जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजस्थान में भाजपा की नाक का सवाल बनी चूरू सीट पर पार्टी के प्रत्याशी देवेंद्र झाझड़िया के समर्थन में जनसभा को संबोधित करेंगे. भारतीय जनता पार्टी से दो बार चूरू से सांसद चुने गए राहुल कस्वां इस बार बगावत का रुख अख्तियार करने के बाद कांग्रेस की टिकट पर भाजपा को चुनौती दे रहे हैं. उनके सामने पैरा ओलंपिक चैंपियन देवेंद्र झाझड़िया मुकाबले में है.
चूरू की इस सीट का असर शेखावाटी की दो और लोकसभा पर नजर आता है. जहां झुंझुनू और सीकर में भी कांग्रेस ने इस बार अपनी रणनीति में बदलाव किया है. जाहिर है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए विपक्ष ने इसी शेखावाटी की जाट लैंड पर कड़ी चुनौती पेश की थी, लिहाजा भाजपा ने चूरू में चेहरा बदला, झुंझुनू में कड़ा फैसला लेते हुए विधानसभा चुनाव हारने वाले मौजूदा सांसद का टिकट काटने के बाद मौजूदा विधायक पर दांव खेला और सीकर में लगातार तीसरी बार स्वामी सुमेधानंद को टिकट दिया. वहीं कांग्रेस ने भाजपा से बगावत कर रहे कस्वां परिवार को अपनी कुनबे में शामिल करने के ठीक अगले दिन ही टिकट दे दिया.
इसी तरह सीकर में कॉमरेड अमराराम पर अपना भरोसा जताया और गठबंधन के लिए सीट को खाली छोड़ दिया, तो झुंझुनू में ओला परिवार पर दावं खेलते हुए शीशराम ओला की विरासत को भुनाने की कोशिश की. ऐसे में कोटपूतली में जनसभा को संबोधित करते हुए सीकर के नीमकाथाना क्षेत्र के वोटर को मोदी ने साधने का प्रयास किया. अब चूरू में आकर देवेंद्र झाझरिया को मजबूत बनाने का मोदी प्रयास करेंगे.
6 को पुष्कर की सभा के राजनीतिक मायने: शनिवार 6 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी पुष्कर में एक जनसभा को संबोधित करने वाले हैं. पहले नागौर लोकसभा क्षेत्र के परबतसर और मकराना के बीच में यह जनसभा प्रस्तावित थी. लेकिन बाद में भाजपा ने फैसला बदलते हुए इसका पुष्कर में होना तय किया. रणनीतिक लिहाज से यह फैसला भी काफी अहम है पुष्कर से सटे नागौर की प्रत्याशी ज्योति मिर्धा और अजमेर के प्रत्याशी भागीरथ चौधरी हाल ही में विधानसभा चुनाव में शिकस्त का सामना कर चुके हैं. हालांकि नागौर में पहले चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग होगी तो अजमेर में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा. यह दोनों जिले भी जाट बाहुल्य राजनीति का हिस्सा माने जाते हैं.
ऐसे में भाजपा के लिए अजमेर के मुकाबले नागौर में कड़ी चुनौती नजर आ रही है. पिछले चुनाव में भाजपा के समर्थन में जीतने वाले हनुमान बेनीवाल इस बार कांग्रेस के समर्थन को हासिल कर भाजपा के खिलाफ ही चुनाव मैदान में है. ज्योति मिर्धा दो लोकसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद एक विधानसभा चुनाव में पराजित हो चुकी है. ऐसे में दोनों ही प्रत्याशियों को अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए पीएम मोदी का साथ चाहिए.
12 अप्रैल को दौसा में भी दौरा प्रस्तावित: जयपुर से सटे दौसा जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी के प्रत्याशी कन्हैयालाल मीणा के समर्थन में वोट अपील कर सकते हैं. भाजपा के लिए लगातार दो बार के विधायक कांग्रेस के प्रत्याशी मुरारी लाल मीणा यहां से चुनौती पेश कर रहे हैं. सचिन पायलट का समर्थन हासिल कर गुर्जरों और मीणा जाति के वोट को एक जगह करने वाले मुरारी लाल मीणा यहां कन्हैयालाल मीणा को बराबर की टक्कर दे रहे हैं. इसके अलावा दौसा में अपनी वर्तमान सांसद जसकौर मीणा और पूर्व सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा के बीच की राजनीतिक अदावत का भी नुकसान होने का डर भाजपा को है. ऐसे में पार्टी के अंदर के द्वंद्व और मजबूत प्रत्याशी की चुनौती का सामना करने के लिए भाजपा मोदी के आसरे पर टिकी हुई है. इस सीट पर भी पहले चरण में ही वोट डाले जाने हैं, ऐसे में पूर्वी राजस्थान में दौसा भी भाजपा के मिशन 25 को पूरा करने के लिए काफी अहम है.