ETV Bharat / state

सिर्फ 100 मुर्गियों से करोड़पति बने बीरबल, आज पद्मश्री की दौड़ में, जानिए इनकी सफलता की कहानी - PADMA SHRI AWARD

धनबाद के एक व्यवसायी के नाम की अनुशंसा पद्मश्री पुरस्कार के लिए की गई है. खबर में जानिए व्यवसायी की सफलता की कहानी.

Poultry Farm Businessman Birbal
धनबाद के व्यवसायी बीरबल मंडल का पोल्ट्री फार्म. (कोलाज इमेज-ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 5, 2025, 4:02 PM IST

धनबादः कोयलांचल के बीरबल मंडल ने पोल्ट्री व्यवसाय के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है. कभी 100 मुर्गियों से पोल्ट्री व्यवसाय की शुरुआत करने वाला यह शख्स आज पद्मश्री पुरस्कार की दौड़ में है. केंद्र सरकार ने अलग-अलग क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए सभी जिलों से पद्मश्री पुरस्कार के लिए नाम मांगें थे. धनबाद के पशुपालन विभाग ने पद्मश्री पुरस्कार के लिए बीरबल मंडल के नाम की अनुशंसा की है.

धनबाद के पोल्ट्री फार्म व्यवसायी बीरबल मंडल से बात करते ईटीवी भारत संवाददाता नरेंद्र कुमार. (वीडियो-ईटीवी भारत)

100 मुर्गियों से शुरू किया था व्यवसाय

ईटीवी भारत से बातचीत में बीरबल मंडल ने बताया कि 1996 में 100 मुर्गियों से पोल्ट्री व्यवसाय की शुरुआत की थी. छोटे स्केल पर घर से इस व्यवसाय की शुरुआत की थी. उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में लाभ मिलने के बाद कई बॉयलर फार्म बनाए. धीरे-धीरे 500 फिर एक हजार बॉयलर फार्म बनाए. वर्तमान में 25 हजार बॉयलर फार्म चल रहे हैं. इसके बाद स्थानीय किसानों को भी इस व्यवसाय से जोड़ा गया. स्थानीय स्तर पर कई लोगों के बॉयलर फार्म भी खुलवाए. जिन लोगों को बॉयलर फार्म खुलवाए उन्हें फीड और चिक सप्लाई करने लगे. इससे लोग तो लाभान्वित हुए ही साथ ही उन्हें भी काफी फायदा हुआ.

जानकारी देते जिला पशुपालन पदाधिकारी आलोक कुमार सिन्हा. (वीडियो-ईटीवी भारत)

इस सफलता के बाद बीरबल मंडल ने वर्ष 2001 में हेचरी की फैक्ट्री लगाई. हैदराबाद से अंडा मंगवाकर चिक्स का उत्पादन करना शुरू किया और सप्लाई मार्केट में करने लगे. यह कारोबार भी काफी अच्छा चला, लेकिन 10 साल के बाद इस धंधे में कमाई कम होने लगी. इस धंधे में काफी प्रतिस्पर्धा बढ़ गई. इसके बाद हेचरी में अंडा डालकर खुद से चिक्स निकालने का काम शुरू किया.

Padma Shri Award
पोल्ट्री फार्म की तस्वीर (फोटो-ईटीवी भारत)

70 प्रतिशत अंडे की कर रहे आपूर्ति

2011 में लेयर फार्म खरीदा. लेयर फार्म से बीरबल को अच्छी कमाई हुई. जिसके बाद चार पांच लेयर फार्म लगाए. झारखंड में पहला लेयर फार्म बीरबल द्वारा बनाया गया. फिलहाल उनके फार्म में डेढ़ से दो लाख अंडे का उत्पादन होता है. झारखंड के तीन चार जिलों में लेयर फार्म बना है और सभी लेयर फार्म काफी अच्छा उत्पादन कर रहा है. जितने अंडे की झारखंड में खपत होती है, उसका 70 प्रतिशत आपूर्ति फिलहाल बीरबल ही करते हैं. 30 प्रतिशत अंडा पंजाब, हैदराबाद और पश्चिम बंगाल से मंगवाया जाता है.

Padma Shri Award
पोल्ट्री फार्म की तस्वीर (फोटो-ईटीवी भारत)

बीरबल ने बताया कि कुछ दिन बाद वे पूरे झारखंड में अंडे की आपूर्ति करेंगे और बाहर भेजने का काम करेंगे. उन्होंने बताया कि फिलहाल उनके अलग-अलग प्लांट में करीब 400 मजदूर काम कर रहे हैं. कुल मिलकर 800 लोगों को रोजगार मिला है.

Padma Shri Award
पोल्ट्री फार्म की तस्वीर (फोटो-ईटीवी भारत)

अवशिष्ट पदार्थ से बिजली बनाने की योजना

बीरबल मंडल ने बताया कि हेचरी से निकलने वाले अवशिष्ट पदार्थ को लीटर कहते हैं. इसे खुले में फेंकने पर यह काफी बदबू करता है. इस समस्या का हमने निदान निकाला है. उन्होंने कहा कि उनकी योजना अवशिष्ट पदार्थ से बिजली तैयार करने की है. इसके लिए दो बायोगैस प्लांट का निर्माण कार्य चल रहा है. मुर्गियों के लीटर से बिजली तैयार की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए सरकार सब्सिडी भी दे रही है, ताकि बायोगैस की दिशा में लोग प्रोत्साहित हों. वहीं पद्मश्री पुरस्कार के लिए अनुशंसा किए जाने पर उन्होंने कहा कि मेरी मेहनत का फल अगर मुझे मिल जाए तो मैं अपने आप को सौभाग्यशाली समझूंगा.

युवाओं को मिल रहा रोजगार

वहीं प्लांट में काम करने वाले अर्जुन रजक ने कहा कि बीरबल मंडल के इस कार्य से कई लोगों को रोजगार मिला है. पहले युवा वर्ग रोजगार के अभाव में पलायन कर रहे थे, लेकिन अब स्थानीय स्तर पर काम मिलने से युवाओं का पलायन रुका है.

जिला पशुपालन पदाधिकारी बोले

पद्मश्री पुरस्कार के लिए बीरबल मंडल के नाम की अनुशंसा की गई है. बोकारो की गवर्मेंट पोल्ट्री फार्म को बीरबल मंडल की पोल्ट्री फार्म के सिस्टम की तर्ज पर विकसित करने की योजना तैयार की गई है. इसके लिए डायरेक्टर विजिट भी कर चुके हैं.-आलोक कुमार सिन्हा, जिला पशुपालन पदाधिकारी

आपको बता दें कि भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में पद्म पुरस्कार शामिल है. कला, समाज सेवा, लोक कार्य, इंजीनियरिंग, उद्योग, व्यवसाय, चिकित्सा, खेलकूद, साहित्य, शिक्षा, सिविल सेवा जैसे उत्कृष्ट कार्यों के लिए ये पुरस्कार दिए जाते हैं. हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर चयनित लोगों के नाम की घोषणा की जाती है. सामान्य तौर पर मार्च, अप्रैल महीने में राष्ट्रपति के द्वारा राष्ट्रपति भवन में आयोजित सम्मान समारोह में ये पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं.

ये भी पढ़ें-

पद्मश्री मुकुंद नायक की तबीयत बिगड़ी, निजी अस्पताल में हैं भर्ती - PADMASHREE MUKUND NAYAK

पद्मश्री पाने वाली पूर्णिमा महतो से कभी कोच ने पूछा था, कोमल हाथों से धनुष की डोरी कैसे खींचोगी? - Purnima Mahato - PURNIMA MAHATO

पद्मश्री पुरस्कार के लिए नामित तीरंदाजी कोच पूर्णिमा महतो को किया गया सम्मानित, तीरंदाजी संघ ने दी बधाई - Purnima Mahato jamshedpur

धनबादः कोयलांचल के बीरबल मंडल ने पोल्ट्री व्यवसाय के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है. कभी 100 मुर्गियों से पोल्ट्री व्यवसाय की शुरुआत करने वाला यह शख्स आज पद्मश्री पुरस्कार की दौड़ में है. केंद्र सरकार ने अलग-अलग क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए सभी जिलों से पद्मश्री पुरस्कार के लिए नाम मांगें थे. धनबाद के पशुपालन विभाग ने पद्मश्री पुरस्कार के लिए बीरबल मंडल के नाम की अनुशंसा की है.

धनबाद के पोल्ट्री फार्म व्यवसायी बीरबल मंडल से बात करते ईटीवी भारत संवाददाता नरेंद्र कुमार. (वीडियो-ईटीवी भारत)

100 मुर्गियों से शुरू किया था व्यवसाय

ईटीवी भारत से बातचीत में बीरबल मंडल ने बताया कि 1996 में 100 मुर्गियों से पोल्ट्री व्यवसाय की शुरुआत की थी. छोटे स्केल पर घर से इस व्यवसाय की शुरुआत की थी. उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में लाभ मिलने के बाद कई बॉयलर फार्म बनाए. धीरे-धीरे 500 फिर एक हजार बॉयलर फार्म बनाए. वर्तमान में 25 हजार बॉयलर फार्म चल रहे हैं. इसके बाद स्थानीय किसानों को भी इस व्यवसाय से जोड़ा गया. स्थानीय स्तर पर कई लोगों के बॉयलर फार्म भी खुलवाए. जिन लोगों को बॉयलर फार्म खुलवाए उन्हें फीड और चिक सप्लाई करने लगे. इससे लोग तो लाभान्वित हुए ही साथ ही उन्हें भी काफी फायदा हुआ.

जानकारी देते जिला पशुपालन पदाधिकारी आलोक कुमार सिन्हा. (वीडियो-ईटीवी भारत)

इस सफलता के बाद बीरबल मंडल ने वर्ष 2001 में हेचरी की फैक्ट्री लगाई. हैदराबाद से अंडा मंगवाकर चिक्स का उत्पादन करना शुरू किया और सप्लाई मार्केट में करने लगे. यह कारोबार भी काफी अच्छा चला, लेकिन 10 साल के बाद इस धंधे में कमाई कम होने लगी. इस धंधे में काफी प्रतिस्पर्धा बढ़ गई. इसके बाद हेचरी में अंडा डालकर खुद से चिक्स निकालने का काम शुरू किया.

Padma Shri Award
पोल्ट्री फार्म की तस्वीर (फोटो-ईटीवी भारत)

70 प्रतिशत अंडे की कर रहे आपूर्ति

2011 में लेयर फार्म खरीदा. लेयर फार्म से बीरबल को अच्छी कमाई हुई. जिसके बाद चार पांच लेयर फार्म लगाए. झारखंड में पहला लेयर फार्म बीरबल द्वारा बनाया गया. फिलहाल उनके फार्म में डेढ़ से दो लाख अंडे का उत्पादन होता है. झारखंड के तीन चार जिलों में लेयर फार्म बना है और सभी लेयर फार्म काफी अच्छा उत्पादन कर रहा है. जितने अंडे की झारखंड में खपत होती है, उसका 70 प्रतिशत आपूर्ति फिलहाल बीरबल ही करते हैं. 30 प्रतिशत अंडा पंजाब, हैदराबाद और पश्चिम बंगाल से मंगवाया जाता है.

Padma Shri Award
पोल्ट्री फार्म की तस्वीर (फोटो-ईटीवी भारत)

बीरबल ने बताया कि कुछ दिन बाद वे पूरे झारखंड में अंडे की आपूर्ति करेंगे और बाहर भेजने का काम करेंगे. उन्होंने बताया कि फिलहाल उनके अलग-अलग प्लांट में करीब 400 मजदूर काम कर रहे हैं. कुल मिलकर 800 लोगों को रोजगार मिला है.

Padma Shri Award
पोल्ट्री फार्म की तस्वीर (फोटो-ईटीवी भारत)

अवशिष्ट पदार्थ से बिजली बनाने की योजना

बीरबल मंडल ने बताया कि हेचरी से निकलने वाले अवशिष्ट पदार्थ को लीटर कहते हैं. इसे खुले में फेंकने पर यह काफी बदबू करता है. इस समस्या का हमने निदान निकाला है. उन्होंने कहा कि उनकी योजना अवशिष्ट पदार्थ से बिजली तैयार करने की है. इसके लिए दो बायोगैस प्लांट का निर्माण कार्य चल रहा है. मुर्गियों के लीटर से बिजली तैयार की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए सरकार सब्सिडी भी दे रही है, ताकि बायोगैस की दिशा में लोग प्रोत्साहित हों. वहीं पद्मश्री पुरस्कार के लिए अनुशंसा किए जाने पर उन्होंने कहा कि मेरी मेहनत का फल अगर मुझे मिल जाए तो मैं अपने आप को सौभाग्यशाली समझूंगा.

युवाओं को मिल रहा रोजगार

वहीं प्लांट में काम करने वाले अर्जुन रजक ने कहा कि बीरबल मंडल के इस कार्य से कई लोगों को रोजगार मिला है. पहले युवा वर्ग रोजगार के अभाव में पलायन कर रहे थे, लेकिन अब स्थानीय स्तर पर काम मिलने से युवाओं का पलायन रुका है.

जिला पशुपालन पदाधिकारी बोले

पद्मश्री पुरस्कार के लिए बीरबल मंडल के नाम की अनुशंसा की गई है. बोकारो की गवर्मेंट पोल्ट्री फार्म को बीरबल मंडल की पोल्ट्री फार्म के सिस्टम की तर्ज पर विकसित करने की योजना तैयार की गई है. इसके लिए डायरेक्टर विजिट भी कर चुके हैं.-आलोक कुमार सिन्हा, जिला पशुपालन पदाधिकारी

आपको बता दें कि भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में पद्म पुरस्कार शामिल है. कला, समाज सेवा, लोक कार्य, इंजीनियरिंग, उद्योग, व्यवसाय, चिकित्सा, खेलकूद, साहित्य, शिक्षा, सिविल सेवा जैसे उत्कृष्ट कार्यों के लिए ये पुरस्कार दिए जाते हैं. हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर चयनित लोगों के नाम की घोषणा की जाती है. सामान्य तौर पर मार्च, अप्रैल महीने में राष्ट्रपति के द्वारा राष्ट्रपति भवन में आयोजित सम्मान समारोह में ये पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं.

ये भी पढ़ें-

पद्मश्री मुकुंद नायक की तबीयत बिगड़ी, निजी अस्पताल में हैं भर्ती - PADMASHREE MUKUND NAYAK

पद्मश्री पाने वाली पूर्णिमा महतो से कभी कोच ने पूछा था, कोमल हाथों से धनुष की डोरी कैसे खींचोगी? - Purnima Mahato - PURNIMA MAHATO

पद्मश्री पुरस्कार के लिए नामित तीरंदाजी कोच पूर्णिमा महतो को किया गया सम्मानित, तीरंदाजी संघ ने दी बधाई - Purnima Mahato jamshedpur

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.