मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में हत्या मामले में सजा काट रहे कैदी ने इच्छा मृत्यु की मांग की है. कैदी मुजफ्फरपुर सदर थाना क्षेत्र का खबरा गांव निवासी अनिल ओझा है, जो करीब साढ़े सात साल से सलाखों के पीछे है. उसे एक मामले में न्यायालय के द्वारा दोषी करार दिया जा चुका है.
राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश से की इच्छा मृत्यु की मांग: प्राप्त जानकारी के अनुसार अनिल ओझा के ऊपर करीब दर्जन भर कांड दर्ज है. एक मामले को लेकर उसे न्यायालय में पेशी के लिए ले जाया गया था, जहां अनिल ओझा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से देश के राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट से इच्छा मृत्यु के लिए पत्राचार किया है. यह पत्र ईमेल के माध्यम से भेजा गया है.
7 साल से है जेल में बंद: अनिल ओझा ने अपने पत्र में लिखा है कि उसका पड़ोसी उसे परेशान करने वाले खुद आर्थिक अपराध मामले में नामजद है. अनिल ओझा ने आरोप लगाया है कि उसका पड़ोसी उसकी संपत्ति को हासिल करने के लिए अपने पैसों और पहुंच का इस्तेमाल कर रहा है. वहीं उसी ने उसे दर्जनों झूठे केस में फंसाया है. करीब 7 साल से अधिक से वो केंद्रीय कारा में जीवन व्यतीत कर रहा है और अब उसे जीने की इच्छा नहीं है.
"मुझे ऐसा लगता है कि मेरे प्रतिद्वंदी अपने रसूख और पैसे के बदौलत केस को और आवेदन को इधर-उधर कर दे रहे हैं, जिसके कारण मुझे बहुत पीड़ा हो रही है. इसलिए अच्छा होता कि मुझे इच्छा मृत्यु ही दे दी जाती. नियमानुसार मैंने इच्छा मृत्यु के लिए सभी जानकारी ली है, जैसे किस स्थिति में इच्छा मृत्यु दी जाती है. मेरी ऐसी ही स्थिति हो गई है इसलिए मैं इच्छा मृत्यु डिमांड कर रहा हूं."-अनिल ओझा, कैदी
कैदी ने की निष्पक्ष जांच की मांग: बता दें कि कैदी ने यह भी लिखा है कि उसके जमीन के पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. संबंधित विभाग पूरी निष्पक्षता के साथ जांच करे और वैसे अधिकारी जांच करें जिन पर किसी तरह का कोई दबाव न पड़ सके. यह भी बताया जा रहा है कि अब ये पत्र सोशल मीडिया पर जिले में वायरल हो रहा है.
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