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विवादों में आए पुलिस वालों पर कार्रवाई की तैयारी में विभाग, रांची एसएसपी ने कड़े शब्दों में आचरण को लेकर दी चेतावनी

Ranchi SSP meeting. विवादों में आए पुलिस वालों पर गाज गिर सकती है. जिला पुलिस विभाग ऐसे अफसरों पर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है. इसको लेकर रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने एक बैठक कर पदाधिकारियों को आचरण को लेकर चेतावनी के साथ साथ सलाह भी दी है.

Police department action against policemen involved in disputes in Ranchi
रांची में विवादों में आए पुलिस वालों पर कार्रवाई की तैयारी में विभाग
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 5, 2024, 9:00 PM IST

जानकारी देते रांची एसएसपी

रांचीः राजधानी में पिछले एक महीने में कुछ पुलिस अफसरों के आचरण को लेकर पुलिस की छवि धुमिल हुई है. अब वैसे अफसरों पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है. इसके साथ साथ ही जो नए अफसर राजधानी में योगदान दे चुके है, उन्हें भी कड़े शब्दों में आचरण को लेकर नसीहत भी दी गई है.

10 दिन के भीतर दो थाना प्रभारी हुए लाइन क्लोज्डः

राजधानी रांची में अपने गलत आचरण के चलते थाना प्रभारी पर लगातार गाज गिर रही है. दस दिन के भीतर खराब आचरण के कारण दो थाना प्रभारी लाइन क्लोज्ड हो चुके हैं जबकि दो जगहों पर सार्वजनिक रूप से मारपीट करने की वजह से पुलिस की भद पिटी. राजधानी रांची में पुलिस का मान-सम्मान कायम रहे और पब्लिक का भरोसा उन पर बना रहे. इसे लेकर रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा के द्वारा तबादले के बाद नए-नए आए पुलिस अफसरों को कड़ी नसीहत भी दी गई है. इस संबंध में एसएसपी के द्वारा राजधानी के सभी थाना प्रभारियों की मीटिंग बुला कर चेताया भी है.

सुखदेवनगर और सदर थाना प्रभारी हो चुके हैं लाइन क्लोज्डः

पिछले दस दिन के भीतर रांची के दो अति महत्वपूर्ण थानों में प्रभारी के रूप में पदस्थापित इंस्पेक्टर रैंक के दो-दो अफसर अपने खराब आचरण और दूसरी तरह के विवादों में आने के कारण लाइन क्लोज्ड हो चुके हैं. सबसे पहले सुखदेवनगर के तत्कालीन थाना प्रभारी रमाकांत ओझा पर गाज गिरी, रमाकांत ओझा मात्र आठ दिन ही प्रभारी रहे. लेकिन इसी बीच एक महिला वकील ने उनकी प्रताड़ना से तंग आकर सुसाइड की कोशिश कर डाली. ये मामला जब सीनियर अधिकारियों के पास पहुंचा तो वह सत्य पाया गया, जिसके बाद रमाकांत ओझा को लाइन क्लोज्ड कर दिया गया.

वहीं दूसरा मामला तत्कालीन सदर थाना प्रभारी लक्ष्मी कांत का है. बीते सप्ताह जमीन विवाद को लेकर आदिवासी समाज के कई लोग रांची के सदर थाना का घेराव कर रहे थे. इस दौरान थाना प्रभारी के द्वारा कई बार भीड़ को समझने की कोशिश की गई. इसके बाद भीड़ के द्वारा उग्र व्यवहार से नाराज थाना प्रभारी ने अचानक आदिवासी समाज के लोगों को अपशब्द कहने लगे. जिस समय थाना प्रभारी आदिवासी समाज के लोगों के अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे इस दौरान किसी के द्वारा वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली गई. गाली गलौज करने का मामला इतना बढ़ गया कि मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने इसे सदन तक में उठा दिया. आखिरकार पूरे मामले की तफ्तीश करने के बाद थाना प्रभारी इस मामले में दोषी पाए गए. इसके बाद उन्हें बीते मंगलवार को लाइन क्लोज कर दिया गया.

एफआईआर भी हुआ दर्जः

सदर थाना का मामला थानेदार के लाइन क्लोज्ड तक ही नहीं थमा. बकायदा इंस्पेक्टर लक्ष्मीकांत और उनके एक और सहयोगी पर रांची के एसटीएससी थाना में एफआईआर भी दर्ज किया गया है.

जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगीः

वहीं सुखदेवनगर और सदर के तत्कालीन थानेदारों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच भी की जा रही है. जांच में अगर वह दोषी पाए जाते हैं तो डीआईजी के द्वारा उन पर बड़ी कार्रवाई भी की जा सकती है.

कई विवादों में फंसे हैं अफसरः

पिछले एक सप्ताह के दौरान सदर थानेदार लक्ष्मीकांत, सदर डीएसपी और सदर डीएसपी के रीडर पर भी रिश्वत मांगने का आरोप लग चुका है. इस संबंध में कोकर के रहने वाले व्यक्ति के द्वारा डीजीपी तक शिकायत की गई है. जानकारी के अनुसार कारोबारी के द्वारा इस संबंध में कुछ ऑडियो भी उपलब्ध करवाया गया है जिसकी जांच की जा रही है.

इसे भी पढे़ं- गाली-गलौज करने वाले थानेदार लाइन क्लोज, मांडर विधायक ने विधानसभा में उठाया था मामला

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जानकारी देते रांची एसएसपी

रांचीः राजधानी में पिछले एक महीने में कुछ पुलिस अफसरों के आचरण को लेकर पुलिस की छवि धुमिल हुई है. अब वैसे अफसरों पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है. इसके साथ साथ ही जो नए अफसर राजधानी में योगदान दे चुके है, उन्हें भी कड़े शब्दों में आचरण को लेकर नसीहत भी दी गई है.

10 दिन के भीतर दो थाना प्रभारी हुए लाइन क्लोज्डः

राजधानी रांची में अपने गलत आचरण के चलते थाना प्रभारी पर लगातार गाज गिर रही है. दस दिन के भीतर खराब आचरण के कारण दो थाना प्रभारी लाइन क्लोज्ड हो चुके हैं जबकि दो जगहों पर सार्वजनिक रूप से मारपीट करने की वजह से पुलिस की भद पिटी. राजधानी रांची में पुलिस का मान-सम्मान कायम रहे और पब्लिक का भरोसा उन पर बना रहे. इसे लेकर रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा के द्वारा तबादले के बाद नए-नए आए पुलिस अफसरों को कड़ी नसीहत भी दी गई है. इस संबंध में एसएसपी के द्वारा राजधानी के सभी थाना प्रभारियों की मीटिंग बुला कर चेताया भी है.

सुखदेवनगर और सदर थाना प्रभारी हो चुके हैं लाइन क्लोज्डः

पिछले दस दिन के भीतर रांची के दो अति महत्वपूर्ण थानों में प्रभारी के रूप में पदस्थापित इंस्पेक्टर रैंक के दो-दो अफसर अपने खराब आचरण और दूसरी तरह के विवादों में आने के कारण लाइन क्लोज्ड हो चुके हैं. सबसे पहले सुखदेवनगर के तत्कालीन थाना प्रभारी रमाकांत ओझा पर गाज गिरी, रमाकांत ओझा मात्र आठ दिन ही प्रभारी रहे. लेकिन इसी बीच एक महिला वकील ने उनकी प्रताड़ना से तंग आकर सुसाइड की कोशिश कर डाली. ये मामला जब सीनियर अधिकारियों के पास पहुंचा तो वह सत्य पाया गया, जिसके बाद रमाकांत ओझा को लाइन क्लोज्ड कर दिया गया.

वहीं दूसरा मामला तत्कालीन सदर थाना प्रभारी लक्ष्मी कांत का है. बीते सप्ताह जमीन विवाद को लेकर आदिवासी समाज के कई लोग रांची के सदर थाना का घेराव कर रहे थे. इस दौरान थाना प्रभारी के द्वारा कई बार भीड़ को समझने की कोशिश की गई. इसके बाद भीड़ के द्वारा उग्र व्यवहार से नाराज थाना प्रभारी ने अचानक आदिवासी समाज के लोगों को अपशब्द कहने लगे. जिस समय थाना प्रभारी आदिवासी समाज के लोगों के अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे इस दौरान किसी के द्वारा वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली गई. गाली गलौज करने का मामला इतना बढ़ गया कि मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने इसे सदन तक में उठा दिया. आखिरकार पूरे मामले की तफ्तीश करने के बाद थाना प्रभारी इस मामले में दोषी पाए गए. इसके बाद उन्हें बीते मंगलवार को लाइन क्लोज कर दिया गया.

एफआईआर भी हुआ दर्जः

सदर थाना का मामला थानेदार के लाइन क्लोज्ड तक ही नहीं थमा. बकायदा इंस्पेक्टर लक्ष्मीकांत और उनके एक और सहयोगी पर रांची के एसटीएससी थाना में एफआईआर भी दर्ज किया गया है.

जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगीः

वहीं सुखदेवनगर और सदर के तत्कालीन थानेदारों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच भी की जा रही है. जांच में अगर वह दोषी पाए जाते हैं तो डीआईजी के द्वारा उन पर बड़ी कार्रवाई भी की जा सकती है.

कई विवादों में फंसे हैं अफसरः

पिछले एक सप्ताह के दौरान सदर थानेदार लक्ष्मीकांत, सदर डीएसपी और सदर डीएसपी के रीडर पर भी रिश्वत मांगने का आरोप लग चुका है. इस संबंध में कोकर के रहने वाले व्यक्ति के द्वारा डीजीपी तक शिकायत की गई है. जानकारी के अनुसार कारोबारी के द्वारा इस संबंध में कुछ ऑडियो भी उपलब्ध करवाया गया है जिसकी जांच की जा रही है.

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