दमोह। मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल का एक अजीब-ओ-गरीब बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने कम मतदान के लिए कांग्रेस पार्टी को ही जिम्मेदार ठहरा दिया है. उन्होंने कहा "कम मतदान चिंता का विषय है और इसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. हम 4 जून को इसकी समीक्षा करेंगे. हम एमपी में 29 में से 29 सीटें जीत रहे हैं."
कांग्रेस पार्टी की निष्क्रियता के कारण मतदान कम
लोकसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान खत्म हो गया है. प्रदेश सहित पूरे देश में इस बार पहले दो चरणों में मतदाताओं की निष्क्रियता साफ दिख रही है. मतदाताओं में चुनाव को लेकर जोश नहीं दिख रहा है. जिस वजह से मतदान अभी तक उम्मीद के मुताबिक काफी कम हुआ है. मतदान कम होने का लोग तरह-तरह के कारण बता रहे हैं. लेकिन, एमपी सरकार में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने मतदान कम होने के लिए कांग्रेस पार्टी को ही जिम्मेदार ठहरा दिया. प्रदलाद पटेल ने कहा "कम मतदान सभी के लिए चिंता का विषय है. हर चुनाव के बाद हम उम्मीद करते हैं कि मतदान प्रतिशत बढ़े, लेकिन यहां कांग्रेस की निष्क्रियता के कारण इस बार मतदान प्रतिशत काफी पीछे रह गया है".
4 जून को परिणाम के बाद समीक्षा करेंगे
दमोह प्रवास पर आये प्रदलाद पटेल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "हम 4 जून के परिणाम के बाद इसकी समीक्षा करेंगे. क्योंकि मेरे जैसा व्यक्ति यह मानता है अगर हमारी सक्रियता है तो मतदान का प्रतिशत बढ़ना ही चाहिए". उन्होंने कहा कि "भीषण गर्मी थी दूसरा वैवाहिक कार्यक्रम और कांग्रेस की निष्क्रियता यह तीन कारण थे जिनके कारण मतदान 10% तक पीछे चला गया, यह गिरावट चिंता का विषय है". यह पूछे जाने पर की भाजपा कितनी सीट जीतेगी इसके जवाब में उन्होंने कहा कि "हमारा लक्ष्य 29 की 29 सीटें जीतने का है. जो कुछ था वह पहले चरण में हो गया इसलिए कांग्रेस की बोलती बंद है. हमारा विजय अभियान जारी रहेगा इसके लिए पूरी ताकत भारतीय जनता पार्टी और कार्यकर्ता लगा रहे हैं".
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पिछली बार से कम हुआ मतदान
मध्य प्रदेश में दूसरे चरण में भी 6 सीटों (टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद) पर चुनाव था. जहां 58.35 प्रतिशत मतदान हुआ जो पिछले लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर हुए मतदान से 9.3 प्रतिशत कम रहा. 2019 के लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर 67.65 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस बार सर्वाधिक 67.16 प्रतिशत वोटिंग होशंगाबाद और सबसे कम 48.09 प्रतिशत रीवा लोकसभा क्षेत्र में हुई. इससे पहले 19 अप्रैल को हुए पहले चरण में एमपी की 6 सीटों (सीधी, शहडोल, मंडला, जबलपुर, बालाघाट और छिंदवाड़ा) में औसत मतदान 67.75 प्रतिशत था, जो 2019 के चुनाव के मुकाबले 7.48 प्रतिशत कम था.