शिमला: शिक्षा मंत्री ने भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने 15 महीने में जनहित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. ऐसे में कांग्रेस सुक्खू सरकार की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच वोट मांगने जाएगी. देश में लोकसभा चुनाव सहित कई राज्यों में विधानसभा चुनाव का ऐलान होने के बाद से सियासी पारा अब चढ़ने लगा है. प्रदेश में दोनों राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस का एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव सहित विधानसभा के लिए होने वाले उप चुनाव के लिए तैयार है. कांग्रेस मजबूती के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी. उन्होंने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने खराब वित्तीय स्थिति होने के बाद भी जनहित में कई कार्य किए हैं. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही सबसे पहले ओपीएस बहाल की गई जिसका लाभ 1.15 लाख कर्मचारियों को हुआ हैं.
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इसी तरह से महिलाओं 1500 रुपए हर महीने देने की महत्वपूर्ण गारंटी को पूरा किया गया. लेकिन दुख की बात है कि पूर्व मुख्यमंत्री नेता जयराम ठाकुर इस मामले को लेकर कई नेताओं से साथ शिकायत को लेकर चुनाव आयोग पहुंच गए. रोहित ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कृषि सहित बागवानी, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. ऐसे में कांग्रेस इन उपलब्धियों को लेकर लोगों से वोट मांगेगी.
'लोकतंत्र की हत्या की गई'
रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में बहुमत वाली सरकार को गिराने का प्रयास कर भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या की है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में चार लोकसभा सीटों सहित 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. जिसमें भाजपा की जनविरोधी नीतियों को लेकर कांग्रेस लोगों के बीच जाएगी. इस दौरान छल कपट करने वालों को जनता में बेनकाब किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए फैसले लिए हैं. जिसका प्रदेश की जनता को लाभ हुआ है. ऐसे में सरकार की इन्हीं उपलब्धियों के दम पर कांग्रेस वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत के प्रदर्शन को दोहराएगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए आने वाले दिनों में कांग्रेस की कई बैठकें होने जा रही है. जिसमें चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी.
'आपदा से बाहर निकलने के लिए केंद्र से नहीं मिला कोई सहयोग'
रोहित ठाकुर ने कहा कि मानसून सीजन में प्रदेश को प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा. बरसात की वजह से हिमाचल को 12 हजार करोड़ का नुकसान हुआ, लेकिन आपदा की स्थिति से बाहर निकलने के लिए केंद्र से कोई सहयोग नहीं मिला. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने स्तर पर 4500 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की. ऐसे में आम जनता के नुकसान की भरपाई की गई. उन्होंने कहा कि सरकार ने रिलीफ मैनुअल में किया संशोधन किया. ऐसे में अब घर को नुकसान होने पर प्रभावित परिवार को 7 लाख की राशि दी जाती हैं. वहीं, पहले घर का नुकसान होने पर मात्र 1 लाख की राहत दी जाती दी. इसी तरह से पशुधन के मरने पर दी जानी वाली राशि को बढ़ाया गया है. इसी तरह से ग्रामीणों की आर्थिकी सुदृढ़ करने के लिए दूध की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है.
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