रांची: राजनीति भी अजीब होती है. वर्ष 2020 तक झारखंड विकास मोर्चा के नेता के रूप में बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव के संबंध हमसाया जैसा था. लेकिन, वक्त के साथ बाबूलाल मरांडी अब भाजपा के साथ हैं तो प्रदीप यादव कांग्रेस के साथ. ऐसे में इन दोनों के बीच राजनीतिक तल्खी भी खूब देखने को मिलती है. सोमवार को झारखंड विधानसभा में चंपाई सोरेन सरकार के विश्वासमत हासिल करने के बाद बाबूलाल मरांडी ने सदन से बाहर निकल कर यह आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अकूत बेनामी संपत्ति बनाई है, तो जवाब में प्रदीप यादव ने कहा कि बाबूलाल मरांडी अपने गिरेबां में झांकें और पर्दे की बात पर्दे में ही रहने दें. प्रदीप यादव ने भानु प्रताप शाही के उस बयान को भी सिर्फ संदेह पैदा कराने वाला करार दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि विश्वासमत तो सरकार ने पा लिया, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार के समय आपसी सिर फुटौव्वल होना तय है. प्रदीप यादव ने कहा कि भाजपा वाले यूं ही संदेह पैदा करते रहेंगे और सदन में हारते रहेंगे.
हमारी बात सच हुई, भाजपा सिर्फ गुमराह कर रही थी-महुआ माजीः पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी द्वारा ले जाते समय उनके समर्थन में कुछ झामुमो कार्यकर्ताओं की नारेबाजी को अपने नेता के प्रति स्वभाविक लगाव करार देते हुए राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि हम लोग शुरू से जिस 47 विधायकों समर्थन की बात कर रहे थे, आज ठीक वही हुआ. लेकिन विपक्ष का क्या हाल हुआ सिर्फ 29 विधायक हैं उनके पास. महुआ माजी ने कहा कि बिहार में चार घंटे में शपथ ग्रहण हो जाता है और झारखंड में बहुमत का आंकड़ा रहने के बावजूद 22 घंटे बाद शपथ दिलाई जाती है. वह भी तब जब पूरा देश यह देखने लगा कि कैसे झारखंड में जनमत का अपमान किया जा रहा है.
स्वतंत्र व्यक्तित्व के नेता रहे हैं चंपाई सोरेन-सरयू रायः पूर्व मंत्री और निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि उन्होंने पूर्व की घोषणा के अनुसार आज विश्वासमत में वोट नहीं किया है. उन्होंने कहा कि सदन में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार हेमंत सरकार पार्ट 2 है तो उन्हें यह भी बताना चाहिए कि पार्ट 2 शुरुआती दिनों की तरह या बाद के दिनों की तरह के है. सरयू राय ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार के अच्छे कार्यों का उन्होंने समर्थन और गलत काम का विरोध करते थे. इस सरकार में भी उनकी रणनीति यही रहेगी. सरयू राय ने कहा कि मुख्य विपक्षी पार्टी ने बिना ताकत के पहलवानी कर अपनी जग हंसाई कराई है. सरयू राय ने नए मुख्यमंत्री को सावधान करते हुए कहा कि अगर उनकी सरकार ने भी वहीं गलतियां की जो हेमंत सोरेन की पार्ट-1 वाली सरकार ने की थी तो पार्ट 2 की भी जगह वहीं होगी जहां अभी पार्ट 01 है. उन्होंने कहा कि एक पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ सारे सबूत होने और एसीबी जांच के बावजूद हेमंत सोरेन के खिलाफ कार्रवाई क्यों नही हुई, यह सवाल है. इसलिए आदिवासी विक्टिम कार्ड वह नहीं खेलें, गलत करने पर कार्रवाई तो होगी.
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