वाराणसी : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्लास्टिक मुक्त प्रदेश बनाने के लिए लंबे वक्त से प्रयास कर रहे हैं. उनका यह प्रयास पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में सफल करने के लिए एक ऐसा प्लांट तैयार किया है, जो नाले, नाली और नगर निगम के लिए सिर दर्द बन चुके प्लास्टिक को रीसाइकल करके एक से बढ़कर एक चीज तैयार करने का काम कर रहा है. इस प्लांट की सफलता के बाद अब ऐसे और प्लांट लगाने की तैयारी नगर निगम कर रहा है.
प्राइवेट कंपनी कर रही संचालित : दरअसल, वाराणसी के अर्दली बाजार में एक रीसाइकल प्लास्टिक प्लांट का संचालन किया जा रहा है. प्लांट के निदेशक ऋषभ सिन्हा ने बताया कि इस प्लांट का संचालन निजी कंपनी की ओर से किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्लास्टिक के डिस्पोजल के बाद निकलने वाले मेटेरियल को रीसाइकल कर गमले, फर्नीचर, प्लास्टिक की सजावटी आइटम तैयार किये जाते हैं. वहीं, नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि इस प्लांट को संचालित करने का मकसद प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने और नगर निगम में कचरे के जरिए आने वाले प्लास्टिक को रीसाइकल करके उसको बेहतर तरीके से तैयार करना है. उनका कहना है कि यह प्लांट अगर सफल होता है तो शहर के और हिस्सों में भी इस तरह के प्रोजेक्ट संचालित किए जाएंगे.
प्लास्टिक के रीयूज के बहुत हैं फायदे |
- इस प्रोजेक्ट से गंगा में जाने वाले प्लास्टिक को रोका जा रहा है. |
- वर्ष 2021 में प्लांट शुरू हुआ है. |
- अभी तक प्रतिबंधित प्लास्टिक का 267 टन हिस्से का निस्तारण किया गया है. |
- वाराणसी से अकेले 500 टन कचरा निकलता है. |
- जिसमें अकेले प्लास्टिक 50 टन से ज्यादा होता है. |
- प्लास्टिक से नाला व नाली जाम होने की सबसे ज्यादा शिकायतें आती हैं. |
- जानवर भी प्लास्टिक खाते हैं जिससे असमय उनकी मौत हो जाती है. |