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तो क्या अवकाश प्राप्त चार अधिकारियों के चलते प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार का साथ छोड़ा! - Prashant Kishor

Nitish Kumar नीतीश कुमार पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर दल का गठन करने जा रहे हैं. उससे पहले पीके ने कई खुलासा किया है. प्रशांत किशोर ने नीतीश पर अफसरशाही के आरोप लगाये हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अफसरशाही हावी होने के आरोप लगते रहे हैं. उनके लंबे राजनीतिक सफर में बार-बार यह सवाल उठता रहा है कि राज्य में सरकार से ज्यादा अधिकारियों की मनमानी चलती है.

Prashant Kishor
प्रशांत किशोर. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 29, 2024, 10:53 PM IST

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच काफी गहरी दोस्ती थी. नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को एक तरीके से अपना उत्तराधिकारी भी घोषित कर दिया था. प्रशांत किशोर की हैसियत जदयू में नंबर दो की हो गई थी. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए थे, जल्द ही दोस्ती में दरार आ गई और प्रशांत किशोर ने अपनी राहें अलग कर ली. तब इस बात की काफी चर्चा चली थी कि आखिर प्रशांत किशोर ने क्यों नीतीश का साथ छोड़ा.?

नीतीश सरकार को कौन चला रहाः प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर को दल का गठन करने जा रहे हैं. उससे पहले मीडिया से बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर ने बताया कि ''नीतीश कुमार के साथ मैं क्यों आया था. और वह कौन से मुद्दे थे जिसके चलते उन्होंने नीतीश कुमार का साथ छोड़ा.'' नीतीश कुमार को लेकर प्रशांत किशोर ने कई खुलासे किये. प्रशांत किशोर ने कहा कि ''नीतीश कुमार कुछ अवकाश प्राप्त अधिकारियों के कठपुतली बन गए थे. बिहार की 13 करोड़ जनता आज कराह रही है. चार अवकाश प्राप्त अधिकारी सरकार चला रहे हैं. नेता, मंत्री और विधायक किसी की नहीं चलती है.''

प्रशांत किशोर. (ETV Bharat)

नीतीश कुमार सत्ता लोलुप हो गएः प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं जिस नीतीश कुमार के साथ आया था, उनकी पहचान सुशासन थी. गैसल ट्रेन टक्कर के बाद रेल मंत्री के तौर पर जिस शख्स ने इस्तीफा दिया और लोकसभा चुनाव में दो सीट आने पर एक दलित को मुख्यमंत्री बना दिया था, उस नीतीश कुमार के साथ हम आए थे. प्रशांत किशोर ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद नीतीश कुमार ने मुझे चार बार फोन किया था. मैंने उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनने का सुझाव दिया था. लेकिन, 43 विधायक आने के बाद भी वह मुख्यमंत्री बन गए.

बिहार में अधिकारियों का जंगल राजः प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता सब देख रही है. समय आने पर हिसाब लेगी. प्रशांत किशोर ने कहा कि लालू प्रसाद यादव के शासनकाल में अपराधियों का जंगल राज था और नीतीश कुमार के शासनकाल में अधिकारियों का जंगल राज है. पूरा बिहार अधिकारी चला रहे हैं और राज्य के अंदर लूट तंत्र मचा हुआ है. प्रशांत किशोर ने कहा कि चार अवकाश प्राप्त अधिकारी हैं जो बिहार पर राज कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ेंः '2 अक्टूबर को बिहार के 1 करोड़ संस्थापक सदस्य मिलकर जन सुराज अभियान को दल बनाएंगे' - Prashant Kishor

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नीतीश सरकार को कौन चला रहाः प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर को दल का गठन करने जा रहे हैं. उससे पहले मीडिया से बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर ने बताया कि ''नीतीश कुमार के साथ मैं क्यों आया था. और वह कौन से मुद्दे थे जिसके चलते उन्होंने नीतीश कुमार का साथ छोड़ा.'' नीतीश कुमार को लेकर प्रशांत किशोर ने कई खुलासे किये. प्रशांत किशोर ने कहा कि ''नीतीश कुमार कुछ अवकाश प्राप्त अधिकारियों के कठपुतली बन गए थे. बिहार की 13 करोड़ जनता आज कराह रही है. चार अवकाश प्राप्त अधिकारी सरकार चला रहे हैं. नेता, मंत्री और विधायक किसी की नहीं चलती है.''

प्रशांत किशोर. (ETV Bharat)

नीतीश कुमार सत्ता लोलुप हो गएः प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं जिस नीतीश कुमार के साथ आया था, उनकी पहचान सुशासन थी. गैसल ट्रेन टक्कर के बाद रेल मंत्री के तौर पर जिस शख्स ने इस्तीफा दिया और लोकसभा चुनाव में दो सीट आने पर एक दलित को मुख्यमंत्री बना दिया था, उस नीतीश कुमार के साथ हम आए थे. प्रशांत किशोर ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद नीतीश कुमार ने मुझे चार बार फोन किया था. मैंने उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनने का सुझाव दिया था. लेकिन, 43 विधायक आने के बाद भी वह मुख्यमंत्री बन गए.

बिहार में अधिकारियों का जंगल राजः प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता सब देख रही है. समय आने पर हिसाब लेगी. प्रशांत किशोर ने कहा कि लालू प्रसाद यादव के शासनकाल में अपराधियों का जंगल राज था और नीतीश कुमार के शासनकाल में अधिकारियों का जंगल राज है. पूरा बिहार अधिकारी चला रहे हैं और राज्य के अंदर लूट तंत्र मचा हुआ है. प्रशांत किशोर ने कहा कि चार अवकाश प्राप्त अधिकारी हैं जो बिहार पर राज कर रहे हैं.

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