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बिलासपुर में दो मासूमों की मौत पर सियासी पारा हाई, कांग्रेस की जांच टीम ने किया दौरा - Politics on Bilaspur children death

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 2, 2024, 10:08 PM IST

बिलासपुर में दो मासूमों की वैक्सिनेशन से मौत के बाद जिले में सियासी पारा हाई है. कांग्रेस ने बच्चों की मौत को लेकर जांच टीम का गठन किया है. इस जांच टीम ने आज मृत बच्चों के परिजनों से मुलाकात की है.

Bilaspur two children death
बिलासपुर में दो मासूमों की मौत (ETV Bharat)
बिलासपुर में दो मासूमों की मौत पर सियासी पारा हाई (ETV Bharat)

बिलासपुर: जिले के कोटा क्षेत्र के गांव में टीका लगने के बाद दो मासूम बच्चों की मौत हो गई. इस मामले में अब कांग्रेस ने जांच टीम गठित की है. ये टीम सोमवार को पीड़ित परिवार से मिलने उनके गांव पहुंची. इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने प्रेसवार्ता किया. इस दौरान बिलासपुर के कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने साय सरकार पर आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता से बच्चों की जान गई है.

कांग्रेस ने जांच टीम का किया गठन: कोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत कोरीपारा में टीकाकरण के बाद दो बच्चों की मौत के बाद कांग्रेस की पांच सदस्यीय टीम गठित की. ये टीम सोमवार को कोरीपारा पहुंची. जहां गांव में पीड़ित परिवार से पूरे मामले की जानकारी के बाद टीम कोटा अस्पताल पहुंची. यहां उन्होंने कोटा बीएमओ के साथ ही पटैता में वैक्सीनेशन करने वाले कार्यकर्ता से भी बात की. अस्पताल के नीरिक्षण के बाद कांग्रेस की जांच टीम ने प्रेसवार्ता कर इस मुद्दे पर खुलकर बात की.

कोटा विधायक का सरकार पर आरोप: प्रेसवार्ता के दौरान कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने कहा कि, "प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि जो मेडिसिन की लॉट थी उसे प्रॉपर टेम्प्रेचर में नहीं रखा गया था, या फिर इन्हें कहीं और रखा गया था. अभी जो जानकारी बीएमओ ने दी है उसके हिसाब से उसे सीज कर दिया गया है. उसे जांच के लिए भेजेंगे.

लगातार कोटा विधानसभा क्षेत्र में चाहे वो रतनपुर हो, केन्दा हो, कोटा या टेगनमाडा शिवतराई हो. यहीं पर हेल्थ विभाग की टीम सुस्त नजर आ रही है. यहां मलेरिया, डेंगू, डायरिया के केस आ रहे हैं. इसके लिए बार-बार प्रसाशन को अवगत कराने और विधानसभा में मुद्दा उठाने के बाद भी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं हो रहा है. यहां पर डाक्टरों की कमी है. बेलगहना के डॉक्टर पिछले एक साल से नहीं आ रहे हैं. यहा पर जिन डाक्टरों की ड्यूटी है, वो भी समय पर नहीं आते. पूरे तरीके से स्वास्थ्य व्यवस्था लचर है."

"मामला काफी संवेदनशील और गंभीर है. स्वास्थ्य विभाग को जानकारी देने के बाद भी उन्होंने पूरे मामले में गंभीरता नहीं दिखाई, जबकि घटना के बारे में जानकारी होते ही, यहां के स्वास्थ्य अमले को सक्रिय हो जाना था. प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता से ये घटना घटी है." -अटल श्रीवास्तव, विधायक, कोटा

बता दें कि बिलासपुर के कोटा में दो मासूमों की मौत के बाद सियासी पारा हाई है. यहां कांग्रेस ने जांच टीम का गठन किया है. सोमवार को टीम कोरीपारा पहुंची. इस टीम में कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव, मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया, बिलासपुर के पूर्व विधायक शैलेष पाण्डेय, जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी, कोटा ब्लॉक अध्यक्ष आदित्य दीक्षित और बीना मसीह शामिल हैं.

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कांग्रेस ने जांच टीम का किया गठन: कोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत कोरीपारा में टीकाकरण के बाद दो बच्चों की मौत के बाद कांग्रेस की पांच सदस्यीय टीम गठित की. ये टीम सोमवार को कोरीपारा पहुंची. जहां गांव में पीड़ित परिवार से पूरे मामले की जानकारी के बाद टीम कोटा अस्पताल पहुंची. यहां उन्होंने कोटा बीएमओ के साथ ही पटैता में वैक्सीनेशन करने वाले कार्यकर्ता से भी बात की. अस्पताल के नीरिक्षण के बाद कांग्रेस की जांच टीम ने प्रेसवार्ता कर इस मुद्दे पर खुलकर बात की.

कोटा विधायक का सरकार पर आरोप: प्रेसवार्ता के दौरान कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने कहा कि, "प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि जो मेडिसिन की लॉट थी उसे प्रॉपर टेम्प्रेचर में नहीं रखा गया था, या फिर इन्हें कहीं और रखा गया था. अभी जो जानकारी बीएमओ ने दी है उसके हिसाब से उसे सीज कर दिया गया है. उसे जांच के लिए भेजेंगे.

लगातार कोटा विधानसभा क्षेत्र में चाहे वो रतनपुर हो, केन्दा हो, कोटा या टेगनमाडा शिवतराई हो. यहीं पर हेल्थ विभाग की टीम सुस्त नजर आ रही है. यहां मलेरिया, डेंगू, डायरिया के केस आ रहे हैं. इसके लिए बार-बार प्रसाशन को अवगत कराने और विधानसभा में मुद्दा उठाने के बाद भी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं हो रहा है. यहां पर डाक्टरों की कमी है. बेलगहना के डॉक्टर पिछले एक साल से नहीं आ रहे हैं. यहा पर जिन डाक्टरों की ड्यूटी है, वो भी समय पर नहीं आते. पूरे तरीके से स्वास्थ्य व्यवस्था लचर है."

"मामला काफी संवेदनशील और गंभीर है. स्वास्थ्य विभाग को जानकारी देने के बाद भी उन्होंने पूरे मामले में गंभीरता नहीं दिखाई, जबकि घटना के बारे में जानकारी होते ही, यहां के स्वास्थ्य अमले को सक्रिय हो जाना था. प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता से ये घटना घटी है." -अटल श्रीवास्तव, विधायक, कोटा

बता दें कि बिलासपुर के कोटा में दो मासूमों की मौत के बाद सियासी पारा हाई है. यहां कांग्रेस ने जांच टीम का गठन किया है. सोमवार को टीम कोरीपारा पहुंची. इस टीम में कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव, मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया, बिलासपुर के पूर्व विधायक शैलेष पाण्डेय, जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी, कोटा ब्लॉक अध्यक्ष आदित्य दीक्षित और बीना मसीह शामिल हैं.

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