गया: बिहार के गया में पुलिस चौकीदार के बेटे पर एक बच्चे को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने का आरोप लगा है. घटना में बच्चा घायल हो गया है जिसका मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा है. वहीं पीड़ित के परिजनों ने मामले को दबाने का पुलिस पर आरोप लगाया है.
6 साल के बच्चे को पेट्रोल डालकर जलाने का आरोप: घटना गया के महकार थाना क्षेत्र की है, जहां 5 साल के बच्चे पर पेट्रोल डालकर उसे जलाने की कोशिश की गई. बच्चे को जलाने की कोशिश करने वाला चौकीदार का बेटा लगभग 10 साल का बताया जाता है. पीड़ित बच्चे की मां ने बताया कि चौकीदार के बेटे ने मेरे बेटे को पेट्रोल डालकर जलाने की कोशिश की.
"मेरा बच्चा घायल है और उसका इलाज हो रहा है. मेरा बेटा गंभीर रूप से घायल है. चौकीदार हम लोगों पर ही दबाव बना रहा है."- पीड़ित बच्चे की मां
बच्चे का चेहरा झुलसा: पेट्रोल डालकर आग लगाने की वजह से बच्चे का चेहरा और शरीर के कई हिस्से गंभीर रूप से जख्मी हैं. चेहरे पर अधिक घाव आए हैं. गंभीर रूप से घायल बच्चे को इलाज के लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया है. डॉ एके झा ने बताया कि बच्चे की हालत गंभीर थी लेकिन अब सुधार हो रहा है.
"उसकी आंख पूरी तरह से सूजी हुई है.आईसीयू में इलाज चल रहा है. यहां से निकलने के बाद आंख और चेहरे की सूजन कम होने पर नेत्र विभाग में जांच कराई जाएगी. हालांकि उसको अब सर्जरी विभाग के वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है."- डॉ एके झा, चिकित्सक
दुकान में सामान गिराने को लेकर हुआ था विवाद: घायल बच्चे के पिता ने कहा कि मेरे बेटे ने बताया कि वह चौकीदार की दुकान पर गया था. दुकान में सामान नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाकर चौकीदार की पत्नी और बच्चे ने आग लगा दी. मेरे बेटे को पेट्रोल डालकर जलाया है.
"चौकीदार कहता है कि थाना तो मेरे बाप का है, कानून क्या है जब हम थाने में हैं. मेरे बेटे ने उसकी दुकान का कुछ सामान गिरा दिया था. नुकसान के कारण मेरे बेटे को जलाने की कोशिश की गई."- पीड़ित बच्चे के पिता
पीड़ित बच्चे का बयान: बच्चे का भी कहना है कि "मैं चौकीदार की दुकान पर गया था. दुकान में कुछ नहीं गिराया. दुकान के सामनों को भी हाथ भी नहीं लगाया, लेकिन जब वापस आने लगा तो मेरे ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई. अगर परिवार के लोग नहीं पहुंचते तो मैं नहीं बचता. मां समेत आस पास के लोगों ने आग बुझाई है."
'पुलिस में होने का धौंस जमाया': जख्मी बच्चे के पिता ने बताया कि घटना के बाद जब वह थाने में पत्नी के साथ गए तो उन पर पुलिस का धौंस जमाया. चौकीदार ने उन्हें धमकाया भी है. धमकी दी है कि अगर वह कुछ करेंगे तो अच्छा नहीं होगा. पुलिस के किसी भी अफसर के पास जाएं कुछ नहीं होगा.
"चौकीदार का कहना है कि मैं पुलिस में हूं, मुझे कोई कुछ नहीं कर सकते हो. थाना मेरा सहयोग करेगा. तुम केस कर के देख लो कभी केस नहीं होगा. यही कारण है कि थाना ने केस नहीं लिया है."-पीड़ित बच्चे के पिता
पुलिस पर पैसे मांगने का आरोप: इस मामले में पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं. घायल बच्चे के एक रिश्तेदार ने भी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये हैं. उनके अनुसार मेडिकल कॉलेज अस्पताल से जब पुलिस केस की पर्ची मगध मेडिकल थाना के लिए काटी गई तो वहां से एक पुलिस कर्मी आए. उन्होंने बयान लेने और आगे की करवाई के लिए 3000 की मांग की और कहा कि अगर वह पैसा देते हैं तो उनके केस को आगे बढ़ाया जाएगा.
'आग तापने में हुई है घटना'-SI : महकार थाना के प्रभारी थाना अध्यक्ष एसआई राजेंद्र पासवान ने कहा कि घटना आग तापने के दौरान दो बच्चों की लड़ाई के दौरान हुई है. दुकान के पास आग ताप रहे थे. तभी जब बच्चों में कहासुनी हुई तो पास में रखे पेट्रोल की एक बोतल जिस में कुछ ही तेल होगा उसको आग में फेंक दिया. जिससे 6 साल का बच्चा घायल हो गया है.
"वह लोग बच्चे के साथ आए थे. हम लोगों ने बच्चे को घायल देख कर पहले बच्चे को इलाज कराने के लिए भेजा था. पहले महकार पीएचसी गए थे, जहां से फिर इलाज के लिए गया रेफर कर दिया गया है."- राजेंद्र पासवान, प्रभारी थाना अध्यक्ष, महकार थाना
समझौता कराने का प्रयास: थाना इंचार्ज ने कहा कि स्थानीय मुखिया कुछ लोगों के साथ थाने आए थे. समझौता करने की बात कर रहे थे, लेकिन पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. अभी परिजनों की ओर से लिखित आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है. आवेदन प्राप्त होते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. हो सकता है कि गया में ही चिकित्सा के दौरान परिजनों ने वहां स्थानीय थाना में बयान दिया हो, उसके तहत भी आगे की कार्रवाई होगी.
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