जोधपुर: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), जोधपुर में पहली बार पीजी स्टूडेंट्स के लिए पिन-अप समारोह का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के निदेशक प्रोफेसर विवेक लाल ने डॉक्टर्स को संबोधन में चिकित्सा क्षेत्र में समर्पण, नवाचार और करुणा के महत्व पर जोर दिया. प्रोफेसर ने एम्स जैसे संस्थानों को 'देश के कोहिनूर' और वर्तमान चिकित्सा प्रणाली में आशा की किरण बताते हुए कहा कि इन संस्थानों से स्नातक करने वाले छात्रों को स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की अमूल्य संपत्ति के रूप में देखा जाना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनिया के सबसे अच्छे डॉक्टर भारतीय हैं, जो मरीजों की देखभाल के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं.
विशिष्ट अतिथि प्रो विनीत आहूजा ने रेजिडेंसी के अपने दिनों और पीजीआई चंडीगढ़ तथा एम्स में काम के दौरान हुए अपने अनुभवों को साझा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि रेजिडेंसी प्रशिक्षण के दौरान बिताया गया समय भविष्य को आकार देने में कितना महत्वपूर्ण है. उन्होंने इस महत्वपूर्ण अवधि के दौरान स्थायी मित्रता बनाने के महत्व को साझा किया. इस शैक्षणिक बैच में 80 डॉक्टर्स को यहां पीजी के लिए प्रवेश मिला है. इसके अलावा सुपर स्पेशलिटी के तहत डीएम और एमसीएच कोर्सेज के लिए 34 विशेषज्ञ डॉक्टर्स को प्रवेश दिया गया है. इसके अलावा 33 नर्सेज को यहां नर्सिंग में पीजी के लिए भी प्रवेश मिला है.
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कार्यकारी निदेशक ने गिनाई उपलब्धियां: एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर गोवर्धन दत्त पूरी ने एम्स में लगातार बढ़ रही सुविधाएं और उपलब्धियां बताते हुए कहा कि जोधपुर एम्स की आपातकालीन सेवा में 10 बेड वाले एडल्ट एक्यूट केयर एरिया की स्थापना से स्पष्ट है. ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. आसपास के राज्यों से रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इनमें गुजरात (2013 में 225 से 2024 में 726), हरियाणा (2013 में 316 से 2024 में 1040) रोगी यहां भर्ती हुए हैं. अंगदान प्राप्त करने के साथ-साथ 8 लिवर और 46 किडनी प्रत्यारोपण किया गया है. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रेयर डिजीज ने 150 से अधिक रोगियों को नामांकित किया है और दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए करीब 2 करोड़ की महंगी दवाइयां उपलब्ध कराई हैं.