मिर्जापुर/आजमगढ़/गोंडा: प्रयागराज में 144 साल बाद लगे महाकुंभ में मौनी अमवस्या पर मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत और 60 श्रद्धालु घायल हो गए थे. इस हादसे में उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के कई लोगों की मौत हुई है. अब प्रयागराज से शव उनके घर पर पहुंचने लगे हैं. मिर्जापुर और आजमगढ़ की एक-एक महिला और गोंडा के एक पुरुष की मौत हो गई थी, जिनके शव घर पहुंचे तो हड़कंप मच गया.
मिर्जापुर के चुनार थाना क्षेत्र के नुआंव गांव की रहने वाली रीना यादव (56) पिछले 15 वर्षों से अपने पति के साथ प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र के चकमेरा पट्टी में रहती थी. हादसे की रात रीना यादव अकेले घर से संगम स्नान के लिए निकली थी. भगदड़ में दब जाने से उनकी मौत हो गई.
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पुलिस ने मोबाइल के जरिए परिजनों को फोन किया. इसके बाद परिवार के लोग प्रयागराज के लिए रवाना हुए. रीना के देवर धनेश यादव ने बताया कि उनके भाई रामकेश एयरफोर्स से रिटायर होने के बाद धूमनगंज थाना क्षेत्र के चकमीरा पट्टी में रह रहे हैं. भाभी रीना भी वहीं रह रहीं थीं.
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रीना का बेटी गुजरात में सीबीआई में तैनात है.जबकि बेटा इंडोनेशिया में इंजीनियर है. रीना यादव अकेले ही संगम पर नहाने गई थी. इस दौरान भगदड़ मचने पर कुचलकर उनकी मौत हो गई. पुलिस ने पति रामकेश यादव को सूचना दी. वहीं, मिर्जापुर शहर क्षेत्र के पक्का पोखरा की रहने वाले इंद्रावती पांडे (60) भी संगम स्नान करने गई थी. भगदड़ में वह भी दब गई थी. वह घायल हो गईं थीं. पुलिस ने उन्हें आनन फानन में अस्पताल पहुंचाया. इलाज के बाद उन्हें छुट्टी दे गई.
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आगजमढ़ की महिला का शव घर पहुंचते ही मचा कोहरामः आजमगढ़ के सरायमीर थाना क्षेत्र के रसूलपुर बरवा गांव निवासी कमलावती चौहान (53) पत्नी बृजलाल चौहान 28 जनवरी को अपनी बेटी आकांक्षा व उसकी छह माह की बेटी अछिता और बहू सुषमा सहित कुल 10 लोग महाकुंभ में गई थीं. इसी दौरान अमृत स्नान के समय भीड़ अनियंत्रित हो गई. इस हादसे में कमलावती चौहान का हाथ उनकी बेटी और बहू से छूट गया. हादसे में किसी तरह आकांक्षा ने अपने छह माह की बेटी को तो बचा लिया लेकिन मां को नहीं बचा सकी. इस हादसे में कमलावती चौहान की मौत हो गई. बुधवार देर रात कमलावती का शव घर पहुंचा तो कोहराम मच गया. आसपास के लोगों ने परिजनों को ढांढस बंधाया. शव के साथ सुषमा, आकांक्षा, मीना, जनीता, अक्षिता घर आईं. जबकि उनके साथ गई आसमानी, कैलाशपति, बदामी व सविता अभी भी प्रयागराज में फंसे हुए हैं. परिवार के लोग बार-बार फोन कर उसकी जानकारी ले रहे हैं.
पति के आने का हो रहा इंतजारः सरायमीर थाना क्षेत्र के रसूलपुर बरवा गांव निवासी कमलावती चौहान (53) के पति बृजलाल चौहान खाड़ी देश कतर में रहकर काम करते हैं. महाकुंभ में पत्नी के मौत की खबर सुनते ही वह कतर से आजमगढ़ के लिए रवाना हो गए. परिजवार के लोग उनके आने का इंतजार कर रहे हैं. इनके आने के बाद शाम को कमलावती के शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
गोंडा के ननकन की भीड़ में दबकर मौतः महाकुंभ में हुई भगदड़ में गोंडा के 47 ननकन की भी मौत हो गई. कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के रुपईडीह गांव के रहने वाले ननकन अपने परिवार के 12 लोगों और गांव के साथ मौनी अमवस्या पर स्नान करने गए थे. तभी मेले में अचानक भगदड़ मच गई. भगदड़ में अपने गांव के साथियों का साथ छूट गया. कुछ घंटों में प्रयागराज प्रशासन ने हालात को काबू में कर लिया तो साथियों ने ननकन को ढूंढना शुरू किया. कुछ ही देर में पता चला कि ननकन घायल अवस्था में हॉस्पिटल पहुंचे हैं, जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. प्रशासन द्वारा एम्बुलेंस से शव को गोंडा भेज दिया है. शव पहुंचते ही परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है.
गोरखपुर में दो लोगों की भी महाकुंभ में मौत, घर पहुंचे शव
प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान संगम तट पर हुई भगदड़ में मारे गए उनवल नगर पंचायत, खजनी तहसील के निवासी पन्नालाल साहनी और नगीना देवी के शव उनके घर पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों का रुदन देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखें भी नम हो गईं। विधायक और नायब तहसीलदार ने ढांढस बंधाया। घटना की जानकारी मिलते ही क्षेत्रीय विधायक प्रदीप शुक्ल और नायब तहसीलदार खजनी राम सूरज प्रसाद मृतकों के घर पहुंचे और शोक संतप्त परिवारजनों को ढांढस बंधाया। उन्होंने परिजनों को प्रदेश शासन द्वारा हर संभव मदद का आश्वासन दिया। नम आंखों से लोगों ने अंतिम विदाई दी।