पटनाः बिहार की राजधानी आज मोदीमय नजर आ रही है. पूरा शहर पीएम मोदी की तस्वीरों और बीजेपी के झंडों से पटा पड़ा है. दरअसल पीएम मोदी का आज पटना में मेगा रोड शो है जिसको लेकर पार्टी ने जोरदार और शानदार तैयारी की है. ये पहला अवसर है जब किसी भी प्रधानमंत्री का पटना में रोड शो हो रहा है लेकिन इस रोड शो में एक मोदी की कमी खुद पीएम मोदी और पूरी बीजेपी को खलेगी.
रोड शो में नहीं दिखेंगे सुमोः पीएम मोदी के रोड शो के लिए बिहार बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है तो पटना के लोग भी पीएम मोदी के इस मेगा इवेंट शो के लिए पूरी तरह तैयार हैं. रोड शो में पीएम मोदी होंगे, सीएम नीतीश होंगे और बिहार बीजेपी के कई नेता भी होंगे, लेकिन वो चेहरा नहीं होगा जो पिछले कई दशकों से बिहार बीजेपी की पहचान रहा है. जी हां, इस रोड शो में बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी नहीं शामिल होंगे.
कैंसर से जूझ रहे हैं सुशील मोदीः पिछले चार दशकों से बिहार बीजेपी के सबसे बड़े चेहरा रहे सुशील कुमार मोदी इन दिनों कैंसर से जूझ रहे हैं. कुछ ही दिनों पहले सुशील मोदी ने खुद ही इसकी जानकारी शेयर की थी और बताया था कि वो इस चुनाव में सक्रिय हिस्सेदारी नहीं निभा पाएंगे. पीएम के रोड शो में सुशील मोदी की कमी बीजेपी को जरूर खलेगी.
'बिहार की राजनीति की बारीक समझ': वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी बताते हैं कि बिहार की राजनीति की जितनी समझ सुशील मोदी के पास है वैसी समझ फिलहाल तो बिहार बीजेपी के किसी नेता में नहीं है. समसामयिक जानकारियों के अलावा सुमो के पास पार्टी को लेकर प्रखंड स्तर की तक की सूचनाएं होती थीं. निश्चित तौर पर नरेंद्र मोदी को प्रदेश की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति के एक बेहतर जानकार की कमी खलेगी.
कभी नीतीश ने कहा था- बिहार में एक मोदी तो हैं ही: प्रवीण बागी बताते हैं कि "हाल के कुछ सालों में नरेंद्र मोदी और सुशील मोदी के संबंध बहुत ही बेहतर हुए थे. हालांकि जब नीतीश-सुमो की जोड़ी की बिहार में तूती बोलती थी तो ऐसी बात नहीं थी. सीएम नीतीश जहां नरेंद्र मोदी को पसंद नहीं करते थे वही सुशील मोदी के भी नरेंद्र मोदी से वैसे बेहतर रिश्ते नहीं थे. एक बार तो नीतीश कुमार ने NDA नेता के तौर पर नरेंद्र मोदी को बिहार बुलाने से मना कर दिया था और सुशील मोदी के लिए कहा था कि बिहार में एक मोदी तो हैं ही."
" यदि सुशील मोदी स्वस्थ रहते और कार्यक्रम में होते तो इस रोड शो का माहौल और भी शानदार होता. वो पीएम को पटना की गली-गली के माहौल और राज्य की हर राजनीतिक घटनाक्रम को आसानी से ब्रीफ कर देते. बिहार बीजेपी में अभी वैसे नेताओं की कमी है जिसका प्रदेश स्तर पर संगठन के कार्यकर्ताओं में अच्छी पकड़ हो." प्रवीण बागी, वरिष्ठ पत्रकार
'खल रही है सुशील मोदी की कमी:'बिहार बीजेपी के प्रवक्ता राकेश सिंह ने कहा कि "नरेंद्र मोदी के रोड शो में सुशील मोदी की काफी कमी खल रही है. सुशील मोदी बिहार बीजेपी के सबसे बड़े अभिभावक हैं. घर में जिस प्रकार बड़े आयोजन में अभिभावक नहीं होते हैं तो जो कमी खलती है वही कमी बीजेपी को खल रही है."
नीतीश-सुमो की मशहूर जोड़ीः एक जमाना था जब बिहार NDA में नीतीश-सुमो की जोड़ी का जलवा था.वर्तमान समय में एनडीए बिहार में नीतीश कुमार को छोड़ दे तो सुशील मोदी के कद का और उतनी जानकारी रखने वाला कोई नेता नहीं है. उन्हें हर गांव के जातिगत, धार्मिक और सामाजिक समीकरण का बेहतर ज्ञान है. उन्हें यह बेहतर तरीके से पता होता था कि कौन पार्टी में सक्रिय है, कौन सक्रिय नहीं है, कौन पार्टी के साथ काम कर रहा हैं और कौन पार्टी के खिलाफ काम कर रहा है.
बेहतर चुनाव प्रबंधक हैं सुशील मोदीः बिहार की सियासत की समझ रखनेवालों का मानना है कि सुशील मोदी की सक्रियता की कमी बीजेपी को इसलिए भी अधिक खल रही है क्योंकि अभी चुनाव का समय चल रहा है. बिहार बीजेपी के नेताओं में चुनाव का बेहतर प्रबंधन जितना सुशील मोदी जानते हैं, शायद ही कोई जानता हो.
3 अप्रैल को दी थी कैंसर की जानकारीः बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी इन दिनों कैंसर से जूझ रहे हैं. 3 अप्रैल 2024 को सुशील कुमार मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X के जरिये खुद इसकी जानकारी दी थी और लिखा था कि इस लोकसभा चुनाव में वो कुछ नहीं कर पाएंगे.