रांची: मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कैबिनेट विस्तार के चंद घंटे के भीतर मंत्रियों का पोर्टफोलियो भी तय कर दिया है. कंटिन्यू करने वाले सभी मंत्रियों को करीब करीब वही विभाग दिए गए हैं जो हेमंत सोरेन कैबिनेट में मिले थे. मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कार्मिक विभाग, गृह विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के अलावा वैसे सभी विभागों को अपने पास रखा है जो दूसरे मंत्रियों को आवंटित नहीं किए गए हैं.
खास बात है कि मंत्री पद की शपथ लेने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन को पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग के अलावा जल संसाधन विभाग दिया गया है. ये सभी भारी भरकम विभाग माने जाते हैं.
किस मंत्री को कौन सा विभाग मिला
कांग्रेस कोटे के मंत्री आलमगीर आलम को ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग और पंचायती राज विभाग मिला है. राजद कोटे से मंत्री बने सत्यानंद भोक्ता को श्रम विभाग और उद्योग विभाग मिला है. रामेश्वर उरांव को वित्त विभाग, योजना एवं विकास विभाग के अलावा वाणिज्य कर विभाग और खाद्य आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी मिली है. जोबा मांझी की जगह झामुमो कोटे से मंत्री बने दीपक बिरुआ को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और परिवहन विभाग मिला है. कांग्रेस कोटे के मंत्री बन्ना गुप्ता को फिर से स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. बादल पत्रलेख को कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग मिला है.
खास बात है कि हेमंत सोरेन के बेहद करीबी माने जाने वाले मंत्री मिथिलेश ठाकुर को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के साथ-साथ उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग भी मिला है. जबकि हफीजुल हसन को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, निबंधन विभाग के अलावा पर्यटन, कला, संस्कृति एवं खेलकूद विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. बेबी देवी को महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग सौंपा गया है. कुल मिलाकर देखें तो कांग्रेस कोटे के चारों मंत्रियों को करीब-करीब वही विभाग दिए गए हैं जो उन्हें पूर्व सीएम हेमंत के कैबिनेट में मिले थे. लेकिन झामुमो कोटे के मंत्रियों के विभागों में काफी फेरबदल हुआ है.
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