ETV Bharat / state

लखनऊ में तिरंगे के साथ निकाला गया जुलूस मदह-ए-सहाबा - Juloos E Madhe Sahaba Lucknow 2024

अमीनाबाद के झंडे वाले पार्क से सोमवार को मौलाना अजीम फारूकी की अगुवाई में ऐतिहासिक जुलूस मदह-ए-सहाबा निकाला गया. जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शरीक हुए.

जुलूस मदह-ए-सहाबा
जुलूस मदह-ए-सहाबा (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 16, 2024, 4:56 PM IST

Updated : Sep 16, 2024, 10:45 PM IST

लखनऊ: राजधानी के अमीनाबाद के झंडे वाले पार्क से सोमवार को मौलाना अजीम फारूकी की अगुवाई में ऐतिहासिक जुलूस मदह-ए-सहाबा निकाला गया. जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शरीक हुए. इस मौके पर सहाबा-ए-किराम की महानता और उनके योगदान पर एक भावपूर्ण तकरीर की गई. जिसके बाद मौलाना फारूकी ने जुलूस का झंडा फहराया.

लखनऊ में तिरंगे के साथ निकाला गया जुलूस मदह-ए-सहाबा (Video Credit; ETV Bharat)
यह जुलूस अमीनाबाद से पूरी शानो-शौकत के साथ निकला, जो मलवीगंज, रकाबगंज, नक्खास, हैदरगंज से होते हुए ऐशबाग ईदगाह पर समाप्त हुआ. इस जुलूस का आयोजन अंजुमन तहफ्फुज़-ए-नामूस सहाबा के तत्वाधान में किया जाता है और इसे हर साल इसी भव्यता के साथ निकाला जाता है. मौलाना अब्दुल बारी फारूकी ने कहा कि यह जुलूस 1998 से शुरू हुआ था, उसमें लखनऊ में सभी जुलूसों पर पाबंदी लगा दी गई थी. उस समय मौलाना अली मियां नदवी की कोशिशों से यह जुलूस फिर से शुरू किया गया था. आज भी इसका उद्देश्य सहाबा-ए-किराम की मोहब्बत को दिलों में बसाना और उनके रास्तों पर चलना है. सहाबा को कभी भी बुरा नहीं कहना चाहिए, वे ईमान की अहम कड़ी हैं. मौलाना सुहैल निजामी ने कहा कि जश्न-ए-मिलाद-उन-नबी के अवसर पर लखनऊ की जनता का यह एकजुट होना नबी-ए-पाक के पैगाम को फैलाने का प्रतीक है. आज ही के दिन इस्लाम के आखिरी पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला वसल्लम का जन्म हुआ था. इस अवसर पर उनके मानने वाले दुनिया के सभी मुसलमान खुशी मनाते हैं. इस जुलूस में 120 अंजुमनों शिरकत की. बड़ी तादाद में लोग इस्लामी झंडे के साथ तिरंगा झंडा भी अपने हाथ में लिए रहे. सुरक्षा पुख्ता इंतजाम किया गया है, जिसमें पुलिस और पीएसी के जवान तैनात हैं. जुलुस पूरे शांति के साथ जुलूस निकाला गया.

सीतापुर में निकला ईद मिलादुन्नबी का जुलूस

सीतापुर में सोमवार को ईद मिलादुन्नबी का जुलूस निकाला गया. मरकज़ी कमेटी जुलूस ए मोहम्मदी की कयादत में जुलूस की शुरुआत पक्के पुल से की गई. इस दौरान जगह-जगह लोगों ने जुलूस में शामिल होते रहे. लोगों ने अपनों घरों और मोहल्लों में रंगबिरंगी झालर लगाकर बेहतरीन सजावट की. साथ-साथ पक्का पुल, कोट, कज़ियारा, मन्नी चौराहा समेत कई जगहों पर खूबसूरत लाइटों से सजे गेट बनाये गए. पक्के पुल से सिटी स्टेशन रोड पर रंगबिरंगी झालरों के साथ लाइट का प्रयोग किया गया. वहीं, मरकज़ी कमेटी सदर हाजी मुजीब अहमद ने बताया कि आज का दिन हम सबके लिए बहुत बड़ा है. इसलिए सभी लोग इसकी इज्जत करें.

वाराणसी में जुलूस के दौरान हादसा

वाराणसी के जैतपुरा थाना क्षेत्र में ईद मिलादुन्नबी के जुलूस के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया. जब जुलूस वापस जा रहा था, तभी रेलवे क्रॉसिंग के पास पिकअप में लोहे की रॉड लगी थी, जो हाईटेंशन लाइन के चपेट में आ गया. जिसमें 6 लोग करंट लगने से घायल हो गए. वहीं, सभी घायलों का इलाज कबीर चौरा अस्पताल में चल रहा है. बताया जा रहा कि सभी घायलों की स्थित खतरे से बाहर है.

यह भी पढ़ें: लखनऊ में 16 सितंबर को निकलेगा जुलूस-ए-मदहे सहाबा

यह भी पढ़ें: लखनऊ में वक्फ बिल संशोधन के खिलाफ मुहिम तेज, मस्जिदों में विरोध दर्ज

लखनऊ: राजधानी के अमीनाबाद के झंडे वाले पार्क से सोमवार को मौलाना अजीम फारूकी की अगुवाई में ऐतिहासिक जुलूस मदह-ए-सहाबा निकाला गया. जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शरीक हुए. इस मौके पर सहाबा-ए-किराम की महानता और उनके योगदान पर एक भावपूर्ण तकरीर की गई. जिसके बाद मौलाना फारूकी ने जुलूस का झंडा फहराया.

लखनऊ में तिरंगे के साथ निकाला गया जुलूस मदह-ए-सहाबा (Video Credit; ETV Bharat)
यह जुलूस अमीनाबाद से पूरी शानो-शौकत के साथ निकला, जो मलवीगंज, रकाबगंज, नक्खास, हैदरगंज से होते हुए ऐशबाग ईदगाह पर समाप्त हुआ. इस जुलूस का आयोजन अंजुमन तहफ्फुज़-ए-नामूस सहाबा के तत्वाधान में किया जाता है और इसे हर साल इसी भव्यता के साथ निकाला जाता है. मौलाना अब्दुल बारी फारूकी ने कहा कि यह जुलूस 1998 से शुरू हुआ था, उसमें लखनऊ में सभी जुलूसों पर पाबंदी लगा दी गई थी. उस समय मौलाना अली मियां नदवी की कोशिशों से यह जुलूस फिर से शुरू किया गया था. आज भी इसका उद्देश्य सहाबा-ए-किराम की मोहब्बत को दिलों में बसाना और उनके रास्तों पर चलना है. सहाबा को कभी भी बुरा नहीं कहना चाहिए, वे ईमान की अहम कड़ी हैं. मौलाना सुहैल निजामी ने कहा कि जश्न-ए-मिलाद-उन-नबी के अवसर पर लखनऊ की जनता का यह एकजुट होना नबी-ए-पाक के पैगाम को फैलाने का प्रतीक है. आज ही के दिन इस्लाम के आखिरी पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला वसल्लम का जन्म हुआ था. इस अवसर पर उनके मानने वाले दुनिया के सभी मुसलमान खुशी मनाते हैं. इस जुलूस में 120 अंजुमनों शिरकत की. बड़ी तादाद में लोग इस्लामी झंडे के साथ तिरंगा झंडा भी अपने हाथ में लिए रहे. सुरक्षा पुख्ता इंतजाम किया गया है, जिसमें पुलिस और पीएसी के जवान तैनात हैं. जुलुस पूरे शांति के साथ जुलूस निकाला गया.

सीतापुर में निकला ईद मिलादुन्नबी का जुलूस

सीतापुर में सोमवार को ईद मिलादुन्नबी का जुलूस निकाला गया. मरकज़ी कमेटी जुलूस ए मोहम्मदी की कयादत में जुलूस की शुरुआत पक्के पुल से की गई. इस दौरान जगह-जगह लोगों ने जुलूस में शामिल होते रहे. लोगों ने अपनों घरों और मोहल्लों में रंगबिरंगी झालर लगाकर बेहतरीन सजावट की. साथ-साथ पक्का पुल, कोट, कज़ियारा, मन्नी चौराहा समेत कई जगहों पर खूबसूरत लाइटों से सजे गेट बनाये गए. पक्के पुल से सिटी स्टेशन रोड पर रंगबिरंगी झालरों के साथ लाइट का प्रयोग किया गया. वहीं, मरकज़ी कमेटी सदर हाजी मुजीब अहमद ने बताया कि आज का दिन हम सबके लिए बहुत बड़ा है. इसलिए सभी लोग इसकी इज्जत करें.

वाराणसी में जुलूस के दौरान हादसा

वाराणसी के जैतपुरा थाना क्षेत्र में ईद मिलादुन्नबी के जुलूस के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया. जब जुलूस वापस जा रहा था, तभी रेलवे क्रॉसिंग के पास पिकअप में लोहे की रॉड लगी थी, जो हाईटेंशन लाइन के चपेट में आ गया. जिसमें 6 लोग करंट लगने से घायल हो गए. वहीं, सभी घायलों का इलाज कबीर चौरा अस्पताल में चल रहा है. बताया जा रहा कि सभी घायलों की स्थित खतरे से बाहर है.

यह भी पढ़ें: लखनऊ में 16 सितंबर को निकलेगा जुलूस-ए-मदहे सहाबा

यह भी पढ़ें: लखनऊ में वक्फ बिल संशोधन के खिलाफ मुहिम तेज, मस्जिदों में विरोध दर्ज

Last Updated : Sep 16, 2024, 10:45 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.