देहरादून: उत्तराखंड के प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ. यशवंत सिंह कठोच को पद्मश्री से सम्मानित किया गया. आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी ने मुर्मू ने डॉ यशवंत कठोच को पद्मश्री से सम्मानित किया. डॉ यशवंत कठोच को भारतीय संस्कृति, इतिहास, पुरात्व शोध के कार्यों के लिए पद्मश्री से नवाजा गया है.
डॉ यशवंत कठोच पौड़ी जिले के रहने वाले हैं. उनका जन्म जन्म 27 दिसंबर 1935 में एकेश्वर विकासखंड में मासौ गांव में हुआ. यशवंत कठोच उत्तराखंड के प्रसिद्ध इतिहासकार हैं. यशवंत कठोच ने कई साल तक शिक्षा के क्षेत्र में प्रधानाचार्य के रूप में सेवाएं दी. इसके बाद उन्होंने कई शोध कार्य किये. पुरातत्व के क्षेत्र में यशवंत कठोच को महत्वपूर्ण योगदान रहा.
डॉ यशवंत कठोच ने 1974 में आगरा विवि से इतिहास की पढ़ाई की. 1978 में डॉ यशवंत कठोच ने हेमवती नंदन बहुगुणा विवि में शोध ग्रंथ समिट किये. जिसके बाद उन्हें डिफील की उपाधि मिली. डॉ यशवंत कठोच ने इतिहास, पुरातत्व से जुड़ी कई किताबें भी लिखी.
डॉक्टर यशवंत सिंह कठोच का रचनाकर्म: डॉक्टर यशवंत सिंह कठोच उत्तराखंड शोध संस्थान के संस्थापक सदस्य हैं. इस संस्थान की स्थापना 1973 में की गई थी. डॉक्टर कठोच ने मध्य हिमालय की कला- एक वास्तु शात्रीय अध्ययन, मध्य हिमालय का पुरातत्व, संस्कृति के पदचिन्ह, सिंह भारती और उत्तराखंड की सैन्य परंपरा समेत एक दर्जन पुस्तकें लिखी हैं. शोध छात्रों के लिए ये डॉ कठोच की ये पुस्तकें लाभदायक साबित हो रही हैं. उत्तराखंड और यहां की संस्कृति के साथ ही मध्य हिमालय में रुचि रखने वालों के लिए उनकी ये किताबें मार्गदर्शक का काम करती हैं. अभी वो मध्य हिमालय के पुराभिलेख और इतिहास तथा संस्कृति पर निबंध जैसी रचनाओं को पूर्ण करने का काम कर रहे हैं. डॉक्टर यशवंत सिंह कठोच की ये पुस्तकें जल्द पाठकों तक पहुंचेंगी.
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