने आईएएनएस से कहा, 'हमने सीजीएफ के सीईओ से कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 में कुश्ती को शामिल करने का अनुरोध किया है. हालांकि इसकी संभावना 50-50 है. स्कॉटलैंड ने सुझाव दिया है कि वे केवल 10 खेलों की मेजबानी करेंगे. हम बस अच्छे परिणाम की उम्मीद कर सकते हैं'.
'Scotland has said that they will host only ten games. We have requested the Commonwealth Games (CWG) federation CEO to keep wrestling in 2026 Games. Chances are 50:50, let's hope for the best': WFI chief Sanjay Singh told IANS pic.twitter.com/0jvZv5EZZO
— IANS (@ians_india) September 17, 2024
कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के सबसे सफल खेलों में से एक कुश्ती को अगले संस्करण के खेलों की सूची से हटा दिया गया. फेडरेशन के इस फैसले ने दुनिया भर के पहलवानों को हैरान कर दिया था. इन खेलों के इतिहास में 114 पदकों (49 स्वर्ण, 39 रजत और 26 कांस्य) के साथ कुश्ती में दूसरा सबसे सफल देश भारत इस कदम को एक बड़ा झटका मानता है. खासकर तब जब उसके पहलवानों ने बर्मिंघम में होने वाले 2022 खेलों में छह स्वर्ण सहित 12 पदक जीते हैं.
2026 खेलों के लिए खेलों की सूची से कुश्ती को बाहर करना कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के 2026-30 रोडमैप का हिस्सा है, जो मेजबान देशों को और भी खेलों को शामिल करने की गुंजाइश देता है. गोल्फ, बीएमएक्स और कोस्टल रोइंग जैसे नए खेलों को 2026 के खेलों में शामिल किया जाना है, जिनकी मेजबानी ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया को करनी थी, लेकिन उसने अपनी योजना रद्द कर दी.
1930 के बाद पहली बार कुश्ती राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा नहीं होगा, जबकि तीरंदाजी और जूडो जैसे अन्य खेलों को भी इससे बाहर रखा गया है. इसके विपरीत निशानेबाजी, जिसका भारत में मजबूत इतिहास है, 2022 में बाहर किए जाने के बाद खेलों में वापसी करेगा. राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी में भारत दूसरा सबसे सफल देश है, जिसने 135 पदक जीते हैं. पहले स्थान पर ऑस्ट्रेलिया के पास 171 पदकों है.
बता दें कि, अप्रैल 2022 में घोषित कार्यक्रम के अनुसार, 2026 राष्ट्रमंडल खेल 17 से 29 मार्च, 2026 तक होंगे.