नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने वेलकम थाना अंतर्गत जनता कॉलोनी से ऑनर किलिंग में डबल मर्डर के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. मामले में आरोपी दिलशाद जिसकी उम्र 43 साल है काफी दिनों से फरार चल रहा था. आरोपी दिलशाद को मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी लेकिन वो इस दोहरे हत्याकांड में मिली पैरोल के बाद से पुलिस गिरफ्त से बाहर था.
पैरोल जंपर को क्राइम ब्रांच टीम ने किया गिरफ्तार
पिछले 3 सालों से पुलिस की आंख में धूल झोंक रहे इस पैरोल जंपर को अब क्राइम ब्रांच टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. पूरा मामला बहन के जाति से अलग लव मैरिज करने की वजह से की गई ऑनर किलिंग से जुड़ा है. डीसीपी (क्राइम) अमित गोयल के मुताबिक नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के जनता कॉलोनी के रहने वाले मोहम्मद इमरान की ओर से शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया था कि आरोपी दिलशाद ने अपने परिवार के सदस्यों और दोस्त के साथ मिलकर उसके भाई और मां को गोली मार दी. उसकी बहन की गर्दन में सरिया भी घोंप दिया.
आरोपी सीलमपुर से भजनपुरा तक रात में ऑटो चलाने का कर रहा था काम
आरोपी का पता लगाने के लिए टीम रिकॉर्ड के अनुसार उसके ठिकाने पर पहुंची, जहां पर पता चला कि आरोपी का परिवार 18 साल पहले उस घर को छोड़ चुका है. उसके बाद पता चला कि आरोपी कैलाश नगर में कहीं रह रहा है. उसके बारे में सुराग ढूंढने के लिए टीम ने कैलाश नगर में कई जगहों पर दबिश दी लेकिन उसका कोई पता नहीं लग पाया. क्राइम ब्रांच टीम को ठोस जानकारी मिली कि वह 18 माह पहले फिर से कैलाश नगर से यमुना विहार में शिफ्ट हो गया है और रात के वक्त सीलमपुर से भजनपुरा तक ऑटो चलाता है. इसके बाद टीम के सदस्य हेड कांस्टेबल सुरेंद्र ने आरोपी की जानकारी को और पुख्ता करने के लिए कई सीलमपुर से भजनपुरा के बीच ऑटो से सफर किया. इसके बाद 30 मई को उसके घर पर छापेमारी की गई और उसे पकड़ लिया गया.
27 मार्च 2006 को दोस्तों के साथ मिलकर किया था डबल मर्डर
पूछताछ करने पर आरोपी दिलशाद ने बताया कि बहन के प्रेम विवाह से कारण वह बहुत नाराज था और बदला लेने के लिए 27 मार्च 2006 को उसने अपने परिवार के सदस्यों और करीबी दोस्तों के साथ लड़के के घर पर हमला कर दिया था और उसके भाई और मां को गोली मार दी थी. इस हमले में उसकी बहन (ननद) भी गंभीर रूप से घायल हुई थी. इस मामले में उसको आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
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पैरोल पर रिहा होने के बाद से हो गया था फरार
10 मार्च, 2021 को उसे पैरोल पर रिहा किया गया था और उसे 6 अप्रैल, 2021 को जेल में सरेंडर करना था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया था. पुलिस से अपनी पहचान छुपाने के लिए वह सीलमपुर से भजनपुरा तक रात के समय ऑटो चलाता था और मोबाइल फोन का भी इस्तेमाल नहीं करता था ताकि उसे ट्रैक न किया वह मूल रूप से मुज्जफर नगर (यूपी) का रहने वाला है. इस मामले से पहले आरोपी दिलशाद आजीविका के लिए रिक्शा किराए पर देता था. फिलहाल वह दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में ऑटो चलाता था.
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