लखनऊ : राजधानी के बालागंज क्षेत्र में पुजारी की हत्या मामले में पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस का दावा है कि पुजारी के बेटे ने ही बंटवारे को लेकर पिता की सिर कूचकर हत्या कर दी थी. परिजन लूट व चोरी की बात कर रहे थे, लेकिन पुलिस को लूट के कोई सबूत नहीं मिले थे. पुलिस शुरूआती जांच से ही हत्या मानकर जांच पड़ताल में लग गई थी.
यह था घटनाक्रम : बालागंज के हुसैनबाड़ी के रहने वाले उमा शंकर ने बताया कि पिता हरि शरण महाराज उर्फ रामशरण शुक्ल मूलरूप से माल के रहने वाले थे. कई साल पहले पिता ने माल की सारी संपत्ति बेच दी थी. उन्होंने मौरा खेड़ा शिव सिटी में दो मकान बनवाए थे. हुसैनबाड़ी के अलावा एक अन्य मकान खरीदा था. पिता पुरोहित का काम करते थे. पिता एक मकान में अकेले रहते थे, जबकि मां उर्मिला और बहन रजनी पड़ोस के दूसरे मकान में रहती है. रविवार रात मां और बहन खाना लेकर पहुंचीं तो कमरे में पिता खून से लथपथ पड़े थे, यह देखकर दोनों चीख पड़ीं. शोर सुनकर आस-पड़ोस के लोग आ गए. आनन-फानन में पिता को ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
इंस्पेक्टर दुबग्गा अभिनव वर्मा ने बताया कि सम्पत्ति बंटवारे से नाराज बेटे जय शकंर शुक्ल (40) ने ही पिता की सोमवार रात घर में घुसकर पहले मारपीट की, उसके बाद सिर कूचकर हत्या कर दी थी. हत्या के बाद मौके पर पहुंची पुलिस व फोरेंसिक टीम ने जांच शुरू कर दी थी. वारदात वाली जगह का अच्छे से मुआयना व टीम द्वारा साक्ष्य एकत्र किए गए. प्रथम दृष्टया जांच में किसी करीबी का हाथ होने के संकेत मिले थे, उसी समय पुलिस का शक घरवालों पर हो गया था. आरोपी बेटे जय शंकर की शादी हो चुकी थी, उसके दो बच्चे हैं. वह पेंटर का काम करता है.
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