बाड़मेर : जिले में सोमवार को हुए 10 हिरणों के शिकार के मामले में वन्य जीव प्रेमी और स्थानीय ग्रामीण करीब 30 घंटे से आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. इस बीच वन विभाग व पुलिस की टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है. हिरणों का शिकार कर माइंस और होटलों पर मीट सप्लाई करने वाली गैंग के आधा दर्जन लोगों को डिटेन किया गया है. पूछताछ में चौंकाने वाली बात सामने आई है. यह गैंग ऑन डिमांड हिरणों का शिकार कर मीट की सप्लाई करती थी.
एएसपी जसाराम बॉस ने बताया चौहटन थाना इलाके की लीलसर शेरपुरा गांव की सरहद पर सोमवार को हिरण शिकार की सूचना मिली थी. इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है. उन्होंने बताया पुलिस कि अलग-अलग टीमों ने वन विभाग के साथ मिलकर पकड़े गए संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है. जल्द ही पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा.
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मीट सप्लाई करने की गैंग का खुलासा : बाड़मेर उप वन सरंक्षक सविता दहिया ने बताया कि सोमवार सुबह जिले के शेरपूरा में हिरण शिकार का मामला सामने आया था. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस प्रशासन की मदद से कुछ संदिग्ध लोगों को पकड़ कर पूछताछ की गई, जिसमें यह बात सामने आई कि मांगता निवासी आईदानराम हिरणों का शिकार कर मीट सप्लाई करने की गैंग चलाता है. उन्होंने बताया कि 7-8 संदिग्ध लोगों को डिटेन किया गया है, जिनसे पूछताछ चल रही है.
उप वन सरंक्षक ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में यह बात सामने आई है कि होटलों में हिरण के मीट की डिमांड होने पर स्थानीय लोगों को पैसों का लालच देकर हिरणों का शिकार किया जाता है. करीब डेढ़ साल से यह गैंग चला रहा था. साथ ही आरोपी ने अपने घर के पास बड़ी मात्रा में हिरणों के अवशेष जमीन में छुपाने की बात को भी स्वीकार किया है. डीएफओ ने बताया कि पुलिस व वन विभाग की टीम लगातार गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है. उन्होंने बताया कि वन्य जीव प्रेमियों व ग्रामीणों का धरना अभी जारी है. हालांकि, अब तक की कार्रवाई से ग्रामीण व वन्य जीव प्रेमी संतुष्ट हैं. उन्होंने धरने पर बैठे लोगों से हिरणों के शवों का समय पर पोस्टमार्टम कराने में सहयोग करने की अपील की है.