श्रीनगर: पौड़ी जिले के श्रीनगर में नगर निगम का चुनाव बेहद रोचक हो गया है. इस सीट के सामान्य होने के कारण मेयर के दर्जनों दावेदार थे. लेकिन बीते रोज फाइनल आरक्षण सूची जारी होने के बाद सबकी उम्मीदों पर पानी फिर गया. फाइनल आरक्षण के बाद श्रीनगर नगर निगम की सीट महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी गई है. जिसके बाद मेयर पद के दावेदारों की नजरें अब अपनी पत्नियों पर टिक गई हैं. वहीं महिला सीट होने से उन महिला दावेदारों ने राहत की सांस ली है, जो पुरुषों के साथ में भी टक्कर में खड़ी थी.
पूर्व पालिकाध्यक्ष पूनम तिवाड़ी पर सबकी नजर: इस कड़ी में सबसे पहला नाम पूर्व पालिका अध्यक्ष पूनम तिवाड़ी का आता है. पूनम तिवाड़ी श्रीनगर का एक जाना माना नाम है.वो श्रीनगर नगर निगम में मेयर पद पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं. पूनम तिवाड़ी श्रीनगर गढ़वाल की पूर्व पालिकाध्यक्ष रह चुकी हैं.वे हाल में हुए लोकसभा चुनावों में चर्चा में आई थी, जब उनके पति प्रदीप तिवाड़ी ने बीजेपी ज्वाइन की थी. पूनम तिवाड़ी के पति प्रदीप तिवाड़ी श्रीनगर में कांग्रेस का बड़ा चेहरा थे. पालिकाध्यक्ष रहते हुए पूनम तिवाड़ी ने श्रीनगर शहर भर में विकास के कई काम कराए.जिसके कारण उनकी दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है. इसके अलावा पूनम तिवाड़ी राजनीति में लगातार सक्रिय हैं. वे लोगों के बीच बनी रहती हैं, जिसका उन्हें फायदा मिल सकता है.
बीजेपी में मेयर पद के कई दावेदार : इस कड़ी में दूसरा नाम पूर्णकला जैन का आता है. पूर्णकला बीजेपी नेता मोहनलाल जैन की धर्मपत्नी हैं. मोहनलाल जैन पूर्व में श्रीनगर के पालिका अध्यक्ष रह चुके हैं. पहले सामान्य सीट होने पर मोहनलाल जैन मेयर के दावेदार थे, मगर अब उनकी पत्नी को इसका दावेदार माना जा रहा है. इस लिस्ट में तीसरा नाम अनीता बूढ़कोटी का आता है.अनीता लंबे समय से बीजेपी से जुड़ी हुई हैं, अनीता बीजेपी की जिलाध्यक्ष भी रह चुकी हैं, जिसके कारण मेयर पद के लिए उनकी दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है. इसके साथ ही सरोजनी रावत, परमिला भंडारी, शशि जुयाल भी महिला दावेदारों में शुमार हैं.
कांग्रेस में भी कई दावेदार: वहीं कांग्रेस की बात करें तो यहां भी पुरुषों के बाद महिला दावेदारों की कमी नहीं है. इस कड़ी में पहला नाम मीना रावत, का आता है, जो लंबे समय से कांग्रेस में सक्रिय है.दूसरा नाम बसंती जोशी का आ रहा है. इसके साथ ही धन्य स्वरी, राजेश्वरी रावत को भी महिला देवदार के तौर पर देखा जा रहा है. अलावा कांग्रेस के दिग्गज नेता हरक सिंह रावत की पत्नी भी मेयर सीट की दावेदार मानी जा रही हैं.
पहले थी नगर पालिका: श्रीनगर नगर निगम का चुनाव बीजेपी के लिए साख का चुनाव है. इससे पहले जब श्रीनगर पालिका थी, तब यहां कांग्रेस के सिंबल पर पूनम तिवाड़ी पालिकाध्यक्ष बनी थी. इसके बाद 31 दिसंबर 2021 को श्रीनगर पहाड़ी क्षेत्र का पहला नगर निगम बनाने का शासनादेश जारी हुआ. श्रीनगर को नगर निगम बनाने में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत का बड़ा हाथ रहा है.
निगम बनाने में धन सिंह रावत का बड़ा हाथ: उन्होंने श्रीनगर को नगर निगम बनाने में अपनी पूरी ताकत झोंकी. ऐसे में अब भाजपा अब किसी कीमत पर इस सीट को नहीं खोना चाहेगी. वहीं, अगर कांग्रेस की बात करें तो ये पार्टी के लिए किसी मौके से कम नहीं है. बीते विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी है. एक बार फिर कांग्रेस के पास निकाय चुनाव में बड़ा मौका है.
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