ETV Bharat / state

IIT वाले बाबा ने कोटा में किया था 'द लास्ट पेज ऑफ नोटबुक' प्रोजेक्ट, स्टूडेंट्स के 'सपनों' की लगाई थी एग्जिबिशन - KUMBH ENGINEER BABA

प्रयागराज के कुंभ से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे अभय सिंह अपने कॉलेज के दिनों में कोटा आए थे. पढ़िए पूरी खबर...

IIT वाले बाबा अभय सिंह
IIT वाले बाबा अभय सिंह (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 18, 2025, 2:23 PM IST

कोटा : प्रयागराज महाकुंभ में आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद बाबा बने आईआईटीयन अभय सिंह सोशल मीडिया पर इन दिनों खूब वायरल हो रहे हैं. उन्होंने प्रयागराज कुंभ में ही मीडिया को दिए इंटरव्यू में बताया कि साल 2014 में उन्होंने कोटा में अपने फोटोग्राफी के शौक को लेकर एक प्रोजेक्ट भी किया था. यह प्रोजेक्ट 'द लास्ट पेज ऑफ नोटबुक' है. उन्होंने यह भी बताया है कि उन्होंने कोटा में कुछ दिन बिताए थे और यहां के स्टूडेंट से लेकर हॉस्टल और कोचिंग संस्थान के फैकल्टी से भी उन्होंने मुलाकात की थी. यह सभी जानकारी अभय सिंह की फेसबुक वॉल पर भी हैं.

बाबा अभय सिंह ने कोटा में करीब 4 से 5 दिन बिताए थे और कोटा में सुबह से शाम तक कई फोटोग्राफ भी उन्होंने खींचे थे. अभय सिंह ने अपनी फेसबुक वॉलपेपर कोटा के कोचिंग संस्थान का फोटो भी डाला हुआ है. इसके बाद 27 नवंबर 2014 को भी उन्होंने एक कोटा को लेकर फेसबुक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि 27 नवंबर को आईआईटी बॉम्बे में ही विक्टर मेनेजेस कन्वेंशन सेंटर (वीएमसी लोन) में उनकी एग्जिबिशन 'एन इनसाइड लुक इनटू द लाइव्स ऑफ स्टूडेंट एट कोटा' को लगाया था.

पढ़ें. महाकुंभ में राजस्थानियों के लिए तोहफा, राजस्थान मंडप में मिलेगा फ्री रहना, खाना व स्वास्थ्य सुविधाएं, ऐसे करें बुकिंग

कोटा के बच्चों के मन में तलाशने की कोशिश की थी : बाबा अभय सिंह ने मीडिया को बताया है कि 'कोटा पर डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफी का प्रोजेक्ट किया था. नोटबुक पर आगे वाले पन्ने पर मेन लाइफ स्टोरी लिखी जाती है, लेकिन अंतिम पेज पर वह लिखा जाता है, जो हमें महत्वपूर्ण लगता है. इसमें किसी का फोन नंबर या फिर कुछ और सब आखिरी पन्ने पर लिखा जाता है. मैंने कोटा में पढ़ रहे बच्चों के दिल में क्या है, यह तलाशने की कोशिश की थी. उनके पेरेंट्स ने क्या जबरदस्ती उन्हें वहां भेज दिया कि इंजीनियरिंग करो.'

दोस्तों से मांगी थी कोटा में रुकने के लिए मदद : मूल रूप से हरियाणा के झज्जर निवासी अभय सिंह आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई करते समय ही कोटा में प्रोजेक्ट के लिए आए थे. अभय सिंह ने अपनी फेसबुक वॉल पर 19 अगस्त 2014 को शेयर किया था कि कोटा वीकेंड पर पहुंचने वाले हैं और अकोमोडेशन के लिए उन्होंने मदद भी मांगी थी. इसके बाद कोटा के कुछ लोगों ने उन्हें मदद मुहैया कराने की बात कमेंट में लिखी है.

3 इडियट्स के गाने पर बनाया था कोटा के फोटो का वीडियो : अभय सिंह ने कोटा में किए अपने प्रोजेक्ट की समरी 'एक समराइज फोटो प्रोजेक्ट' 14 सितंबर 2014 को अपनी फेसबुक पर शेयर किया था. इसमें 3 इडियट्स फिल्म का गाना 'गिव मी सम सनशाइन' था. हालांकि, यह वीडियो अब यूट्यूब से हट गया है. इसके साथ ही 28 सितंबर को उन्होंने ट्रेन में सफर करने के दौरान मोबाइल चलाते हुए दो लोगों का फोटो शेयर किया था, इसमें कैप्शन लिखा था कि 'ए मोबाइल फ़ॉर इच ऑफ अस'. कोटा कोचिंग का एक फोटो भी उन्होंने 30 सितंबर को शेयर किया. इसमें उन्होंने कैप्शन 'द डे स्टार्ट इन कोटा' दिया था.

पढे़ं. 'कुंभ की व्यवस्थाएं, अपने आप में एक केस स्टडी है' : गजेंद्र सिंह शेखावत

शुरुआत से ही पढ़ाई में रहे हैं एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी : अभय सिंह के पिता एडवोकेट कर्ण सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि 'पढ़ाई में अभय सिंह शुरू से एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी रहा है. दिल्ली में JEE की कोचिंग की थी. रिजल्ट में रैंक 731 आई थी. उसे दिल्ली आईआईटी चुनने के लिए कहा था और यह भी बताया था कि हम भी मिलने आ जाएंगे नजदीक है, लेकिन उसने इस बात से इनकार कर दिया और बॉम्बे को ही चुना. मेरे पास एक घुमक्कड़ शास्त्र की किताब थी, जिसे भी उसने पढ़ा था. वह 36 लाख के पैकेज में कनाडा में नौकरी कर चुका है, लेकिन आध्यात्मिक झुकाव के बाद वह नौकरी छोड़कर आ गया.'

बाबा बनने के फैसले के बारे में नहीं बताया : उन्होंने बताया कि सर्दियों के मौसम में वो उत्तरी भारत के शिमला, मसूरी घूमने चले जाया करता था. बाबा बनने का फैसला उसने घर में किसी को नहीं बताया था. वह कुछ दिन तक परिवार के संपर्क में रहा, लेकिन बाद में उसने सभी को ब्लॉक कर दिया. कुछ दिन पहले पता चला था कि वह हरिद्वार में है, लेकिन मैं तो यही चाहता हूं कि वह वापस आ जाए.

कोटा : प्रयागराज महाकुंभ में आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद बाबा बने आईआईटीयन अभय सिंह सोशल मीडिया पर इन दिनों खूब वायरल हो रहे हैं. उन्होंने प्रयागराज कुंभ में ही मीडिया को दिए इंटरव्यू में बताया कि साल 2014 में उन्होंने कोटा में अपने फोटोग्राफी के शौक को लेकर एक प्रोजेक्ट भी किया था. यह प्रोजेक्ट 'द लास्ट पेज ऑफ नोटबुक' है. उन्होंने यह भी बताया है कि उन्होंने कोटा में कुछ दिन बिताए थे और यहां के स्टूडेंट से लेकर हॉस्टल और कोचिंग संस्थान के फैकल्टी से भी उन्होंने मुलाकात की थी. यह सभी जानकारी अभय सिंह की फेसबुक वॉल पर भी हैं.

बाबा अभय सिंह ने कोटा में करीब 4 से 5 दिन बिताए थे और कोटा में सुबह से शाम तक कई फोटोग्राफ भी उन्होंने खींचे थे. अभय सिंह ने अपनी फेसबुक वॉलपेपर कोटा के कोचिंग संस्थान का फोटो भी डाला हुआ है. इसके बाद 27 नवंबर 2014 को भी उन्होंने एक कोटा को लेकर फेसबुक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि 27 नवंबर को आईआईटी बॉम्बे में ही विक्टर मेनेजेस कन्वेंशन सेंटर (वीएमसी लोन) में उनकी एग्जिबिशन 'एन इनसाइड लुक इनटू द लाइव्स ऑफ स्टूडेंट एट कोटा' को लगाया था.

पढ़ें. महाकुंभ में राजस्थानियों के लिए तोहफा, राजस्थान मंडप में मिलेगा फ्री रहना, खाना व स्वास्थ्य सुविधाएं, ऐसे करें बुकिंग

कोटा के बच्चों के मन में तलाशने की कोशिश की थी : बाबा अभय सिंह ने मीडिया को बताया है कि 'कोटा पर डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफी का प्रोजेक्ट किया था. नोटबुक पर आगे वाले पन्ने पर मेन लाइफ स्टोरी लिखी जाती है, लेकिन अंतिम पेज पर वह लिखा जाता है, जो हमें महत्वपूर्ण लगता है. इसमें किसी का फोन नंबर या फिर कुछ और सब आखिरी पन्ने पर लिखा जाता है. मैंने कोटा में पढ़ रहे बच्चों के दिल में क्या है, यह तलाशने की कोशिश की थी. उनके पेरेंट्स ने क्या जबरदस्ती उन्हें वहां भेज दिया कि इंजीनियरिंग करो.'

दोस्तों से मांगी थी कोटा में रुकने के लिए मदद : मूल रूप से हरियाणा के झज्जर निवासी अभय सिंह आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई करते समय ही कोटा में प्रोजेक्ट के लिए आए थे. अभय सिंह ने अपनी फेसबुक वॉल पर 19 अगस्त 2014 को शेयर किया था कि कोटा वीकेंड पर पहुंचने वाले हैं और अकोमोडेशन के लिए उन्होंने मदद भी मांगी थी. इसके बाद कोटा के कुछ लोगों ने उन्हें मदद मुहैया कराने की बात कमेंट में लिखी है.

3 इडियट्स के गाने पर बनाया था कोटा के फोटो का वीडियो : अभय सिंह ने कोटा में किए अपने प्रोजेक्ट की समरी 'एक समराइज फोटो प्रोजेक्ट' 14 सितंबर 2014 को अपनी फेसबुक पर शेयर किया था. इसमें 3 इडियट्स फिल्म का गाना 'गिव मी सम सनशाइन' था. हालांकि, यह वीडियो अब यूट्यूब से हट गया है. इसके साथ ही 28 सितंबर को उन्होंने ट्रेन में सफर करने के दौरान मोबाइल चलाते हुए दो लोगों का फोटो शेयर किया था, इसमें कैप्शन लिखा था कि 'ए मोबाइल फ़ॉर इच ऑफ अस'. कोटा कोचिंग का एक फोटो भी उन्होंने 30 सितंबर को शेयर किया. इसमें उन्होंने कैप्शन 'द डे स्टार्ट इन कोटा' दिया था.

पढे़ं. 'कुंभ की व्यवस्थाएं, अपने आप में एक केस स्टडी है' : गजेंद्र सिंह शेखावत

शुरुआत से ही पढ़ाई में रहे हैं एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी : अभय सिंह के पिता एडवोकेट कर्ण सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि 'पढ़ाई में अभय सिंह शुरू से एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी रहा है. दिल्ली में JEE की कोचिंग की थी. रिजल्ट में रैंक 731 आई थी. उसे दिल्ली आईआईटी चुनने के लिए कहा था और यह भी बताया था कि हम भी मिलने आ जाएंगे नजदीक है, लेकिन उसने इस बात से इनकार कर दिया और बॉम्बे को ही चुना. मेरे पास एक घुमक्कड़ शास्त्र की किताब थी, जिसे भी उसने पढ़ा था. वह 36 लाख के पैकेज में कनाडा में नौकरी कर चुका है, लेकिन आध्यात्मिक झुकाव के बाद वह नौकरी छोड़कर आ गया.'

बाबा बनने के फैसले के बारे में नहीं बताया : उन्होंने बताया कि सर्दियों के मौसम में वो उत्तरी भारत के शिमला, मसूरी घूमने चले जाया करता था. बाबा बनने का फैसला उसने घर में किसी को नहीं बताया था. वह कुछ दिन तक परिवार के संपर्क में रहा, लेकिन बाद में उसने सभी को ब्लॉक कर दिया. कुछ दिन पहले पता चला था कि वह हरिद्वार में है, लेकिन मैं तो यही चाहता हूं कि वह वापस आ जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.