राजनांदगांव : राजनांदगांव जिले के लालबाग थाना क्षेत्र में रामपुर के पास एक पुलिस आरक्षक अनिल रत्नाकर ने आत्महत्या किया है. इसकी सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और पूरे मामले की जांच शुरु की.वहीं इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार को घेरा है. भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया अकाउंट से वीडियो शेयर करके ये आरोप लगाए हैं कि आरक्षक भर्ती घोटाला मामले में दोषियों को बचाने के लिए निर्दोषों की बलि दी जा रही है.फिलहाल पुलिस ने आरक्षक का शव का पंचनामा करने के बाद जांच शुरु कर दी है.
आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में आया था राजनांदगांव : इस बारे में राजनांदगांव एडिशनल एसपी राहुल देव शर्मा ने बताया कि थाना लालबाग को सूचना मिली कि एक आरक्षक जो जालबांधा चौकी जिला खैरागढ़ छुईखदान गंडई में तैनात था,आरक्षक भर्ती प्रक्रिया के दौरान राजनांदगांव में आया हुआ था. जिसकी लाश पेड़ में लटकी हुई मिली.
आरक्षक का नाम अनिल रत्नाकर है. मौके पर एफएसएल की टीम वरिष्ठ अधिकारी डॉग स्क्वायड पहुंच चुके हैं.मृत्यु का कारण जानने के लिए मर्ग इंटीमेशन कर जांच की जा रही है.जांच के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा पुलिस पूरे मामले में जांच कर रही है- राहुल देव शर्मा, एएसपी
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने लगाए गंभीर आरोप : वहीं इस मामले में राजनीतिक बयानबाजी भी शुरु हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर भर्ती प्रक्रिया को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. भूपेश बघेल ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है.
भूपेश बघेल ने आरोप लगाए कि आरक्षक अनिल रत्नाकर ने आत्महत्या से पहले अपने हाथ पर जो लिखा है वह इसकी गंभीरता को बताता है.
'कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, अधिकारियों को बचाया जा रहा है. अधिकारी सब इन्वॉल्व हैं'
का मतलब साफ है Vishnu Deo Sai जी. भ्रष्टाचार तो हुआ है. अधिकारियों की भूमिका भी है.
क्या है पूरा मामला : पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया राजनांदगांव के पेंड्री स्थित आठवीं बटालियन के मैदान में 16 नवंबर से चल रही है. राजनांदगांव रेज की पूरी भर्ती यहीं हो रही है. यहां भर्ती के डेटा में गड़बड़ी की बात सामने आई.एसपी मोहित गर्ग ने बताया कि यह ऑपरेटर की तरफ से किया गया था. उदाहरण के तौर पर भर्ती प्रक्रिया में एक कैंडिडेट को एक अटेम्प्ट की परमिशन है. जब हम लोगों ने डाटा चेक किया और सीसीटीवी देखा तो हम लोगों ने पाया कि अटेम्प्ट एक ही कराया जा रहा है लेकिन डाटा ऑपरेटर के द्वारा फर्जी तरीके से उसमें मल्टीप्ल एंट्री डाल दी गई है. जिससे शक और पुख्ता हो गया है. इस केस में हमने हैदराबाद की कंपनी को टेक्निकल मदद के लिए सारी जानकारियां भेजी है.आरक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर राजनांदगांव में 17 दिसंबर को पुलिस ने एफआईआर दर्ज कराई है. इसकी जांच शुरू कर दी गई है.
मामले में हो सकते हैं बड़े खुलासे :वहीं कुछ दिन पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने भी इस पूरे मामले में दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही थी.आपको बता दें कि जिस आरक्षक अनिल रत्नाकर ने सुसाइड किया है,उसका नाम भी पुलिस आरक्षक भर्ती घोटाले में आ रहा था.पुलिस आरक्षक की मौत के मामले को आत्महत्या और अन्य एंगल से भी जोड़कर पुलिस जांच की जा रही है. एफएसएल डॉग स्क्वॉयड के साथ पुलिस की टीम भी जांच कर रही है. परिजनों की मौजूदगी में आरक्षक के शव को नीचे उतरा गया है. पूरे मामले की जांच पुलिस कर रही है. जांच में कई खुलासे हो सकते हैं.