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नहाय खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत , 7 नवंबर को प्रथम अर्ध्य

नहाय खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत हो चुकी है.भिलाई में छठ पूजा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं.

Chhath festival
नहाय खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 5, 2024, 7:42 PM IST

दुर्ग : छठ महापर्व की शुरुआत 5 नवंबर को नहाय खाय से शुरू हो चुकी है. इसके बाद 6 नवंबर को खरना, 7 नवंबर को डूबते सूर्य को प्रथम अर्घ्य दिया जाएगा. 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत की पारणा की जाएगी. पारिवारिक सुख, शांति के लिए महिलाएं 36 घंटे का उपवास रखेंगी. 4 दिन तक यह महापर्व मनाया जाएगा. वहीं दुर्ग पुलिस ने तालाबों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की है.

30 से ज्यादा तालाबों में तैयारी : दुर्ग जिले के तालाबों में छठ पर्व को लेकर तैयारी की जा चुकी है. तालाबों की सफाई लगभग पूरी हो चुकी है, मंगलवार को नहाय खाय के साथ लोग घाट बांधकर आएंगे. इसके लिए छठ तालाबों के चारों ओर पूजा के लिए जगह सुरक्षित की जा चुकी है.वेदी बनाई गई है. भिलाई के शीतला तालाब, मरोदा डेम, सेक्टर-2 तालाब, सूर्यकुंड बैकुंठधाम सहित शहर के 30 से ज्यादा तालाबों में पूजा की तैयारी की जा रही है.

Chhath festival
वेदी बनाने का काम हुआ पूरा (ETV Bharat Chhattisgarh)
Chhath festival
7 नवंबर को प्रथम अर्ध्य (ETV Bharat Chhattisgarh)
नहाय खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत (ETV Bharat Chhattisgarh)

1200 से ज्यादा कर्मचारियों को तालाबों में साफ सफाई को लेकर लगाया गया है,हम लोगों से अपील करते हैं कि पूजा के साथ-साथ साफ सफाई की भी विशेष ध्यान रखा जाए- अजय शुक्ला, पीआरओ, भिलाई नगर निगम

छठ तालाब को देखते हुए जिस तालाब पर ज्यादा भीड़ होती है, वहां पर स्पेशल फोर्स लगाई जा रही है. तालाबों में ज्यादा भीड़ लगता है. भगदड़ की स्थिति ना हो इसे लेकर सारी व्यवस्था की जा रही है-सुखनंदन राठौर,दुर्ग एडिशनल एसपी

Chhath festival
तालाबों में विशेष सुरक्षा (ETV Bharat Chhattisgarh)

क्या है छठ पर्व : यह त्योहार बिहार की भूमि से शुरू होकर झारखंड, उत्तरप्रदेश में जोर शोर से मनाया जाता है.लेकिन वर्तमान में सभी समाज के लोग इसे मनाते हैं. दुर्ग-भिलाई में बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड के लोग रहते हैं. इस वजह से प्रतिवर्ष इस त्योहार की धूम ट्विनसिटी में भी देखी जाती है. ये पर्व साल में दो बार मनाया जाता है. पहली बार चैत्र में और दूसरी बार कार्तिक में चैत्र शुक्ल पक्ष की षष्ठी पर मनाए जाने वाले छठ पर्व को चैती छठ और कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले पर्व को कार्तिकी छठ कहा जाता है. पारिवारिक सुख-समृद्धि और मनोवांछित फलप्राप्ति के लिए ये पर्व मनाया जाता है.

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दुर्ग : छठ महापर्व की शुरुआत 5 नवंबर को नहाय खाय से शुरू हो चुकी है. इसके बाद 6 नवंबर को खरना, 7 नवंबर को डूबते सूर्य को प्रथम अर्घ्य दिया जाएगा. 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत की पारणा की जाएगी. पारिवारिक सुख, शांति के लिए महिलाएं 36 घंटे का उपवास रखेंगी. 4 दिन तक यह महापर्व मनाया जाएगा. वहीं दुर्ग पुलिस ने तालाबों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की है.

30 से ज्यादा तालाबों में तैयारी : दुर्ग जिले के तालाबों में छठ पर्व को लेकर तैयारी की जा चुकी है. तालाबों की सफाई लगभग पूरी हो चुकी है, मंगलवार को नहाय खाय के साथ लोग घाट बांधकर आएंगे. इसके लिए छठ तालाबों के चारों ओर पूजा के लिए जगह सुरक्षित की जा चुकी है.वेदी बनाई गई है. भिलाई के शीतला तालाब, मरोदा डेम, सेक्टर-2 तालाब, सूर्यकुंड बैकुंठधाम सहित शहर के 30 से ज्यादा तालाबों में पूजा की तैयारी की जा रही है.

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7 नवंबर को प्रथम अर्ध्य (ETV Bharat Chhattisgarh)
नहाय खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत (ETV Bharat Chhattisgarh)

1200 से ज्यादा कर्मचारियों को तालाबों में साफ सफाई को लेकर लगाया गया है,हम लोगों से अपील करते हैं कि पूजा के साथ-साथ साफ सफाई की भी विशेष ध्यान रखा जाए- अजय शुक्ला, पीआरओ, भिलाई नगर निगम

छठ तालाब को देखते हुए जिस तालाब पर ज्यादा भीड़ होती है, वहां पर स्पेशल फोर्स लगाई जा रही है. तालाबों में ज्यादा भीड़ लगता है. भगदड़ की स्थिति ना हो इसे लेकर सारी व्यवस्था की जा रही है-सुखनंदन राठौर,दुर्ग एडिशनल एसपी

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तालाबों में विशेष सुरक्षा (ETV Bharat Chhattisgarh)

क्या है छठ पर्व : यह त्योहार बिहार की भूमि से शुरू होकर झारखंड, उत्तरप्रदेश में जोर शोर से मनाया जाता है.लेकिन वर्तमान में सभी समाज के लोग इसे मनाते हैं. दुर्ग-भिलाई में बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड के लोग रहते हैं. इस वजह से प्रतिवर्ष इस त्योहार की धूम ट्विनसिटी में भी देखी जाती है. ये पर्व साल में दो बार मनाया जाता है. पहली बार चैत्र में और दूसरी बार कार्तिक में चैत्र शुक्ल पक्ष की षष्ठी पर मनाए जाने वाले छठ पर्व को चैती छठ और कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले पर्व को कार्तिकी छठ कहा जाता है. पारिवारिक सुख-समृद्धि और मनोवांछित फलप्राप्ति के लिए ये पर्व मनाया जाता है.

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