फर्रुखाबादः यूपी में बारिश ने आलू (Potato) की बुआई (Crop) में खलल डाल दिया है. भारी बारिश के चलते जिले में अब तक आलू की बुआई नहीं शुरू हो पाई है. ऐसे में इस बार आलू की फसल 15 से 20 दिन लेट होने की संभावना जताई जा रही है. इससे आलू की कीमतें अब बढ़ने लगी हैं. बीते एक महीने में आलू की फुटकर कीमतों में 5 रुपए किलों तक का इजाफा हुआ है.
पिछले हफ्ते की तुलना में कितने रेट बढ़ेः थोक में पिछले महीने तक 17 सौ रुपये प्रति कुंतल तक बिक चुके आलू के भाव अब 22 सौ रुपये प्रति कुंतल तक आ चुके हैं. पिछले महीने फुटकर में जो आलू 25 रुपए प्रति किलो में बिक रहा था, वह अब 30 रुपए किलो के स्तर पर पहुंच चुका है. यूपी की सबसे बड़ी आलू मंडी में एक महीने में आलू की फुटकर कीमतों में 5 रुपए प्रति किलो तक का इजाफा हुआ है.
कितना आलू जिले में स्टोर हैः आलू एवं शाकभाजी अधिकारी राघवेंद्र सिंह ने बताया जिले में कुल 107 कोल्ड स्टोर हैं. इसमें 86299.69 मी.टन आलू स्टोर में स्टोर है. अभी तक शीत ग्रह से आलू की निकासी 311367.40 मी.टन हुई है. कुल आलू का यह 36.08% है. कोल्ड स्टोर में अभी भी 551624.29 मी. टन आलू है. यह कुल स्टोर आलू का करीब 60 फीसदी है. उन्होंने बताया की कच्ची फसलों के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं. इसमें प्याज, लहसुन आलू आदि के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
बारिश से बुआई हुई पीछेः आमतौर पर तो अगर मौसम सामान्य है तो आलू की बुआई सितंबर में शुरू हो जाती है. ऐसे में किसान कोल्ड स्टोर से अपना आलू निकालकर खेतों में बोता है और बचा हुआ आलू व्यापारी को बेच देता है. वहीं, किसानों के आलू बोते ही व्यापारी आलू की सप्लाई और तेज कर देते हैं ताकि समय रहते उनका माल निकल जाए. इससे आलू की कीमतें गिरने लगती है.
आलू की फसल तैयार होने में करीब 2 से 3 महीने लगते हैं. दिसंबर से बाजार में नया आलू आने लगता है. इससे तेजी से भाव गिरने लगते हैं लेकिन इस बार सितंबर में भीषण बारिश होने से आलू की बुआई अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. इस महीने बुआई की संभावना नहीं लग रही है.
किसानों का क्या कहना हैः किसान अजय मिश्रा ने बताया आलू की अगेती बुआई के लिए 15 से 25 सितंबर पर और पछेती की बुआई के लिए 15 से 25 अक्टूबर तक का समय सबसे उपयुक्त रहता है. कई किसान 15 नवंबर से 25 दिसंबर के बीच तक आलू की पछेती बुआई करते हैं. आलू की फसल तैयार होने में 60 से 90 दिन लगते हैं.
नया आलू दिसंबर अंत से बाजार में आना शुरू हो जाता है. इस बार सितंबर में बारिश ने आलू की कच्ची फसल करने वाले किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. अभी भी बारिश होने के आसार बने हुए हैं. इससे कच्ची फसलों के लिए खेत तैयार नहीं हो पाएंगे. नया आलू की कच्ची फसल और पक्की फसल मंडियों में एकदम आएगी तो आलू सस्ते होने की उम्मीद जताई जा रही है.
एक महीना लेट हो सकता है आलूः किसानों को आलू की अगेती फसल करने में अभी समय लगेगा जो कोल्ड स्टोर में आलू भंडार है. उसमें 30% किसान का है और 30 फीसदी व्यापारी का आलू है. व्यापारी तो आलू निकालकर अब बेच रहा है लेकिन किसान का जो आलू है वह खेत में बोने के लिए बचा है जो आलू बाजार में बिक रहा है, उसे आलू का लाभ व्यापारी को मिल रहा है. किसान तो अपना आलू पहले ही बेच चुका है. अभी भी बारिश की संभावना बनी हुई है. अगर बारिश होती है तो करीब एक महीना आलू लेट हो जाएगा.
कितने क्षेत्रफल में होगी बुआई: जिले में तैनात आलू एवं शाकभाजी अधिकारी राघवेंद्र सिंह पिछली बार 43232 हेक्टयर के क्षेत्र में जिले में आलू किसान बोते हैं. इस बार भी यही उमीद है. जिले में ढाई लाख से अधिक परिवार है जो की आलू की खेती करते हैं. इसमें करीब 5 लाख से अधिक किसान आलू की खेती करते हैं. वर्षा होने से करीब 15 दिन आलू लेट हो गया है. कच्चा और पक्का आलू अगर दोनों एक साथ मंडी में पहुंचते हैं तो आलू के भाव में गिरावट होगी.