रांची: झारखंड में उत्पाद सिपाही दौड़ के दौरान हर दिन बीमार हो रहे अभ्यर्थियों की मौत की खबर से पूरा राज्य स्तब्ध है. अलग अलग जिलों से करीब एक दर्जन अभ्यर्थियों की मौत की दर्दनाक खबर से पूरा महकमा सकते में है. वहीं अब इस गंभीर मुद्दे पर सत्ताधारी और विपक्षी दलों के बीच राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गयी है.
सरकार में शामिल झामुमो और कांग्रेस जैसे राजनीतिक दल उत्पाद सिपाही भर्ती के लिए 2016 में तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा नियमावली बनाने का हवाला देकर कह रही है कि एक घंटे में 10 किलोमीटर दौड़ने का प्रावधान भाजपा सरकार ने ही बनाया था. हमारी सरकार ने तो युवाओं के नियुक्ति के द्वार खोले है तो कफन की राजनीति करने वाली भाजपा ओछी राजनीति पर उतारू है.
'कफन की राजनीति करती है भाजपा'
रांची से लेकर पलामू तक उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ में युवाओं के बीमार पड़ने के मुद्दे पर भाजपा नेताओं के बयान को झामुमो और कांग्रेस ने संवेदनहीन करार दिया है. कांग्रेस और झामुमो के नेताओं ने कहा कि भाजपा को मीडिया के सामने यह जवाब देना चाहिए कि किसके शासनकाल में एक घंटे में 10 किलोमीटर दौड़ने का नियम बना था. कांग्रेस प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा और झामुमो के प्रदेश महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ के दौरान जिस तरह अभ्यथियों की अचानक मौत की खबर आ रही है, यह दुखद है.
मामले की उच्चस्तरीय जांच की जरूरत
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता सुप्रियो भट्टाचार्य और कांग्रेस के नेता राकेश सिन्हा ने कहा कि उत्पाद सिपाही भर्ती के लिए किसने 01 घंटे में 10 किलोमीटर की दौड़ का नियम बनाया. 11-12 अभ्यर्थियों की मौत का जिम्मेदार कौन है इसका जवाब भाजपा को देना चाहिए.
सरकार पूरी तरह से संवेदनशील
कांग्रेस प्रदेश महासचिव सह मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने कहा कि हमारी पूरी संवेदनाएं पीड़ित परिवार के साथ है. यह राजनीति करने का विषय नहीं है लेकिन सवाल तो यह जरूर उठता है कि आखिर पूर्व की रघुवर दास ने यह नियम बनाया ही क्यों. सरकार और सत्ताधारी दल पूरे मामले में बेहद संजीदा है और बहुत जल्द सरकार की ओर से इस मामले में उचित फैसला लिया जाएगा.
वहीं झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि अभी उस कदर की गर्मी भी नहीं है. ऐसे में दौड़ में शामिल होने आए युवाओं की मौत कैसे हो रही है यह बड़ा सवाल है. मौत की वास्तविक कारणों की जानकारी तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही चल सकेगा लेकिन यह कोरोना के असर की वजह से भी हो सकता है. व्यक्तिगत तौर पर उन्होंने चिकित्सकों से बात हुई है और उन्होंने इसके कई संभावित कारण बताएं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में संवेदनशील है और भाजपा को इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.
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