बागपत : यूपी सरकार ने बागपत जिले में मेडिकल कॉलेज की घोषणा की है. इसके बाद से ही मेडिकल कॉलेज के स्थान को लेकर सियासत गर्म हो गई. सीएम योगी आदित्यनाथ के दौरे के एक दिन बाद ही मितली गांव में महापंचायत का आयोजन किया गया. इसमें यह कहा गया कि यदि मेडिकल कॉलेज का निर्माण मितली की जगह बड़ौत में कराया जाएगा तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा. महापंचायत में करीब 6 गांवों के लोगों ने हिस्सा लिया.
बता दें कि सन 2020 मे बागपत के मितली गांव में मेडिकल कॉलेज के निर्माण का प्रस्ताव किया गया. इसके तहत पीपीपी मॉडल पर एक मेडिकल कॉलेज बनाए जाने के लिए 101 करोड़ रुपए का भी अनुमोदन हो गया था. ग्राम पंचायत मितली द्वारा 67 बीघा भूमि को चिन्हित करके वर्ष 2023 में उक्त भूमि को राजस्व विभाग में दर्ज करा दिया गया था.
लोकसभा चुनाव के बाद जगह बदलने की चर्चाएं : वर्ष 2024 मे उक्त भूमि को शिक्षा विभाग के नाम दर्ज कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई और मेडिकल कालिज के निर्माण के लिए श्री जयपाल सिंह शर्मा ट्रस्ट के साथ 101 करोड़ का अनुमोदन हो गया. इसी बीच लोकसभा चुनाव मे भाजपा और रालोद का गठबंधन हुआ और सीट रालोद के हिस्से में चली गई. चुनाव में रालोद भाजपा गठबंधन से जीत हासिल करके राजकुमार सांगवान बागपत से सांसद बने. इसके बाद मेडिकल कॉलेज के स्थान परिवर्तन की चर्चाएं शुरू हो गईं.
बड़ौत में 96 बीघा जमीन आवंटित की गई : इसी बीच बड़ौत के जनता वैदिक कॉलेज की प्रबन्ध समिति द्वारा एक प्रस्ताव पारित करके 96 बीघा भूमि मेडिकल कालिज के निर्माण के लिए आवंटित कर दी गई. इसके बाद मितली सहित आधा दर्जन गांव के लोगों ने इस प्रस्ताव के विरोध में मितली में महापंचायत आयोजित की. चेतावनी दी कि यदि मेडिकल कालेज का निर्माण मितली के अतिरिक्त अन्यत्र किया गया तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा. महापंचायत में मुख्यमंत्री से मिलने का भी निर्णय लिया गया.
यह भी पढ़ें: जानिए सीडीआरआई का स्वर्णिम इतिहास, देश का पहला संस्थान जिसके 13 ड्रग्स बाजार में उपलब्ध - CSIR CDRI LUCKNOW