कोरबा: पुलिस अधीक्षक दफ्तर में बने अपराधों के रोकथाम और जांच के लिए सीसीटीवी कैमरे के इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर का लोकार्पण हो गया है. IC-3 का लोकार्पण प्रदेश के वाणिज्य उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने किया. क्राइम कंट्रोल के लिए शहर के अलग अलग जगहों पर 336 सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं. जिसके लिए फंड डीएमएफ मद से मिले हैं. शहर की गलियों और अंदरूनी क्षेत्र में कसावट भरी पुलिसिंग के लिए पुलिस ने इसे बेहद अहम बताया है.
तीसरी आंख से होगी शहर की निगरानी: इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में बैठे पुलिस के कर्चमारी 24 घंटे जहां जहां कैमरे लगे हैं वहां की निगरानी करेंगे. पुलिस का कहना है कि शहर के कई हिस्सों में तत्काल पहुंचना मुमकिन नहीं है. ऐसे में सीसीटीवी के जरिए वहां की निगरानी करना अब आसान होगा. मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि '' लोगों की सुरक्षा के लिए ये बहुत जरुरी कदम है. कैमरे से शहर की निगरानी करना आसान होगा. मुश्किल वक्त में कैमरे की मदद से जानकारी जुटाकर मदद पहुंचाना आसान होगा.''
''अपराधियों पर नजर रखने में इससे मदद मिलेगी. शहर भर में लगने वाले खास कैमरों के जरिए ट्रैफिक सिस्टम और बाकी चीजों को भी जोड़ा जाएगा. सीसीटीवी कैमरे के इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर से न सिर्फ शहर की निगरानी होगी बल्कि ये एक बेहतर व्यवस्था भी साबित होगी''. - लखन लाल देवांगन, कैबिनेट मंत्री
''IC-3 के माध्यम से पुलिस शहर के चौक चौराहे की सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से निगरानी रखेगी. आगामी त्योहारों को ध्यान में रखते हुए पुलिस को सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से अपराधिक तत्वों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. गली मोहल्लों में निगरानी के लिए चार बाइक सवार पुलिसकर्मियों को भी पायलट प्रोजेक्ट के तहत काम पर लगाया गया है. पुलिस की ओर से 6 जोन निर्धारित किए गए हैं. 6 जोन के अलग-अलग चौक चौराहों पर कुल 336 सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है. आने वाले समय में इसे और भी विस्तार दिया जाएगा''. - सिद्धार्थ तिवारी, एसपी, कोरबा
कहां कहां लगाए गए हैं कैमरे: कैमरों को अलग-अलग जोन में लगाया गया है. जिसमें कोसाबाडी जोन, टीपी नगर जोन, कोरबा जोन, दर्री जोन, बालको जोन, सर्वमंगला जोन शामिल हैं. जिसकी निगरानी पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बने IC-3 कंट्रोल रूम में किया जाएगा. मुख्य चौक चौराहों को चिन्हित कर नंबर प्लेट स्कैनिंग कैमरा भी लगवाया गया है. जिसके माध्यम से नंबर प्लेट को स्पष्ट रूप से देख सकता है. किसी तरह की घटना होने पर पुलिस की तुरंत मदद पहुंचाई जा सकेगी.
इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर (IC-3): पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बने इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर (IC-3) में सायबर फॉरेंसिक टूल्स भी स्थापित किए गए हैं. जिस में मोबाइल फॉरेंसिक सॉफ्टवेयर, इमेज वीडियो फॉरेंसिक, कंप्यूटर सिस्टम, CDR एनालिसिस टूल्स, इमेज एंड क्लोनिंग सॉफ्टवेयर, डाटा एनालिसिस सॉफ्टवेयर शामिल हैं. इन सबके माध्यम से पुलिस को साइबर संबंधी अपराध की जांच में मदद मिलेगी.