अजमेर. पीएम नरेंद्र मोदी ने किसान सम्मान निधि योजना के तहत मंगलवार को वाराणसी से 17वीं किश्त जारी की. देश में 9 करोड़ 26 लाख किसान योजना से लाभार्थी हैं. इन्हें 20 हजार करोड़ रुपए बैंक खातों में स्थानांतरण किए गए हैं. इसके अलावा कृषि पैरा कार्यकर्त्ता के रूप में कृषि सखियों का प्रमाणीकरण यानी उन्हें प्रमाण पत्र वितरित किए गए. अजमेर के निकट ताबीजी स्थित राष्ट्रीय बीजीय अनुसंधान केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी भी उपस्थिति रहे. कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी लाइव भी जुड़े. इस योजना के तहत राजस्थान के करीब 65 लाख किसान लाभार्थी होंगे.
योजना के तहत तीन किश्तों में 2-2 हजार रुपए लाभार्थी किसान के बैंक खाते में आएंगे. इसके अलावा देश में 30 लाख कृषि सखी का भी प्रमाणीकरण किया है. मोदी के किसान सम्मन निधि कार्यक्रम को देश के हर राज्य में दिखाया जा रहा है. अजमेर में भी कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से अजमेर में तबीजी स्थित राष्ट्रीय बीजीय अनुसंधान केंद्र में कार्यक्रम आयोजित हुआ. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी थे. वहीं, विशिष्ट अतिथि के तौर पर जोबनेर स्थित श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति बलराज सिंह थे. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जिले की कृषि सखी और किसान भी मौजूद रहे. कार्यक्रम के अंत में जिले की कृषि सखियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए.
कार्यक्रम में कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि देश में आजादी के बाद वर्षों तक किसानों के साथ अन्याय होता रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में काम किया. कृषि में तकनीक का समावेश किया. किसानों के लिए सम्मान निधि योजना लागू की, साथ ही भूमि की गुणवत्ता जांचने के लिए मृदा योजना लागू की. चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने 100 दिन की कार्य योजना तैयार की है. इसके तहत कृषि क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने, उन्नत कृषि, कृषकों की आय बढ़ाने को लेकर रोड मैप तैयार किया गया है. इस पर काम भी शुरू हो चुका है.
तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले किसानों को सम्मान देते हुए किसान सम्मान निधि की 17वीं क़िस्त जारी की है. उन्होंने कहा कि देश में 30 लाख महिलाओं को प्रशिक्षण देकर कृषि सखी बनाकर उन्हें प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं. यह कृषि सखी अपने क्षेत्र में किसानों को कृषि के बारे में जानकारियां देगी, साथ ही यह कृषि सखी आत्मनिर्भर भी होंगी. किसानों को खाद बीज समय पर और गुणवक्ता पूर्ण प्रमाणिक उपलब्ध हो. उन्होंने कहा कि अच्छी बारिश के बाद बुवाई का समय आने वाला है, लिहाजा किसानों के लिए बीज और यूरिया डीएपी की उपलब्धता को पहले ही सुनिश्चित कर लिया जाए.
किसान समृद्ध नहीं तो देश विकसित नहीं : बातचीत में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने कृषकों की आय दोगुनी करने के सवाल पर कहा कि मोदी सरकार का दूसरे कार्यकाल महामारी आपदा बनकर आई. महामारी से लड़ने के लिए देश बिल्कुल तैयार नहीं था, लेकिन इस विषम परिस्थिति में भी मोदी सरकार ने कोविड 19 में लोगों के लिए मास्क, पीपी सूट, चिकित्सा के उपकरण, ऑक्सीजन आदि में देश को आत्म निर्भर बनाया. महामारी से लड़ने के लिए वैक्सीन बनाई और देश के हर नागरिक को वैक्सीन लगवाई. ऐसी विकट परिस्थितियों में भी किसानों के लिए मोदी सरकार ने किसान सम्मान निधि योजना लागू की. एमएसपी बढ़ाने का काम किया. 2014 से अभी तक कई फसलों में दो और किसी में तीन गुना तक एमएसपी लागू की है. चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि किसान जब तक समृद्ध नहीं होगा, तब तक देश विकसित भारत नहीं बन सकता है.
फल और फूल में हो विशेष अनुसंधान : बातचीत में केंद्रीय राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि दलहन और तिलहन में देश आत्मनिर्भर है, लेकिन फूल और फल में भी आत्मनिर्भर होने की जरूरत है. कोरोना महामारी की शुरुआत से अभी तक 80 करोड़ लोगों को फ्री अनाज दिया जा रहा है. यह किसानों के दम पर दिया जा रहा है. फल और फूल आज भी विदेश से मंगवाने पड़ते हैं. चौधरी ने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों को आग्रह किया गया है कि वह फल और फूल पर भी विशेष अनुसंधान करें, ताकि देश फल और फूल में भी आत्मनिर्भर बन सके और भारत फल और फूल का भी निर्यात कर सके.
जौ को भी श्रीअन्न में शामिल करने के करेंगे प्रयास : चौधरी ने कहा कि ज्वार, बाजरा और मक्का स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है हमारे बुजुर्ग भी यही खाया करते थे और तंदुरुस्त रहते थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको श्रीअन्न कहा है. यह श्रीअन्न दोबारा गर्म करके भी खाया जा सकता है और इसके पौष्टिक तत्व और ज्यादा बढ़ते हैं. उन्होंने कहा कि जौ को भी श्रीअन्न में शामिल करने के लिए पीएम मोदी से बात की जाएगी.
एमएसपी को किया दोगुना-तिगुना : एमएसपी पर कानून बनाने के सवाल पर चौधरी ने कहा कि 2014 से अभी तक एमएसपी दोगुनी से तिगुनी हो गई है. 2014 से पहले एमएसपी को बढ़ाने को लेकर कोई विचार नहीं होता था. शिवराज सिंह चौहान ने कृषि मंत्री की शपथ लेने के बाद कृषि वैज्ञानिकों के साथ कई बैठकें की है. इसमें कृषि क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने और किसने को उनकी फसल का बेहतर धाम मिलने पर भी चर्चा हुई है. निश्चित तौर पर आगे भी एमएसपी को बढ़ाया जाएगा.