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बेमेतरा बारुद फैक्ट्री ब्लास्ट में सियासत, विपक्ष ने सरकार को घेरा, दो परिवार मुआवजा राशि से नाखुश - Bemetra gunpowder factory blast

BEMETRA GUNPOWDER FACTORY BLAST छत्तीसगढ़ के बेमेतरा में हुए बारुद फैक्ट्री ब्लास्ट के बाद सियासत गर्म है. सरकार और प्रशासन हादसे में अपनी जान गवां चुके लोगों के परिजनों को मुआवजा दे रहा है.वहीं विपक्ष इस पूरे मामले में अब तक किसी के ऊपर एफआईआर दर्ज करने को लेकर बीजेपी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.सरकार ने आनन-फानन में एक्शन करते हुए तीन बायलरों में प्रोडक्शन बंद किया है.बावजूद इसके कई सवाल हैं, जो इस फैक्ट्री के जमींदोज हो चुके मलबे के नीचे दबे हैं.FACTORY BLAST BIG QUESTIONS

Bemetra gunpowder factory blast
बेमेतरा बारुद फैक्ट्री ब्लास्ट में सियासत (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 30, 2024, 3:58 PM IST

बेमेतरा बारुद फैक्ट्री ब्लास्ट में सियासत (ETV Bharat Chhattisgarh)

बेमेतरा : बारूद फैक्ट्री में हुए बम धमाके को लेकर के नया आदेश जारी हो गया है. जिला प्रशासन ने प्रोडक्शन पर रोक लगा दिया है. साथ ही तीन बॉयलर के लाइसेंस भी रद्द कर दिए हैं. वहीं इस घटना में जिन लोगों ने अपनी जान गवाई हैं उनके परिजनों के लिए मुआवजे की राशि देने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. कंपनी की तरफ से 30 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया है जबकि सरकार ने 5 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया है. लेकिन दो परिवार ऐसे भी हैं जिन लोगों ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया है. प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती ये भी है कि जिन दो लोगों ने मुआवजा लेने से इनकार किया है. उनके लिए आगे क्या होगा.?

प्रबंधन ने 30 लाख मुआवजा देने का किया ऐलान : बोरसी-पिरदा के स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड में 25 मई को ब्लास्ट हुआ था. इस ब्लास्ट में 8 मजदूर लापता हुए थे वहीं 1 मजदूर की मौत हो गयी थी. हादसे के बाद से लगातार मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग की जा रही थी. वहीं फैक्ट्री प्रबंधन ने लापता और मृतक के परिजनों को 30-30 लाख रु देने का फैसला लिया है.राज्य शासन ने मृतक के परिजनों को 05-05 लाख रुपये देने की पहले ही घोषणा कर रखी है.मजदूर के परिजन समेत राजनीतिक दल मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग पर अड़े हैं. मुआवजा राशि को लेकर होकर विरोध को देखते हुए फैक्ट्री प्रबंधन ने लापता और मृतक के परिजनों को 30-30 लाख रुपये देने का घोषणा की.लेकिन अब इस मामले में ताजा अपडेट ये है कि दो परिवारों ने ज्यादा मुआवजा राशि की मांग करते हुए चेक लेने से इनकार कर दिया है.

BEMETRA GUNPOWDER FACTORY BLAST
मुआवजा राशि लेने से किया इनकार (ETV Bharat Chhattisgarh)

''लापता और मृतक के बच्चों के पढ़ाई का खर्चा फैक्ट्री उठाएगा. साथ ही मृतकों के पीएफ का पैसा 07 हजार उनके परिजनों के खाते में हर महीने डालने की बात फैक्टरी प्रबंधन ने मौखिक कही है.''-मनहरण यदु, पीड़ित परिजन

दो परिवारों ने नहीं लिया चेक : आपको बता दें कि बुधवार की रात फैक्ट्री प्रबंधन ने 07 पीड़ित परिवारों को 29-29 लाख रुपये का चेक और 1 -1 लाख रु नगद दिया है. वही 02 पीड़ित परिवारों शंकर यादव और लोकनाथ यादव के परिजनों ने 50 लाख की मांग पर अड़े हैं.दोनों ही परिवारों ने चेक लेने से मना कर दिया है.

BEMETRA GUNPOWDER FACTORY BLAST
दो परिवारों ने नहीं लिया चेक (ETV Bharat Chhattisgarh)

प्रशासन ने लगाए राजनीति के आरोप : ईटीवी भारत में जब इस्पात की जानकारी लेने का प्रयास किया तो पता चला कि जिन दो लोगों ने पैसा लेने से मना किया है वो उसरा गांव के निवासी हैं. हालांकि स्थानीय प्रशासन का कहना है कि कुछ लोग इसमें राजनीति भी कर रहे हैं. इस वजह से इन लोगों ने पैसा लेने से इनकार कर दिया है. यह विषय भी जांच का है कि जिन लोगों ने पैसा लेने से इनकार किया है वास्तव में उनकी मांग क्या है. लेकिन जिन लोगों को पैसा दिया गया वो प्रशासन की मौजूदगी में 30 लाख रुपए छह लोगों को भुगतान कर दिया गया है. बड़ा सवाल ये भी है कि जिन लोगों को पैसा भुगतान हुआ है वह लोग अब कहां हैं इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है.

डीएनए टेस्ट से होगी पहचान : जिला प्रशासन ने इस बात को लेकर के कहा था कि हमें जो भी विस्फोट में अवशेष मिले हैं उसका डीएनए टेस्ट कराएंगे और डीएनए टेस्ट के बाद ही ये बात सामने आएगी कि कितने लोग इसमें हताहत हुए हैं. हालांकि आठ लोगों के गायब होने की सूचना बताई गई थी.अब ये माना जा रहा है कि जो लोग सामने नहीं आए हैं वो विस्फोट में चल बसे हैं. आप खुद ही सोचिए कि विस्फोट कितना खतरनाक रहा होगा कि परिवार वालों को अस्थियां तक नहीं मिली. अब डीएनए टेस्ट से ये पता चलेगा कि उसमें कितने लोग थे.जिन लोगों ने मुआवजा ले लिया है, वे अब ये मानकर चल रहे हैं कि उनके करीबी नहीं रहे.बड़ा सवाल जिला प्रशासन पर है कि कल तक गायब होने की सूचना किसी और रूप में दे रहे थे और अब जान की कीमत का भुगतान किया जा रहा है.

सरकार पर भी खड़े हुए सवाल : बेमेतरा में हुए इस धमाके ने छत्तीसगढ़ की सरकार के लिए कई सवाल खड़े कर दिए हैं. घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए सरकार ने कौन से कदम उठाए हैं. जिला प्रशासन ने कंपनी को सील किया है धमाके की जांच के आदेश दिए हैं. मजिस्ट्रेट इसकी जांच कर रहे हैं यह सब बात सरकारी फाइलों और कागजों में आएंगे. लेकिन इस तरह का लाइसेंस देने के लिए सरकार के जो नियम प्रावधान हैं उनका पालन कितना किया गया यह जरूर सवालों में है. जहां धमाका हुआ उससे कुछ दूर एक चौराहे पर इस बात की चर्चा जोरों से है कि सरकार आखिर इस तरह के लाइसेंस को जारी करती है तो उसका कड़ाई से पालन क्यों नहीं करवाती. कई सवाल ऐसे हैं जो आज सरकार के सामने रखना जरूरी हैं . इन सवालों पर सरकार का ध्यान जाए और उसकी एक जांच हो यह भी जरूरी है.

अब सामने खड़े हुए सवाल :

1- इस तरीके के कंपनियों के लिए जो लाइसेंस जारी किए जाते हैं उसके रिन्यूअल और जांच के लिए कानून क्या कहता है. अगर उसके प्रावधान हैं तो क्या उसकी जांच समय पर की गई है.

2-बारूद कंपनी कितना प्रोडक्शन करेगी और कितने का स्टॉक रख सकती है. इसे तय करने का भी नियम है. विस्फोट में जितना स्टॉक शामिल था क्या उतना स्टॉक रखने के लिए कंपनी को अनुमति दी गई थी.

3- विस्फोटकों को जहां रखा जाता है वहां पर तापमान माइनस 20 डिग्री होनी चाहिए, क्या इसका ध्यान रखा गया और इसकी जांच कब की गई.

4- दो मंजिला इमारत जिसमें विस्फोटकों को रखा गया था क्या वह बिल्डिंग विस्फोटक रखने के लिए सुरक्षित थी.दो मंजिला इमारत जमीदोंज हो चुकी है.इसलिए बिल्डिंग की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं.

5-विस्फोटक रखने वाली कंपनी के लिए राज्य सरकार ने क्या कानून बनाएं हैं.कानून पर कितना अमल किया गया इसकी भी जांच होनी चाहिए.

6- बेमेतरा में हुए बारूद फैक्ट्री में धमाके के बाद सरकार ने अभी तक डेटोनेटर बनाने वाली कितनी कंपनियों की जांच शुरू की है. क्योंकि ऐसी कई ऐसी कंपनियां हैं, जो इसी तरह से प्रोडक्शन कर रही हो.

विपक्ष ने सरकार को घेरा : बेमेतरा के हादसे के बाद पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिना शव मिले लोगों को मुआवजा दिया जाना और अंतिम संस्कार किए जाने की प्रक्रिया को शुरू करने को लेकर सवाल उठाए हैं. पूर्व सीएम ने लिखा कि हम सब शर्मिंदा हैं.

बीजेपी सरकार के इस कामकाज को लेकर के भूपेश बघेल का यह ट्वीट हुआ है हालांकि बहुत सारे लोगों ने भूपेश बघेल सरकार पर भी सवाल उठाए हैं कि जब आपकी सरकार थी तो आपका समय में भी इस तरह के बहुत सारे काम हुए थे लेकिन कांग्रेस द्वारा मुखर होकर के इस तरह के ट्वीट करने से मुद्दा चर्चा में बना हुआ है

बेमेतरा बारुद फैक्ट्री ब्लास्ट में सियासत (ETV Bharat Chhattisgarh)

बेमेतरा : बारूद फैक्ट्री में हुए बम धमाके को लेकर के नया आदेश जारी हो गया है. जिला प्रशासन ने प्रोडक्शन पर रोक लगा दिया है. साथ ही तीन बॉयलर के लाइसेंस भी रद्द कर दिए हैं. वहीं इस घटना में जिन लोगों ने अपनी जान गवाई हैं उनके परिजनों के लिए मुआवजे की राशि देने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. कंपनी की तरफ से 30 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया है जबकि सरकार ने 5 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया है. लेकिन दो परिवार ऐसे भी हैं जिन लोगों ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया है. प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती ये भी है कि जिन दो लोगों ने मुआवजा लेने से इनकार किया है. उनके लिए आगे क्या होगा.?

प्रबंधन ने 30 लाख मुआवजा देने का किया ऐलान : बोरसी-पिरदा के स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड में 25 मई को ब्लास्ट हुआ था. इस ब्लास्ट में 8 मजदूर लापता हुए थे वहीं 1 मजदूर की मौत हो गयी थी. हादसे के बाद से लगातार मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग की जा रही थी. वहीं फैक्ट्री प्रबंधन ने लापता और मृतक के परिजनों को 30-30 लाख रु देने का फैसला लिया है.राज्य शासन ने मृतक के परिजनों को 05-05 लाख रुपये देने की पहले ही घोषणा कर रखी है.मजदूर के परिजन समेत राजनीतिक दल मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग पर अड़े हैं. मुआवजा राशि को लेकर होकर विरोध को देखते हुए फैक्ट्री प्रबंधन ने लापता और मृतक के परिजनों को 30-30 लाख रुपये देने का घोषणा की.लेकिन अब इस मामले में ताजा अपडेट ये है कि दो परिवारों ने ज्यादा मुआवजा राशि की मांग करते हुए चेक लेने से इनकार कर दिया है.

BEMETRA GUNPOWDER FACTORY BLAST
मुआवजा राशि लेने से किया इनकार (ETV Bharat Chhattisgarh)

''लापता और मृतक के बच्चों के पढ़ाई का खर्चा फैक्ट्री उठाएगा. साथ ही मृतकों के पीएफ का पैसा 07 हजार उनके परिजनों के खाते में हर महीने डालने की बात फैक्टरी प्रबंधन ने मौखिक कही है.''-मनहरण यदु, पीड़ित परिजन

दो परिवारों ने नहीं लिया चेक : आपको बता दें कि बुधवार की रात फैक्ट्री प्रबंधन ने 07 पीड़ित परिवारों को 29-29 लाख रुपये का चेक और 1 -1 लाख रु नगद दिया है. वही 02 पीड़ित परिवारों शंकर यादव और लोकनाथ यादव के परिजनों ने 50 लाख की मांग पर अड़े हैं.दोनों ही परिवारों ने चेक लेने से मना कर दिया है.

BEMETRA GUNPOWDER FACTORY BLAST
दो परिवारों ने नहीं लिया चेक (ETV Bharat Chhattisgarh)

प्रशासन ने लगाए राजनीति के आरोप : ईटीवी भारत में जब इस्पात की जानकारी लेने का प्रयास किया तो पता चला कि जिन दो लोगों ने पैसा लेने से मना किया है वो उसरा गांव के निवासी हैं. हालांकि स्थानीय प्रशासन का कहना है कि कुछ लोग इसमें राजनीति भी कर रहे हैं. इस वजह से इन लोगों ने पैसा लेने से इनकार कर दिया है. यह विषय भी जांच का है कि जिन लोगों ने पैसा लेने से इनकार किया है वास्तव में उनकी मांग क्या है. लेकिन जिन लोगों को पैसा दिया गया वो प्रशासन की मौजूदगी में 30 लाख रुपए छह लोगों को भुगतान कर दिया गया है. बड़ा सवाल ये भी है कि जिन लोगों को पैसा भुगतान हुआ है वह लोग अब कहां हैं इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है.

डीएनए टेस्ट से होगी पहचान : जिला प्रशासन ने इस बात को लेकर के कहा था कि हमें जो भी विस्फोट में अवशेष मिले हैं उसका डीएनए टेस्ट कराएंगे और डीएनए टेस्ट के बाद ही ये बात सामने आएगी कि कितने लोग इसमें हताहत हुए हैं. हालांकि आठ लोगों के गायब होने की सूचना बताई गई थी.अब ये माना जा रहा है कि जो लोग सामने नहीं आए हैं वो विस्फोट में चल बसे हैं. आप खुद ही सोचिए कि विस्फोट कितना खतरनाक रहा होगा कि परिवार वालों को अस्थियां तक नहीं मिली. अब डीएनए टेस्ट से ये पता चलेगा कि उसमें कितने लोग थे.जिन लोगों ने मुआवजा ले लिया है, वे अब ये मानकर चल रहे हैं कि उनके करीबी नहीं रहे.बड़ा सवाल जिला प्रशासन पर है कि कल तक गायब होने की सूचना किसी और रूप में दे रहे थे और अब जान की कीमत का भुगतान किया जा रहा है.

सरकार पर भी खड़े हुए सवाल : बेमेतरा में हुए इस धमाके ने छत्तीसगढ़ की सरकार के लिए कई सवाल खड़े कर दिए हैं. घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए सरकार ने कौन से कदम उठाए हैं. जिला प्रशासन ने कंपनी को सील किया है धमाके की जांच के आदेश दिए हैं. मजिस्ट्रेट इसकी जांच कर रहे हैं यह सब बात सरकारी फाइलों और कागजों में आएंगे. लेकिन इस तरह का लाइसेंस देने के लिए सरकार के जो नियम प्रावधान हैं उनका पालन कितना किया गया यह जरूर सवालों में है. जहां धमाका हुआ उससे कुछ दूर एक चौराहे पर इस बात की चर्चा जोरों से है कि सरकार आखिर इस तरह के लाइसेंस को जारी करती है तो उसका कड़ाई से पालन क्यों नहीं करवाती. कई सवाल ऐसे हैं जो आज सरकार के सामने रखना जरूरी हैं . इन सवालों पर सरकार का ध्यान जाए और उसकी एक जांच हो यह भी जरूरी है.

अब सामने खड़े हुए सवाल :

1- इस तरीके के कंपनियों के लिए जो लाइसेंस जारी किए जाते हैं उसके रिन्यूअल और जांच के लिए कानून क्या कहता है. अगर उसके प्रावधान हैं तो क्या उसकी जांच समय पर की गई है.

2-बारूद कंपनी कितना प्रोडक्शन करेगी और कितने का स्टॉक रख सकती है. इसे तय करने का भी नियम है. विस्फोट में जितना स्टॉक शामिल था क्या उतना स्टॉक रखने के लिए कंपनी को अनुमति दी गई थी.

3- विस्फोटकों को जहां रखा जाता है वहां पर तापमान माइनस 20 डिग्री होनी चाहिए, क्या इसका ध्यान रखा गया और इसकी जांच कब की गई.

4- दो मंजिला इमारत जिसमें विस्फोटकों को रखा गया था क्या वह बिल्डिंग विस्फोटक रखने के लिए सुरक्षित थी.दो मंजिला इमारत जमीदोंज हो चुकी है.इसलिए बिल्डिंग की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं.

5-विस्फोटक रखने वाली कंपनी के लिए राज्य सरकार ने क्या कानून बनाएं हैं.कानून पर कितना अमल किया गया इसकी भी जांच होनी चाहिए.

6- बेमेतरा में हुए बारूद फैक्ट्री में धमाके के बाद सरकार ने अभी तक डेटोनेटर बनाने वाली कितनी कंपनियों की जांच शुरू की है. क्योंकि ऐसी कई ऐसी कंपनियां हैं, जो इसी तरह से प्रोडक्शन कर रही हो.

विपक्ष ने सरकार को घेरा : बेमेतरा के हादसे के बाद पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिना शव मिले लोगों को मुआवजा दिया जाना और अंतिम संस्कार किए जाने की प्रक्रिया को शुरू करने को लेकर सवाल उठाए हैं. पूर्व सीएम ने लिखा कि हम सब शर्मिंदा हैं.

बीजेपी सरकार के इस कामकाज को लेकर के भूपेश बघेल का यह ट्वीट हुआ है हालांकि बहुत सारे लोगों ने भूपेश बघेल सरकार पर भी सवाल उठाए हैं कि जब आपकी सरकार थी तो आपका समय में भी इस तरह के बहुत सारे काम हुए थे लेकिन कांग्रेस द्वारा मुखर होकर के इस तरह के ट्वीट करने से मुद्दा चर्चा में बना हुआ है

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