देहरादून: उत्तराखंड लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी टक्कर गढ़वाल लोकसभा सीट पर है. यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है. उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में कमतर लग रही कांग्रेस केवल पौड़ी में ही मजबूत दिख रही है. कांग्रेस ने पौड़ी से गणेश गोदियाल को चुनावी मैदान में उतारा है. गणेश गोदियाल पूर्व में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. गणेश गोदियाल जमीन से जुड़े नेता हैं. उनका मिलनसार स्वभाव उन्हें कार्यकर्ताओं के नजदीक खड़ा करता है. इसके साथ ही उनकी संवाद शैली भी गोदियाल को खास बनाती है. ईटीवी भारत की पॉलिटिकल KYC सीरीज के तीसरे अंक में हम कांग्रेस नेता, गढ़वाल लोकसभा सीट से कैंडिडेट गणेश गोदियाल के पॉलिटिल हिसाब किताब का लेखा जोखा देंगे. इसके साथ ही उनके सामाजिक और आर्थिकी से जुड़ी जानकारियां भी साझा करेंगे.
अभावों में बीता गणेश गोदियाल का बचपन: गणेश गोदियाल का जन्म पौड़ी गढ़वाल के कंडारस्यूं भहेड़ी गांव में हुआ. उनका बचपन अभावों में बीता. गणेश गोदियाल छोटी से उम्र में ही गांव से बाहर निकलकर मुंबई पहुंचे. मुंबई पहुंचकर गणेश गोदियाल ने जी तोड़ मेहनत की. उन्होंने मुंबई के चेंबुर नाके में फलों की रेडी लगाई. साथ ही उन्होंने कई छोटे बड़े काम किये. इसके बाद उन्होंने सिविल कॉन्ट्रेकर का काम शुरू किया. गणेश गोदियाल ने 25 सालों मुंबई में मेहनत कर मुकाम हासिल किया. उन्होंने अपनी मेहनत से मुंबई में अपना बिजनेस खड़ा किया.
2002 में लड़ा पहला विधानसभा चुनाव: गणेश गोदियाल ने सबसे पहला चुनाव 2002 में लड़ा. इस साल गणेश गोदियाल ने थैलीसैंण विधानसभा से चुनाव लड़ा. जिसमें उन्हें जीत मिली. वे यहां से विधायक बने. पहले विधानसभा चुनाव में गणेश गोदियाल ने भाजपा के दिग्गज नेता रमेश पोखरियाल निशंक को करारी हार दी थी. इसके बाद साल 2007 में हुये विधानसभा चुनाव में गणेश गोदियाल को हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद साल 2012 में हुये परिसीमन के बाद थलीसैंण, श्रीनगर विधानसभा का हिस्सा बन गया. साल 2012 में भी गणेश गोदियाल ने श्रीनगर विधानसभा से चुनाव लड़ा. इस बार भाजपा से उनके सामने धन सिंह रावत थे. इस चुनाव में गणेश गोदियाल ने धन सिंह रावत को हराया. गणेश गोदियाल की इस जीत के बाद कांग्रेस में उनकी कद बढ़ता चला गया. गणेश गोदियाल कभी सतपाल महाराज के करीबी माने जाते थे. उनके भाजपा में शामिल होने के बाद गोदियाल को कांग्रेस में आगे बढ़ने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी.
2016 में हरीश रावत के करीब आये गणेश गोदियाल: साल 2016 उत्तराखंड की राजनीति के साथ ही गणेश गोदियाल के लिए भी खास रहा. साल 2016 में कांग्रेस ने 9 विधायकों ने बगावत कर दी. जिससे राज्य की हरीश रावत सरकार खतरे में आ गई. असर इतना हुआ कि राज्य में ऱाष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा. हरीश रावत को फ्लोर टेस्ट से गुजरना पड़ा. इस दौरान बीजेपी ने गणेश गोदियाल को कई प्रलोभन दिये, मगर गोदियाल ने किसी की नहीं सुनी. उन्होंने इस दौरान हरीश रावत का साथ दिया. सरकरा बचाने में गणेश गोदियाल ने अहम भूमिका निभाई. इस घटना के साथ गणेश गोदियाल हरीश रावत के करीब आ गये.
गणेश गोदियाल ने राठ में करवाये कई काम: इसके बाद गणेश गोदियाल ने हरीश रावत के साथ मिलकर राठ क्षेत्र में कई काम करवाये. इस दौरान गणेश गोदियाल ने राठ क्षेत्र को ओबीसी का दर्जा दिलाया, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक काम है. इसके अलावा राठ महाविद्धयाल को जकीय सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेज बनाया. जिसका फायदा यहां के युवाओं को मिला. इसके साथ ही गोदियाल ने क्षेत्र में सड़कों का भी जाल बिछाया. इन कामों से गणेश गोदियाल का जनाधार बढ़ा. साथ ही वे यहां और मजबूत हुये.
2021 में उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष बने गणेश गोदियाल: इसके बाद साथ 2017 में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव हुये. गणेश गोदियाव श्रीनगर विधानसभा से चुनाव लड़े. तमाम विकासकार्यों के बाद भी इस चुनाव में गणेश गोदियाल मोदी लहर के सामने नहीं टिक पाये. इस चुनाव में बीजेपी के धन सिंह रावत ने उन्हें हराया. इसके बाद भी गणेश गोदियाल लगातार एक्टिव होकर काम करते रहे. साल 2021 में कांग्रेस ने गणेश गोदियाल को बड़ी जिम्मेदारी दी. 22जुलाई 2021 में कांग्रेस ने गणेश गोदियाल को उत्तराखंड कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया. अध्यक्ष बनने के बाद गणेश गोदियाल ने प्रदेशभर में दौरे किये. कांग्रेस की टीम को मजबूत करने का काम किया.
2022 में विधानसभा चुनाव हारे गोदियाल: इसके बाद साल 2022 में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव हुये. जिसमें गणेश गोदियाल ने फिर से श्रीनगर विधानसभा से ताल ठोकी. इस बार भी गोदियाल को हार का सामना करना पड़ा. 2022 में विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद गणेश गोदियाल को अध्यक्ष पद से हाथ धोना पड़ा. इसके बाद साल 2023 में कांग्रेस हाईकमान ने गणेश गोदियाल को कांग्रेस कार्यसमिति का विशेष आमंत्रित सदस्य नियुक्त किया, जिसकी जिम्मेदारी वे अभी तक निभा रहे हैं.
गणेश गोदियाल प्रॉपर्टी: गणेश गोदियाल के पास 2022 में 6,94,552 रुपये की चल संपत्ति थी. साल 2024 में ये बढ़कर 31,62,567 रुपये हो गई है. गणेश की अचल संपत्ति का मूल्य 2,40,59,666 रुपये है. गणेश गोदियाल के पास कोई भी चौपहिया वाहन नहीं है.
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