उदयपुर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार को उदयपुर के दौरे पर रहीं. यहां मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के 32वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं. वहीं, समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा ही सशक्तिकरण का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है. शिक्षित और सुसंस्कारित व्यक्ति ही अपने परिवार, समाज और देश की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. राष्ट्रपति ने सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन सिर्फ स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए ही नहीं, बल्कि उनके शिक्षकों और अभिभावकों के लिए भी हर्ष और गर्व का है. विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में आयोजित समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने की. इस दौरान समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया मौजूद रहे.
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ-साथ चरित्र का भी विशेष महत्व है. उन्होंने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि चरित्र और विनम्रता के बिना मनुष्य हिंसक पशु के समान है. उन्होंने विद्यार्थियों को उच्चतम नैतिक मूल्यों का पालन करते हुए आगे बढ़ने और अपने उच्च आचरण व कर्म से देश को गौरवान्वित करने का आह्वान किया.
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सतत सीखने की प्रवृत्ति होनी चाहिए : राष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान समय तेजी गति से हो रहे बदलावों का है. ज्ञान और तकनीक में भी बदलाव हो रहे हैं. शिक्षा की उपयोगिता बनाए रखने के लिए जरूरी है कि सतत सीखने की प्रवृत्ति रखी जाए. विद्यार्थी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा और सामाजिक उत्तरदायित्वों में समन्वय रखें. उन्होंने विद्यार्थियों से वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने का भी आह्वान किया.
भक्ति और शक्ति का संगम है मेवाड़ : राष्ट्रपति ने कहा कि मेवाड़ और उदयपुर की विभूतियों ने स्वाधीनता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाई है. यह क्षेत्र सदियों से राष्ट्रीय अस्मिता के संघर्ष का साक्षी रहा है. राणा सांगा, महाराणा प्रताप और भक्तिकाल की महान संत कवयित्री मीराबाई का यह क्षेत्र शक्ति और भक्ति के संगम का क्षेत्र कहा जा सकता है. यहां की जनजाति-बहुल आबादी ने इस क्षेत्र का ही नहीं, पूरे देश का गौरव बढ़ाया है. यहां के इतिहास का अध्ययन करना चाहिए. इससे भारत की गौरवशाली परंपराओं के बारे में जानकारी मिलेगी. उन्होंने स्वाधीनता संग्राम में उदयपुर प्रजामंडल के योगदान को भी रेखांकित करते हुए माणिक्य लाल वर्मा, बलवंत सिंह मेहता, भूरेलाल बया और मोहनलाल सुखाड़िया को याद किया.
हर क्षेत्र में बेटियों का प्रदर्शन श्रेष्ठ : समारोह में गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में बेटों की तुलना में बेटियों की अधिक संख्या की जानकारी मिलने पर राष्ट्रपति ने प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां सभी क्षेत्रों में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही हैं. यह बहुत खुशी की बात है. दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने विभिन्न विषयों के 85 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल और 68 शोधार्थियों को विद्या वाचस्पति की उपाधि से नवाजा.
इसके अलावा समारोह में कुल 85 विद्यार्थियों को 102 गोल्ड मेडल दिए गए, जिसमें 16 छात्र और 69 छात्राएं शामिल रही. इन गोल्ड मेडल में 8 चांसलर मेडल शामिल है. इसमें से दो छात्र और 6 छात्राओं को मेडल मिले. प्रतिवर्ष दिए जाने वाले 9 स्पॉन्सर गोल्ड मेडल के क्रम में डॉ. सीबी मामोरिया, प्रो. विजय श्रीमाली, प्रो. आरके श्रीवास्तव, विजय सिंह देवपुरा, पीसी रांका, प्रो. ललित शंकर और पुष्पा देवी शर्मा स्मृति में गोल्ड मेडल दिए गए. इसके साथ ही कुल 68 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई, जिसमें 35 छात्राएं और 33 छात्र शामिल थे.
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राजमहल में हुआ राष्ट्रपति का भव्य स्वागत : मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के आमंत्रण पर राष्ट्रपति उदयपुर राजमहल पहुंचीं, जहां मेवाड़ी परंपरानुसार उनका स्वागत किया गया. इसके लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डॉ. लक्ष्यराज सिंह का आभार व्यक्त किया. वहीं, राष्ट्रपति के साथ राज्य के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े और डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा भी राजमहल पहुंचे. इस दौरान डॉ. लक्ष्यराज सिंह और राष्ट्रपति के बीच वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप, राणा सांगा सहित मेवाड़ के प्रतापी महाराणाओं के त्याग, बलिदान, शौर्य, पराक्रम, स्वाभिमान के गौरवशाली इतिहास और विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर करीब डेढ़ घंटे तक बात हुई. डॉ. लक्ष्यराज सिंह और राष्ट्रपति के बीच मेवाड़ और ओडिशा के रिश्तों पर भी चर्चा हुई.
राष्ट्रपति और डॉ. लक्ष्यराज सिंह की पत्नी निवृत्ति कुमारी मूलतः ओडिशा की निवासी हैं. डॉ. लक्ष्यराज सिंह के ससुर पटना-बलांगीर रियासत के पूर्व महाराज कनक वर्धन सिंह देव वर्तमान में ओडिशा की भाजपा सरकार में डिप्टी सीएम हैं और सास मां संगीता कुमारी सिंह देव बलांगीर लोकसभा से लगातार 5वीं बार भाजपा की सांसद हैं. डॉ. लक्ष्यराज सिंह की पत्नी निवृत्ति कुमारी, डिप्टी सीएम कनक वर्धन और सांसद संगीता की इकलौती बेटी हैं.