देहरादून: पुलिस लाइन देहरादून में प्रशिक्षु मुख्य आरक्षी (पुलिस दूरसंचार) का दीक्षांत परेड का आयोजन किया गया. जिसमें 231 प्रशिक्षु मुख्य आरक्षी (162 पुरुष और 69 महिला) 9 महीने के प्रशिक्षण के बाद पुलिस बल में शामिल हो गए हैं. वहीं, बतौर मुख्य अतिथि के रूप में डीजीपी अभिनव कुमार ने दीक्षांत परेड में शिरकत कर परेड का निरीक्षण किया.
बता दें कि मुख्य आरक्षी (पुलिस दूरसंचार) का 9 महीने का प्रशिक्षण 21 अगस्त 2023 से आरटीसी, पुलिस लाइन देहरादून में शुरू हुआ था. जो 27 मई को संपन्न हुआ. प्रशिक्षण के दौरान मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार को रेडियो परिचालन से संबंधित अलग-अलग आंतरिक विषयों का अध्ययन कराया गया. इसके अलावा पुलिस को आधुनिक और तकनीकी रूप से दक्ष करने के लिए तमाम तकनीकों, ड्रोन, सर्विलांस, साइबर क्राइम, डिजिटल फॉरेंसिक आदि का भी प्रशिक्षण दिया गया.
वहीं, एसडीआरएफ की ओर से बेसिक आपदा प्रबंधन कोर्स, अग्निशमन और दंगा प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षण भी इन मुख्य आरक्षियों को दिया गया. मुख्य अतिथि डीजीपी अभिनव कुमार ने प्रशिक्षण के बाद पास आउट होने वाले सभी मुख्य आरक्षियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि आने वाले 30 सालों से भी ज्यादा की सेवा में पुलिस ही नहीं बल्कि, एक अच्छे राज्य के निर्माण में भी एक सक्रिय भूमिका निभाएंगे.
तकनीक के इस युग में पुलिस को आधुनिक और तकनीकी रूप से दक्ष होना आवश्यक हो गया है. हम तेजी से मॉर्डनाइजेशन की ओर बढ़ रहे हैं. पुलिस को स्मार्ट बनाने की दिशा में गाइडलाइन के तहत काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस आधारभूत प्रशिक्षण के बाद सभी नवनियुक्त मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार पुलिस विभाग में उन तकनीकों से रूबरू होंगे और एक नए स्तर पर इस विभाग की छवि को ले जाएंगे.
आज की इस दीक्षांत परेड में 162 पुरुष और 69 महिला प्रशिक्षु शामिल हैं. ये गर्व की बात है कि उत्तराखंड की बेटियां नए-नए क्षेत्रों में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. आज भी ज्यादातर विषयों में महिलाओं ने ज्यादा सफलता अर्जित की है. आज जो साथी पास आउट हो रहे हैं, इसमें 50 इंटरमीडिएट, 133 ग्रेजुएट और 48 पोस्ट ग्रेजुएट हैं. जो दर्शाता है कि आरक्षी और मुख्य आरक्षी का शिक्षा का स्तर भी बढ़ा है.
डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि आप ऐसे समय पर आ रहे हैं, जब 1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू करने हैं. साथ ही साथ जितनी तेजी से टेक्नोलॉजी बदल रही है. खासकर एआई का युग आ रहा है तो इन तकनीकों को पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली में शामिल करने में दूरसंचार की अहम भूमिका रहेगी.
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