मेरठ : जिले में शनिवार को 22 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी ने बैठक की. इस बैठक में दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड राज्यों के अधिकारियों के अलावा यूपी वेस्ट के कई मंडलों के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद रहे. श्रावण मास में निकलने वाली यात्रा को लेकर तमाम आवश्यक निर्देश भी दिए गए.
कांवड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर शनिवार को मेरठ में प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार और डीजीपी प्रशांत कुमार ने बैठक की. दोनों अधिकारियों ने कावड़ यात्रा को लेकर यूपी के नजदीकी राज्यों के अफसरों से सिलसिलेवार उनके स्तर से की जा रही तैयारियों को लेकर चर्चा की. मीडिया से करते हुए प्रदेश के दोनों शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि कांवड़ यात्रा क़े दौरान करोड़ों की संख्या में शिवभक्त यूपी की सीमा में आवाजाही करते हैं, ऐसे में यह यात्रा पूरी तरह से सोहार्दपूर्ण और शांतिपूर्ण माहौल में हो. इसके लिए व्यापक स्तर पर चल रही तैयारियों को लेकर अहम बैठक की गई है.
इस मौक़े पर हाईलेवल मीटिंग में कांवड़ियों की सुरक्षा और ट्रैफिक रूट को लेकर विमर्श किया गया. पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने कहा कि कावड़ियों की निगरानी के लिए हवाई सर्वेक्षण भी होगा और पिछले वर्षों की तरह पुष्प वर्षा भी होगी. कांवड़ियों के साथ चलने वाले डीजे की ऊंचाई भी तय की गई है और इसके लिए जहां से कांवड़ चलेगी वहां के अधिकारी इसका पालन कराएं इसको लेकर भी निर्देश दे दिए गये हैं.
डीजीपी ने कहा कि सीसीटीवी से पूरे कांवड़ यात्रा मार्ग की निगरानी होगी. बिजली की आपूर्ति बाधित न हो, कोई आपत्ति आती है तो व्यापक व्यवस्था हो, सभी बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई है. जो कार्य बचे हैं उन्हें जल्द पूर्ण कराने क़े लिए निर्देश दिए गये हैं. साथ ही अफसरों से यह भी कहा कि आवश्यकता अनुसार हवाई सर्वेक्षण भी करें. डीजीपी ने कहा कि डीजे की हाईट और वॉल्यूम इतना न हो जो लोगों को समस्या हो, इस बारे में समस्त अलग-अलग संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गये हैं.
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कांवड़ियों के पास एक आईडी जरूर हो, जिसमें परिजनों का फोन नंबर भी रहना चाहिए. किसी भी इमरजेंसी में इसे परिजनों तक पहुंचने में आसानी होगी. इसके अलावा इमरजेंसी मेडिकल सेवाओं के लिए छोटे-बड़े वाहनों की व्यवस्था की जाएगी.
मुख्य सचिव ने कहा कि यूपी और उत्तराखंड से करोड़ों श्रद्धालु आते हैं. यूपी पुलिस के आठ कैंप ऐसे बनेंगे जिनमें यूपी और उत्तराखंड के अफसर रहेंगे. साथ ही यह भी निर्देश दिए कि गड़बड़ी करने वाले लोगों पर नजर रखी जाएगी और संवेदनशील जगहों पर अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी. उन्होंने कहा कि कहीं किसी नई परंपरा की अनुमति न दी जाए. कावड़ यात्रा के मार्गों को पूर्व से ही चेक कर लिया जाए तथा मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों व हाॅट स्पाट पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. इस दौरान बैठक के बाद दोनों अधिकारियों ने जहां कई स्थानों का भ्रमण भी किया वहीं, डीजीपी और मुख्य सचिव ने औघड़नाथ मंदिर का निरीक्षण किया और मंदिर में मत्था भी टेका.
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