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महादेव और शनिदेव को एक साथ प्रसन्न करने का मौका, शनिवार को प्रदोष व्रत पर विशेष संयोग - Pradosh vrat 2024 - PRADOSH VRAT 2024

17 अगस्त शनिवार का दिन एक बेहद खास मौका लेकर आ रहा है. इस दिन शनि प्रदोष व्रत है और ये शनिवार को पड़ रहा है, जिससे ये बेहद खास, ज्योतिष आचार्यों की मानें तो ये व्रत करने से शनि की शांति के साथ-साथ भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है. इसके कई उपाय शास्त्रों में वर्णित है।

PRADOSH VRAT 2024
महादेव और शनिदेव को एक साथ प्रसन्न करने का मौका (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 16, 2024, 3:49 PM IST

शहडोल : ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं, '' शनि प्रदोष व्रत 17 अगस्त 2024 त्रयोदशी श्रावण शुक्ल पक्ष को है. इस दिन त्रयोदशी है और वो भी शनिवार को पड़ रही है. शास्त्रों में वर्णित है कि शनि प्रदोष व्रत के दिन अगर शनिवार का दिन मिल जाए, तो बड़ा उत्तम माना जाता है. शनि प्रदोष व्रत के दिन इस बार तीन योग भी पड़ रहे हैं. एक प्रीति योग है, दूसरा मातंग योग है और तीसरा शिव शनि प्रदोष योग है. ये तीन योग मिलकर इस दिन को बहुत ही शुभ और विशेष बना रहे हैं.

प्रदोष व्रत की जानकारी देते ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री (Etv Bharat)

शनि प्रदोष व्रत पर करें शिव जी को प्रसन्न

ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि शनि प्रदोष व्रत के दिन पहले शिवजी का पूजन करें, और ये पूजन विशेष समय में ही करें जैसे सुबह का वक्त हो, दोपहर का वक्त हो, या फिर शाम का वक्त दिन डूबने के पहले का हो. शिव जी का पूजन अगर इस दिन विधि विधान से कर लें तो महादेव प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी विशेष कृपा भक्तों पर बरसती है.

शनि के उपाय के लिए करें ये काम

ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि शनि प्रदोष व्रत के दिन पहले शिव जी की पूजा विधि विधान से करें और फिर शिव जी का आशीर्वाद लेने के बाद शनि की शांति के लिए उपाय करें. शिव जी की पूजा खत्म होते ही एक लोटा में जल,तिल उड़द, चावल लें और किसी पीपल के वृक्ष के पास जाकर वहां स्नान कराएं. पूजा करें और वहां एक दीपक जलाएं, तो शनि देव से शांति मिलती है. इस उपाय से शिवजी की ऐसी कृपा बरसती है की शनि उन जातकों के ऊपर क्रूर दृष्टि नहीं डालते.

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साढ़ेसाती-ढैया का कम होता है प्रभाव

शनि प्रदोष व्रत के दिन व्रत करने का भी विधान है. ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं, '' अगर शनि प्रदोष व्रत करना चाहते हैं तो प्रातः कालीन एक हाथ में फूल-चावल लेकर संकल्प करें, कि आज हम शिवजी का व्रत करने जा रहे हैं. जिन राशियों में शनि की साढ़ेसाती, ढैया या उनकी छाया पड़ रही है ये व्रत करने से उन पर शनि का प्रकोप नहीं पड़ता है, शनि वहां स्थिर हो जाते हैं.

शहडोल : ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं, '' शनि प्रदोष व्रत 17 अगस्त 2024 त्रयोदशी श्रावण शुक्ल पक्ष को है. इस दिन त्रयोदशी है और वो भी शनिवार को पड़ रही है. शास्त्रों में वर्णित है कि शनि प्रदोष व्रत के दिन अगर शनिवार का दिन मिल जाए, तो बड़ा उत्तम माना जाता है. शनि प्रदोष व्रत के दिन इस बार तीन योग भी पड़ रहे हैं. एक प्रीति योग है, दूसरा मातंग योग है और तीसरा शिव शनि प्रदोष योग है. ये तीन योग मिलकर इस दिन को बहुत ही शुभ और विशेष बना रहे हैं.

प्रदोष व्रत की जानकारी देते ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री (Etv Bharat)

शनि प्रदोष व्रत पर करें शिव जी को प्रसन्न

ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि शनि प्रदोष व्रत के दिन पहले शिवजी का पूजन करें, और ये पूजन विशेष समय में ही करें जैसे सुबह का वक्त हो, दोपहर का वक्त हो, या फिर शाम का वक्त दिन डूबने के पहले का हो. शिव जी का पूजन अगर इस दिन विधि विधान से कर लें तो महादेव प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी विशेष कृपा भक्तों पर बरसती है.

शनि के उपाय के लिए करें ये काम

ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि शनि प्रदोष व्रत के दिन पहले शिव जी की पूजा विधि विधान से करें और फिर शिव जी का आशीर्वाद लेने के बाद शनि की शांति के लिए उपाय करें. शिव जी की पूजा खत्म होते ही एक लोटा में जल,तिल उड़द, चावल लें और किसी पीपल के वृक्ष के पास जाकर वहां स्नान कराएं. पूजा करें और वहां एक दीपक जलाएं, तो शनि देव से शांति मिलती है. इस उपाय से शिवजी की ऐसी कृपा बरसती है की शनि उन जातकों के ऊपर क्रूर दृष्टि नहीं डालते.

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साढ़ेसाती-ढैया का कम होता है प्रभाव

शनि प्रदोष व्रत के दिन व्रत करने का भी विधान है. ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं, '' अगर शनि प्रदोष व्रत करना चाहते हैं तो प्रातः कालीन एक हाथ में फूल-चावल लेकर संकल्प करें, कि आज हम शिवजी का व्रत करने जा रहे हैं. जिन राशियों में शनि की साढ़ेसाती, ढैया या उनकी छाया पड़ रही है ये व्रत करने से उन पर शनि का प्रकोप नहीं पड़ता है, शनि वहां स्थिर हो जाते हैं.

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