विकासनगर/टिहरी: नाबालिग का अपहरण कर दुराचार के आरोपी को थाना सहसपुर पुलिस ने हरियाणा के गुड़गांव से गिरफ्तार किया है. वहीं दूसरी और नाबालिग युवती को बेहला फुसला कर भाग ले जाने तथा शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को सेलाकुई पुलिस ने उत्तर प्रदेश से अरेस्ट किया है. वहीं, एक और मामले में नाबालिग को भगा ले जाने और दुष्कर्म करने के आरोपी को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट)/जिला एवं सत्र न्यायाधीश योगेश कुमार गुप्ता की अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई है.
पहला मामला: सहसपुर थाना क्षेत्र में एक महिला ने सूचना दी कि अज्ञात व्यक्ति उसकी नाबालिग 16 वर्षीय पुत्री को बहला फुसला कर ले गया है. सहसपुर थाना पुलिस ने सूचना के आधार पर संबंधित धाराओं में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना सहसपुर ने टीम का गठन किया. जिसके बाद पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर हरियाणा के सेक्टर 14 गुड़गांव से आरोपी को गिरफ्तार किया. उसके कब्जे से अपह्रता को सकुशल बरामद किया गया.
दूसरा मामला: थाना सेलाकुई पुलिस को सेलाकुई निवासी एक व्यक्ति ने प्रार्थना पत्र दिया कि उनकी नाबालिग बेटी को आरोपी सोनू कुमार बहलाला फुसलाकर भगा ले गया है. जिसके आधार पर थाना सेलाकुई पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. जिसके बाद टीम का गठन किया गया. आखिर में टीम ने आरोपी सोनू कुमार को लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया.
तीसरा मामला: नाबालिग को भगा ले जाने और दुष्कर्म करने के आरोपी को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट)/जिला एवं सत्र न्यायाधीश योगेश कुमार गुप्ता की अदालत ने आरोपी को 20 साल का कठोर कारावास और 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड जमा न करने पर छह माह का अतिरिक्त समय जेल में बिताना होगा. कोर्ट ने राज्य सरकार को पीड़िता को बतौर प्रतिकर ढाई लाख रूपये देने के निर्देश भी दिए हैं.
विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) महेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया 4 दिसंबर 2022 को बालगंगा तहसील के एक व्यक्ति ने राजस्व पुलिस चौकी में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 3 दिसंबर को उसकी 16 वर्षीय नाबालिग पुत्री सुबह 9 बजे स्कूल के लिए गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. उसकी खोजबीन करने पर पता नहीं चल पाया. फिर पता चला कि गांव की एक व्यक्ति उसकी पुत्री को भगाकर राजस्थान के जयपुर होटल ले गया. जहां वह काम करता है. आरोप लगाया कि बहला-फुसलाकर नाबालिग पुत्री को भगा गया है. जिसके बाद पुलिस ने पॉक्सो सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर खोजबीन शुरू की. पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस के जरिए आरोपी को 11 दिसंबर 2012 को जयपुर से गिरफ्तार किया. आरोपी को मेडिकल कराने के बाद उसे जेल भेजा गया. पुलिस ने 4 फरवरी 2023 को आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया. अभियोजन की ओर से कोर्ट में 28 कागजी दस्तावेज, गवाह और मेडिकल रिपोर्ट पेश कर उसके खिलाफ कड़ी सजा दिए जाने की पैरवी की. विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट)/जिला एवं सत्र न्यायाधीश योगेश कुमार गुप्ता की अदालत ने अभियुक्त को 20 साल कठोर कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई.