रांची: चुनाव के समय प्रायः सभी राजनीतिक पार्टियां मुद्दों की ताक में रहते हैं. जिसका चुनावी लाभ वह एन वक्त पर उठा सके. झारखंड की राजनीति में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने बांग्लादेशी घुसपैठिये और संथाल में डेमोग्राफी चेंज को इसी तरह का मुद्दा मानकर आक्रामक है. वहीं दूसरी ओर इंडिया गठबंधन भी इसको लेकर भाजपा को केंद्र को घेरने की तैयारी में है.
इंडिया गठबंधन और उसमें शामिल दल को झारखंड के सेंटीमेंट से जुड़ा एक मुद्दा बैठे बैठाए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दे दिया है. लोकसभा सत्र के दौरान गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सदन में झारखंड के संथाल, बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ भाग को मिलाकर एक नया केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग केंद्र से कर दी. झारखंड से अलग केंद्र शासित राज्य बनाने के निशिकांत दुबे के बयान को इंडिया गठबंधन के दलों ने जबरदस्त तरीके से विरोध किया है. जिससे साफ है कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी नेता निशिकांत दुबे के इस बयान को प्रचारित कर कह रहे हैं कि अपने फायदे के लिए भाजपा झारखंड के विकास और तरक्की की जगह अपने फायदे के लिए इसके टुकड़े-टुकड़े भी करवा सकती है.
'भाजपा टुकड़े करने की बात करती है'
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा लोकसभा में दिए झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों को केंद्र शासित प्रदेश बनाने वाले बयान को जनता के बीच ले जाने का पूरा खाका कांग्रेस और झामुमो ने बना लिया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इसे झारखंड की एकता और अखंडता के लिए घातक बताते हुए शनिवार को प्रदेश भर में निशिकांत दुबे का पुतला फूंककर आंदोलन की शुरुआत भी कर दी है.
कांग्रेस भी इस मुद्दे पर बेहद आक्रोशित है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सोनाल शांति उर्फ रिंकू तिवारी कहते हैं कि देश और प्रदेश को टुकड़ों में बांटना भाजपा का मनपसंद विषय रहा है. निशिकांत दुबे ने इसी वजह से इस तरह का बयान दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि झारखंड को तोड़कर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग करने वाले निशिकांत दुबे झारखंड के विकास की बात क्यों नहीं करते हैं. उनको यह बताना चाहिए कि केंद्रीय बजट में झारखंड की उपेक्षा क्यों हुई है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि लंबे दिनों तक झारखंड पर राज करने के बावजूद प्रदेश पर 90 हजार करोड़ का खर्च क्यों है.
'केंद्र शासित प्रदेश बनने से केंद्र के कंट्रोल में रहेगी व्यवस्था'
तीन राज्यों बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कुछ भाग को मिलाकर नया केंद्र शासित राज्य बनाने की भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की मांग का समर्थन प्रदेश भाजपा ने किया है. इसको लेकर विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि इससे चीजें पूरी तरह से केंद्र के कंट्रोल में आएगी. जब मर्जी होगी हम पारा मिलिट्री का उपयोग कर सकते हैं. बिरंचि नारायण ने कहा कि दिल्ली, चंडीगढ़, लक्षदीप की कानून व्यवस्था और बिहार, पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था को देखिये तो फर्क साफ दिखेगा.
लोकसभा में निशिकांत दुबे ने क्या कहा था
25 जुलाई गुरुवार को संथाल में डेमोग्राफी का मुद्दा संसद में भी गूंजा. निशिकांत दुबे ने संसद में अपनी बात रखते हुए कहा कि 2000 में जब बिहार से झारखंड अलग हुआ था तब संथाल में आदिवासियों की आबादी 36 प्रतिशत थी जो अब घटकर सिर्फ 26 प्रतिशत रह गई है. इस मुद्दे पर झारखंड की मौजूदा सरकार बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने अपने भाषण में कहा की घुसपैठिए आदिवासी औरतों से शादी करते हैं. उनका कहना है की महिलाएं जो आदिवासी कोटे से लोकसभा चुनाव लड़ती हैं उनके पति मुसलमान है. जिला परिषद की अध्यक्षा के पति मुसलमान है. सौ आदिवासी महिला मुखिया ऐसी हैं जिनके पति मुसलमान है.
सासंद निशिकांत दुबे ने अपने भाषण में कहा कि हर चुनाव में 15 से 17 प्रतिशत वोटर आमतौर पर बढ़ते हैं, लेकिन हमारे यहां 123 प्रतिशत वोटर बढ़ें हैं. उन्होंने कहा कि मधुपुर विधानसभा में 267 बूथों पर 117 प्रतिशत से अधिक मुसलमानों की आबादी बढ़ गई है. झारखंड में कम से कम 25 विधानसभा क्षेत्रों में जहां 110 प्रतिशत से 123 प्रतिशत तक मुसलमानों की आबादी बढ़ी है यह चिंता का विषय है.
संसद में अपनी बात को रखते हुए सांसद निशिकांत दुबे ने तारापुर इलामी और डांगापाडा का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद से लोग आते हैं और स्थानीय लोगों को भगा देते हैं. गांव के गांव खाली हो रहे है और वहां के लोग इन जगहों पर आकर दंगा करते हैं. उन्होंने इस मुद्दे को उठाते हुए केंद्र सरकार से मालदा, मुर्शिदाबाद, किशनगंज अररिया, कटिहार और पूरे संथाल को यूनियन टेरिटरी बनाने और साथ ही एनआरसी लागू करने की गुहार लगाई. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने भी माना है कि यहां मुसलमानों की आबादी बहुत बढ़ गई है और उसमें केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए संसद की एक कमेटी को वहां जाकर जांच करना चाहिए. उन्होंने कहा कि 2010 की लॉ कमीशन की रिपोर्ट को लागू करें.
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