रायपुर : छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट काउंसिल और छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ आमने सामने आ चुके हैं. छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट काउंसिल के संयोजक प्रवीण जैन ने छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ पर गंभीर आरोप लगाए हैं. प्रवीण जैन के मुताबिक कोई भी खिलाड़ी या अंपायर छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट काउंसिल में आता है तो उसे डराया धमकाया जाता है. उसे प्रतिबंधित करने की बात कही जाती है. जिसके कारण खिलाड़ी और टूर्नामेंट के दूसरे लोग भी दहशत में हैं. प्रवीण जैन के मुताबिक छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ ने स्टेट काउंसिल को अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं दे रहा. यदि अनापत्ति प्रमाण पत्र देते हैं तो उनकी सभी शर्तों को छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट काउंसिल मानने को तैयार है.
छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ नहीं दे रहा एनओसी : छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट काउंसिल के संयोजक प्रवीण जैन ने बताया कि छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. जिसमें पेशेवर क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन जो छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट काउंसिल कराता है उस पर आपत्ति जताई है. ये कहा गया है कि इसमें प्रीमियर लीग शब्द का उपयोग नहीं किया जा सकता.
''पिछले 4 वर्षों से प्रोफेशनल क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ कप के नाम से स्टेट काउंसिल प्रतियोगिता कराना चाहते थे. जो झीरम घाटी में शहीद हुए नेताओं की स्मृति में होने वाली थी. लेकिन छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ ने प्रतियोगिता को कराने के लिए एनओसी नहीं दी.कई साल चक्कर काटने के बाद भी अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिला.मजबूरन इस टूर्नामेंट को छत्तीसगढ़ प्रीमियर लीग के नाम से करवाना पड़ा."-प्रवीण जैन, संयोजक, छग क्रिकेट काउंसिल
प्रवीण जैन के मुताबिक छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ को आपत्ति सिर्फ इस बात से है कि यह टूर्नामेंट स्टेट काउंसिल करा रह है. कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए लोग करा रहे हैं. छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ को इस बात से बिल्कुल आपत्ति नहीं है कि कोरबा बिलासपुर प्रीमियर लीग जैसी प्रतियोगिताएं होती हैं. इस टूर्नामेंट में छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ के सभी खिलाड़ी खेलते हैं. लेकिन यही आयोजन छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट काउंसिल करा रहा है तो छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ अंपायर और खिलाड़ियों को प्रतिबंधित किए जाने के साथ ही उन्हें डरा धमका रहा है.