देहरादूनः देश के कई राज्यों के साथ ही उत्तराखंड में भी तापमान लगातार गिरता जा रहा है. लेकिन नवंबर माह बीत जाने के बाद भी बर्फबारी और बारिश नहीं हुई. खास बात है कि दिसंबर में भी अगले एक हफ्ते तक बर्फबारी और बारिश के कोई आसार नहीं हैं. उत्तराखंड के मौसम विभाग के पूर्व निदेशक ने उत्तराखंड में बारिश या बर्फबारी नहीं होने की वजह को पश्चिमी विक्षोभ का सक्रिय न होना बताया है.
भारतीय मौसम विज्ञान सोसायटी के प्रेसिडेंट व दिल्ली मौसम विभाग के एडिशनल डायरेक्टर जनरल के पद से रिटायर्ड आनंद शर्मा का कहना है कि उत्तराखंड में अब तक शीतकाल शुष्क रहने का कारण पश्चिमी विक्षोभ का सक्रिय न होना है. उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में सितंबर माह के बाद से बारिश और बर्फबारी अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो पाई है. जिस वजह से प्रदेश के मौसम में ड्राई स्पेल यानी शुष्क मौसम की लंबी अवधि देखने को मिल रही है.
उन्होंने बताया कि जब मौसम शीतकाल की ओर जाता है, तब पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव नजर आने लग जाता है. लेकिन इस बार कोई वेस्टर्न डिस्टरबेंस बहुत ज्यादा एक्टिव नहीं हैं. हालांकि एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस आने वाले दिनों में विशेष कर जम्मू कश्मीर को प्रभावित कर सकता है. इसका असर मामूली रूप से हिमाचल प्रदेश में भी देखने को मिल सकता है. लेकिन शीतकाल में वर्षा और बर्फबारी के लिए उत्तराखंड वासियों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है.
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में ठंडा मौसम है. लेकिन प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में दिन के समय अच्छी खासी धूप खिल रही है. धूप और मौसम शुष्क रहने की वजह से ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान भी सामान्य से अधिक बने हुए हैं. इससे ठंड भी समय पर नहीं पड़ पा रही है.
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