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घोड़े जैसी ताकत पानी है तो काम आएगा ये जादुई पौधा, फूल-पत्तियां और सब्जी खाने से छूमंतर हो जाएंगे दर्जनों रोग - Moringa Drumstick

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 20, 2024, 4:42 PM IST

Updated : Jul 20, 2024, 10:03 PM IST

हमारे आसपास प्राकृतिक के दिए कई ऐसे अनमोल उपहार हैं, जो हमारी जिंदगी बदल सकते हैं. जरूरत है बस सिर्फ इन्हें पहचानने और इस्तेमाल करने की है. आसानी से हर जगहउ गने वाला एक पेड़ है, जो कई बीमारियों में लाभ देने के साथ ही पोषण भी देता है. आइए जानते हैं इस पौधे के बारे में और खासियत...

सहजन कई बीमारियों में लाभदायक.
सहजन कई बीमारियों में लाभदायक. (Etv Bharat)

फर्रुखाबादः आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई किसी न किसी बीमारी से जूझ रहा है और चिकित्सकों का चक्कर लगा रहा है. हजारों लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी लाभ नहीं होने के बाद निराश भी हो रहे हैं. ऐसे में हम आपको ऐसे पेड़ के बारे में बताएंगे, जिसके फल, पत्ती, तना और फूल कई रोगों में लाभदायक है. इसके साथ ही आपके शरीर को बूस्टर भी देगा. इस पेड़ को देश के अलग-अलग हिस्सों में सेंजन, मुनगा, मोरिंगा ड्रमस्टिक्स या सहजन आदि नाम से जाा जाता है.

सहजन सिर्फ एक पेड़ ही नहीं मनुष्य को दिया प्रकृति का वरदान है. कोई ऐसा दूसरा पेड़ नहीं जिसकी जड़ से लेकर पत्ती,फल, ठंडल और फूल इतने सारे न्यूट्रिशन से देता है. इसलिए डॉक्टर भी इसे फार्मेसी कहते हैं. सुपर फूड कहे जाने वाले सहजन के अलग-अलग हिस्सों में कई रोगों की रोकथाम के गुण छुपे हैं. आयुर्वेद में इस पेड़ को किसी ना किसी बीमारी के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है. आलू विकास एवं शाकभाजी अधिकारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कीट इंडिया अभियान शुरू किया गया था. मन की बात में भी सहजन पौधे का जिक्र किया था. लोगों से भी अपील की थी कि इस पौधे को ज्यादा से ज्यादा प्रमोट करें.

पत्तियों के रस के सेवन से मोटापा होगा कम
सहजन की फली उदरशूल में और पत्ती नेत्र रोग, मोच, गठिया में उपयोगी है. जड़ दमा, जालोधर पथरी, पीलिया रोग के लिए उपयोगी है. छाल का प्रयोग सायाटिका,गठिया, आदि रोगों के लिए श्रेयष्कर है. सहजन के फली की सब्जी खाने से गुर्दे और से मूत्राशय की पथरी कट कर निकल जाती है. जड़ की छाल का काढा सेंधा नमक और हींग डालकर पीने से की पथरी में लाभ होता है. फली का रस सुबह-शाम पीने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है. पत्तियों के रस के सेवन से मोटापा धीरे-धीरे कम लगता है होने लगता है.

आलू विकास एवं शाक भाजी अधिकारी अधिकारी राघवेंद्र सिंह. (Video Credit; ETV Bharat)

सहजन के छाल और बीज से बनती हैं दवाएं
राघवेंद्र सिंह के मुताबिक, सहजन की फलियों का अचार और चटनी कई बीमारियों से मुक्ति दिलाने में सहायक है. यह जिस जमीन पर लगाया जाता है, उसके लिए भी लाभप्रद है. इसके फूलों और फलियां की सब्जी बनाई जाती है. इसके बाद इसके पेड़ों की छटाई कर दी जाती है. सहजन किसी भी भूमि को पनप सकता है. सहजन के बीज से तेल निकल निकल जाता है और छाल पत्ती कौन गोंद आदि से दवाएं तैयार की जाती हैं. सहजन में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम,पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन ए, सी और भी कंपलेक्स प्रचुर मात्रा में मौजूद हैं.

विटामिन सी और मिनरल्स का खजाना
आलू विकास एवं शाक भाजी अधिकारी अधिकारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि सहजन हम लोगों को भगवान का वरदान है. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पिछले वर्ष पौधे के उत्पादन के लिए लक्ष्य मिला था. जिसमें कहा गया था कि आम, अमरूद, करौंदा,अमरूद के साथ-साथ सहजन के पौधों का भी उत्पादन करें. इसका किसानों में भी प्रचार प्रसार करें. इसको ज्यादा से ज्यादा किसानों के खेतों में लगवाया जाए और विद्यालयों में लगवाया जाए. ऐसी जगह लगाया जा सके जहां पर इसका ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार हो सके और इसकी महत्व को समझ सके. उन्होंने बताया कि सहजन का जो पौधे में सबसे ज्यादा विटामिन सी और मिनरल्स पाए जाते हैं. अगर कोई व्यक्ति सहजन की सब्जी का सेवन करता है या उसकी पत्तियों या उसका फल का इस्तेमाल करता है तो कई बीमारियों से भी निजात मिल जाती है. सहजन का पौधा बाजार में बहुत सस्ते में उपलब्ध है और विभाग में भी फ्री दिया जाता है.

दूर भगाएगा कुपोषण
राघवेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कीट इंडिया अभियान शुरू किया गया था. मन की बात में भी सहजन पौधे का जिक्र किया था. लोगों से भी अपील की थी कि इस पौधे को ज्यादा से ज्यादा प्रमोट करें. राघवेंद्र सिंह ने बताया कि सहजन मिशन न्यूट्रिशहन में शामिल है. जो परिवार गरीब हैं, वह अपने बच्चों को न्यूट्रिशियन वाले खाद्य पदार्थ नहीं उपलब्ध करवा पा रहे हैं. ऐसे परिवार सहजन की सब्जियां बच्चों को खिलाएं, इससे कुपोषणता भाग जाएगी.

इसे भी पढ़ें-डिमेंशिया बीमारी से जूझ रहे हैं तो न हों परेशान, 'मनस्तिक' ऐप से घर बैठे होगा समाधान

फर्रुखाबादः आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई किसी न किसी बीमारी से जूझ रहा है और चिकित्सकों का चक्कर लगा रहा है. हजारों लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी लाभ नहीं होने के बाद निराश भी हो रहे हैं. ऐसे में हम आपको ऐसे पेड़ के बारे में बताएंगे, जिसके फल, पत्ती, तना और फूल कई रोगों में लाभदायक है. इसके साथ ही आपके शरीर को बूस्टर भी देगा. इस पेड़ को देश के अलग-अलग हिस्सों में सेंजन, मुनगा, मोरिंगा ड्रमस्टिक्स या सहजन आदि नाम से जाा जाता है.

सहजन सिर्फ एक पेड़ ही नहीं मनुष्य को दिया प्रकृति का वरदान है. कोई ऐसा दूसरा पेड़ नहीं जिसकी जड़ से लेकर पत्ती,फल, ठंडल और फूल इतने सारे न्यूट्रिशन से देता है. इसलिए डॉक्टर भी इसे फार्मेसी कहते हैं. सुपर फूड कहे जाने वाले सहजन के अलग-अलग हिस्सों में कई रोगों की रोकथाम के गुण छुपे हैं. आयुर्वेद में इस पेड़ को किसी ना किसी बीमारी के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है. आलू विकास एवं शाकभाजी अधिकारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कीट इंडिया अभियान शुरू किया गया था. मन की बात में भी सहजन पौधे का जिक्र किया था. लोगों से भी अपील की थी कि इस पौधे को ज्यादा से ज्यादा प्रमोट करें.

पत्तियों के रस के सेवन से मोटापा होगा कम
सहजन की फली उदरशूल में और पत्ती नेत्र रोग, मोच, गठिया में उपयोगी है. जड़ दमा, जालोधर पथरी, पीलिया रोग के लिए उपयोगी है. छाल का प्रयोग सायाटिका,गठिया, आदि रोगों के लिए श्रेयष्कर है. सहजन के फली की सब्जी खाने से गुर्दे और से मूत्राशय की पथरी कट कर निकल जाती है. जड़ की छाल का काढा सेंधा नमक और हींग डालकर पीने से की पथरी में लाभ होता है. फली का रस सुबह-शाम पीने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है. पत्तियों के रस के सेवन से मोटापा धीरे-धीरे कम लगता है होने लगता है.

आलू विकास एवं शाक भाजी अधिकारी अधिकारी राघवेंद्र सिंह. (Video Credit; ETV Bharat)

सहजन के छाल और बीज से बनती हैं दवाएं
राघवेंद्र सिंह के मुताबिक, सहजन की फलियों का अचार और चटनी कई बीमारियों से मुक्ति दिलाने में सहायक है. यह जिस जमीन पर लगाया जाता है, उसके लिए भी लाभप्रद है. इसके फूलों और फलियां की सब्जी बनाई जाती है. इसके बाद इसके पेड़ों की छटाई कर दी जाती है. सहजन किसी भी भूमि को पनप सकता है. सहजन के बीज से तेल निकल निकल जाता है और छाल पत्ती कौन गोंद आदि से दवाएं तैयार की जाती हैं. सहजन में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम,पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन ए, सी और भी कंपलेक्स प्रचुर मात्रा में मौजूद हैं.

विटामिन सी और मिनरल्स का खजाना
आलू विकास एवं शाक भाजी अधिकारी अधिकारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि सहजन हम लोगों को भगवान का वरदान है. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पिछले वर्ष पौधे के उत्पादन के लिए लक्ष्य मिला था. जिसमें कहा गया था कि आम, अमरूद, करौंदा,अमरूद के साथ-साथ सहजन के पौधों का भी उत्पादन करें. इसका किसानों में भी प्रचार प्रसार करें. इसको ज्यादा से ज्यादा किसानों के खेतों में लगवाया जाए और विद्यालयों में लगवाया जाए. ऐसी जगह लगाया जा सके जहां पर इसका ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार हो सके और इसकी महत्व को समझ सके. उन्होंने बताया कि सहजन का जो पौधे में सबसे ज्यादा विटामिन सी और मिनरल्स पाए जाते हैं. अगर कोई व्यक्ति सहजन की सब्जी का सेवन करता है या उसकी पत्तियों या उसका फल का इस्तेमाल करता है तो कई बीमारियों से भी निजात मिल जाती है. सहजन का पौधा बाजार में बहुत सस्ते में उपलब्ध है और विभाग में भी फ्री दिया जाता है.

दूर भगाएगा कुपोषण
राघवेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कीट इंडिया अभियान शुरू किया गया था. मन की बात में भी सहजन पौधे का जिक्र किया था. लोगों से भी अपील की थी कि इस पौधे को ज्यादा से ज्यादा प्रमोट करें. राघवेंद्र सिंह ने बताया कि सहजन मिशन न्यूट्रिशहन में शामिल है. जो परिवार गरीब हैं, वह अपने बच्चों को न्यूट्रिशियन वाले खाद्य पदार्थ नहीं उपलब्ध करवा पा रहे हैं. ऐसे परिवार सहजन की सब्जियां बच्चों को खिलाएं, इससे कुपोषणता भाग जाएगी.

इसे भी पढ़ें-डिमेंशिया बीमारी से जूझ रहे हैं तो न हों परेशान, 'मनस्तिक' ऐप से घर बैठे होगा समाधान

Last Updated : Jul 20, 2024, 10:03 PM IST
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