देहरादून: अधिवक्ता राजेश सूरी हत्या का मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है. राजेश सूरी की नगर निगम में नियुक्ति संबंधी फाइल गायब होने के मामले में तत्कालीन अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. राजेश सूरी की बहन रीता सूरी की शिकायत के आधार पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लक्ष्मण सिंह की अदालत ने मामले में केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं. जिस पर नगर कोतवाली पुलिस में नगर निगम के तत्कालीन अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
दरअसल, रीता सूरी ने अदालत में बताया है कि उनके अधिवक्ता भाई राजेश सूरी ने देहरादून के तमाम घोटालों का पर्दाफाश किया था. इनमें सरकारी और गैर सरकारी जमीन पर कब्जे के साथ उनकी खरीद फरोख्त का मामला शामिल था. इसके अलावा देहरादून जज क्वार्टर घोटाला भी उजागर किया था. जिस पर अधिवक्ता राजेश सूरी ने साल 2007 में क्लेमेनटाउन थाने में मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण इसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई. राजेश सूरी को देहरादून नगर निगम ने बतौर अधिवक्ता नियुक्त किया था.
जब उनकी शिकायतों पर देहरादून में कोई कार्रवाई नहीं हुई तो राजेश सूरी नैनीताल हाईकोर्ट में इन मामलों की पैरवी करने लगे. साल 2014 में जब हाईकोर्ट से लौट रहे थे, तब राजेश सूरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. इस मामले में राजेश सूरी की बहन रीता ने नगर कोतवाली पुलिस में हत्या का केस दर्ज कराया था. इसके बाद इन मामलों की पैरवी भी राजेश सूरी की बहन रीता सूरी कर रही है.
वहीं, रीता सूरी ने नगर निगम से 2021 में अपने भाई की नियुक्ति संबंधी जानकारी मांगी थी, लेकिन कहीं अपील करने के बाद भी रीता सूरी को नियुक्ति और वेतन संबंधी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए. ऐसे में रीता सूरी ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत अपील की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. साथ ही नगर निगम की इस लापरवाही के खिलाफ रीता सूरी ने पुलिस को भी अलग-अलग स्तर पर शिकायत की थी, लेकिन इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो रीता सूरी ने न्यायालय की शरण ली.
"मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद देहरादून नगर निगम के अज्ञात तत्कालीन अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ धारा 409 के तहत केस दर्ज किया गया है. फिलहाल, पूरे मामले में पुलिस की ओर से जांच की जा रही है." - कैलाश चंद्र, नगर कोतवाली प्रभारी
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