प्रयागराज : संगम नगरी में जनवरी 2025 में महाकुंभ आयोजन होना है. इससे पूर्व गंगा नदी में आए बाढ़ के पानी ने मेले की बसावट में जगह की समस्या खड़ी कर दी. इससे निजात के लिए ड्रेजिंग मशीनों को गंगा नदी में उतार कर नदी को एक ही धारा में बहाने का काम शुरू किया गया. कुंभ मेला प्रशासन के इस प्रयास से गंगा की धारा एक हो जाएगी.
करीब 4000 हेक्टेयर में लगने वाले महाकुंभ मेले की बसावट की प्राथमिक रूपरेखा मेला प्रशासन ने तैयार कर ली है. इसके तहत मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटते हुए आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं. कुंभ मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी का कहना है कि संगम क्षेत्र में 60 प्रतिशत घाट कटान के कारण पहले से प्रभावित हैं. इससे जगह की कमी आ रही है. ड्रेजिंग से हमें मेले की बसावट में सुविधा मिलती है. घाट अच्छे मिलते है और मेला देखने में भी अच्छा लगता है.
मेला अधिकारी ने बताया कि साल 2019 के कुंभ में इसी तरह गंगा की धारा पर काम किया गया था. उस दौरान भी इसमें कामयाबी मिली थी. मेला की बसावट में दिक्कत नहीं आई थी, इस बार भी मेले की बसावट में दिक्कत आ रही थी. इसे लेकर अब धारा को एक धारा में बदला जा रहा है. इससे तीन धाराओं में बह रही गंगा केवल एक धारा में बहेगी. इसके लिए प्रयास जारी है. इस कार्य में सफलता भी मिली है. मशीन समेत मजदूर भी काम पर लगाए गए हैं.
मेला अधिकारी ने बताया कि अलग-अलग धाराओं में नदी के बहने के कारण बीच में टापू निकल आते हैं. ये टापू मेला बसाने में किसी काम के नहीं होते हैं. नदी की धारा एक होने से मेले को बसाने के लिए पर्याप्त जगह मिल जाती है.
यह भी पढ़ें : महाकुंभ से पहले काशी में जुटे संत, कुटुंब प्रबोधन के साथ धर्मांतरण और लव जिहाद पर किया मंथन