मोतिहारीः महिला अब हर क्षेत्र में सशक्त हो रही है. चाहरदीवारी के भीतर घूंघट में रहने वाली महिलाएं कृषि क्षेत्र में भी झंडा फहराने को तैयार हैं. ड्रोन दीदी के नाम से मशहूर हो चुकी महिलाओं ने ड्रोन उड़ाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन पूर्वी चंपारण जिला के पिपराकोठी प्रखंड स्थित वीरछपरा गांव में किया. सोमवार को आयोजित पीएम नमो ड्रोन दीदी कार्यक्रम का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया.
4 राज्यों के महिलाएं शामिलः इस मौके पर कार्यक्रम में बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश और उड़ीसा की ड्रोन दीदियों ने ड्रोन से यूरिया छिड़काव का प्रदर्शन किया. ड्रोन पायलट बनी उड़ीसा की कुमुदनी साई ने बताया कि हमरा एक फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी है. फर्टिलाइजर का इनपुट बनाने का लाइसेंस मिला. साथ ही इफको ने मेरा चयन ड्रोन दीदी के रुप में किया. महाराष्ट्र में मेरी 15 दिनों की ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग हुई.
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस महान काम से हम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में काफी मदद मिलेगी. ट्रेनिंग के बाद ड्रोन फायलट का सर्टिफिकेट मिला. उसके बाद यहां कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला. ड्रोन पायलट बनकर बहुत अच्छा लग रहा है. इफको ने ड्रोन दिया है जिससे हमारी आमदनी बढ़ेगी."- कुमुदनी साई, उड़ीसा
'ड्रोन दीदी बनकर काफी अच्छा लगा': मोतिहारी केसरिया प्रखंड स्थित सरोत्तर की रहने वाली ड्रोन पायलट अर्चना रानी ने बताया कि "ड्रोन दीदी बनकर काफी अच्छा लग रहा है. मैं अपनी समूह की महिलाओं की इससे सहायता करुंगी. उनके साथ मिलकर इस काम को आगे बढ़ाउंगी. गांव के लोग जब मुझे ड्रोन दीदी कहकर पुकारते हैं तो बड़ा अच्छा लगता है. ड्रोन दीदी बनने के बाद हमारी कमाई बढ़ जाएगी."
'हमें अब किसी पर निर्भर नहीं रहना': समस्तीपुर की ड्रोन दीदी रुपम आनंद ने बताया कि "जो महिलाएं अपने घर से बाहर नहीं निकल पाती थी. जो अपने पति का नाम नहीं बोल पाती थी उन महिलाओं में काफी बदलाव आया है. पहले मैं हाउस वाइफ थी लेकिन अब ड्रोन पायलट बनने के बाद हम महिलाएं भी कमा सकती है. पॉकेट खर्च निकाल सकती है. अपनी कमाई से अपने बाल बच्चों को पढ़ा सकती है. हमें अब किसी पर निर्भर नहीं रहना है."
102 महिलाओं को मिला लाइसेंसः मोतिहारी के अलावा पूरे देश में ग्यारह जगहों पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. स्वयं सहायता समूह की कुल 1094 महिलाओं को ड्रोन दिया गया. प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बाद पूर्वी चंपारण जिला में भी बिहार, झारखंड,उत्तरप्रदेश और उड़ीसा की 102 प्रशिक्षित ड्रोन पायलट दीदियों ने एकसाथ नैनो यूरिया के छिड़काव का डेमो दिखाया.
300 रुपए प्रति एकड़ की कमाईः प्रशिक्षित ड्रोन दीदियों को डीजीसीए ने पायलट का लाइसेंस दिया है. ये सभी ड्रोन दीदियां प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र से जुड़ेगी जहां ड्रोन रहेगा. खेतों में नैनो यूरिया छिड़काव कराने को इच्छुक किसान प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र से संपर्क करेंगे. फिर ये ड्रोन दीदियां ड्रोन लेकर किसान के खेत पर जाएगी. ड्रोन से यूरिया का छिड़काव करेंगी. ड्रोन दीदियों को 300 रुपया प्रति एकड़ के हिसाब से कमाई होगी.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कार्यक्रम को सराहाः स्वयं सहायता समूह जुड़ी 102 दीदियों को ड्रोन दिया किया गया. इफको द्वारा आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय सांसद व पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, उर्वरक मंत्रालय के निदेशक जॉन टोपिनो, डीएम सौरभ जोरवाल, डीडीसी समीर सौरभ समेत इफको के अधिकारी और सैकड़ों किसान मौजूद रहे. केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने इस कार्यक्रम की प्रशंशा की.
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